भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान में जो कुछ भी हुआ है, उसकी उम्मीद थी, मगर यह अंदाजा नहीं था कि यह इतनी जल्दी हो जाएगा।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की। रावत ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा की जा रही तैयारियों और ऑपरेशन की जानकारी पीएम मोदी को दी।
भारत और चीन के बीच लगातार जारी गतिरोध के बीच किसी भी स्थिती से निपटने को लेकर भारत LAC पर अपनी सुरक्षा को लेकर बहुत गंभीर है। भारत सीमा पर लगातार अपनी स्थिती को मजूबत करता जा रहा है।
बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि भारतीय बल देश की सीमाओं की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होनें कहा कि आरएसई द्वारा निर्मित स्टील्थ फ्रिगेट ‘हिमगिरि’ को शामिल करने से भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होगा।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सीडीएस रावत ने कहा कि चीन की पीएलए लद्दाख में अपने दुस्साहस को लेकर भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अप्रत्याशित परिणाम का सामना कर रही है।
यदि आतंकवादी भारतीय सेना के काफिले पर एक और बड़ा हमला करने में कामयाब हो जाते, तो भारत को जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ता, जैसा कि उसने बालकोट में किया था।
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि उभरते रक्षा परिदृश्य में न केवल उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर, बल्कि ‘‘विस्तारित पड़ोस’’ के रणनीतिक स्थान पर भी भारत की सुरक्षा कायम रखी जाएगी।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा, ''जो सैनिक फ्रंटलाइन पर तैनात हैं, हमारे विमान को उड़ा रहे हैं, समुद्र में हमारे जहाजों पर तैनात हैं, उनमें से कोई भी कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं हुआ है।''
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्पों पर भी विचार हो रहा है।
शुक्रवार को लेह के लिए पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दौरा निर्धारित था लेकिन गुरुवार को अचानक उसे रद्द कर दिया गया था। उस समय कुछ लोगों के अलावा शायद ये कोई नहीं जानता था कि रक्षा मंत्री का दौरा क्यों रद्द हुआ है।
चीन और भारत के सैनिकों के लद्दाख की गलवान वैली में बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है और इस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, तीनों सर्विस चीफ़ के साथ पूरे फ़ेस ऑफ़ को लेकर हाई लेवल मीटिंग चल रही है।
चीनी सैनिकों के साथ एलएसी पर हुई हिंसक झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस बिपिन रावत के साथ बैठक की। इस बैठक में तीनों सेनाओं के अध्यक्ष और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजदू थे।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने एक साल तक हर महीने पीएम केयर्स कोष में 50 हजार रुपए दान करने का फैसला किया है।
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने कहा कि कर्तव्य निभाने में भारतीय सेना चूक नहीं करती है।हंदवाड़ा में जब आतंकवादियों ने आम नागरिकों को बंधक बनाया और ढाल की तरह उनका इस्तेमाल कर रहे थे तब भारतीय सेना के अफसरों और जवानों ने अपनी शहादत देकर आम नागरिकों की जान बचाई।
इंडिया टीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कोरोना योद्धाओं, हंदवाड़ा मुठभेड़ और रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया परियोजना के बारे में बात की
रक्षा मंत्री ने कहा कि, 'हंदवाड़ा में हमारे जवानों और सुरक्षाकर्मियों की क्षति बेहद परेशान करने वाली और दर्द भरी है। इन्होंने आंतकवादियों के खिलाफ अदम्य साहस दिखाया और देश सेवा में बड़ा बलिदान दिया। हम इनकी बहादुरी और संघर्ष को कभी भुला नहीं पाएंगे।'
कोरोना वायरस संकट के दौरान उससे सीधे-सीधे निपटने में जुटे लाखों डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों, सफाई कर्मचारियों और अन्य कोरोना योद्धाओं को रविवार को धन्यवाद देने के लिए विभिन्न अस्पतालों पर पुष्पवर्षा, समुद्र में खड़े जहाजों पर रोशनी करने और फ्लाई-पास्ट करने की तैयारियों में सेना पूरे जोर-शोर से जुटी हुई है।
जनरल रावत ने कहा कि पूरे देश में कोरोना वॉरियर्स ने बेहतरीन काम किया है वहीं दूसरी ओर देशवासियों ने सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन किया है
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि भारत में पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए दो से पांच ‘थियेटर कमान’ होंगी और ऐसी पहली कमान 2022 तक प्रभाव में आने की संभावना है।
देश के प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को कहा कि भारतीय हवाई क्षेत्र में सभी कार्रवाइयों को कवर करने के लिए, हिंद महासागर के नजदीकी क्षेत्र में सभी नौसैनिक अभियानों को देखने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा एक ‘प्रायद्वीपीय कमान’ और एक साजो सामान कमान का गठन किए जाने की संभावना है।
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