1. बिहार को लेकर दिल्ली में बीजेपी की बड़ी बैठक...प्रभारी विनोद तावड़े के घर जुटे सम्राट चौधरी, रेणु देवी, नागेंद्र नाथ त्रिपाठी..जेपी नड्डा ने अपना केरल दौरा रद्द किया. 2. लालू की बेटी पर केसी त्यागी का निशाना, पूछा- कौन है रोहिणी आचार्य...बच्चों को बड़ों के बीच नहीं बोलना चाहिए.
पटना से लेकर दिल्ली तक मीटिंग का दौर जारी है। बीजेपी आलाकमान ने बिहार के पार्टी नेताओं को दिल्ली बुला लिया है। इनमें प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और सुशील मोदी शामिल हैं।
बिहार में सियासी उठापटक की आशंका तेज होती जा रही है। दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार जल्द ही कोई राजनीतिक फैसला ले सकते हैं। इस बीच एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है।
बिहार की सियासत में बड़े बदलाव के कयास जारी हैं। राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी लगातार राजनीतिक बयान देती हैं। हालांकि, उन्होंने कुछ ऐसे ट्वीट किए हैं जिनसे बिहार में सियासी संकट का अंदाजा सही होता नजर आ रहा है।
नरेंद्र मोदी की पार्टी के पास एक हाथ में मंडल है और दूसरे हाथ में कमंडल है। और अभी तो 2024 के चुनाव के लिए मोदी की पार्टी शुरु हुई है। अभी तो जनवरी का तीसरा हफ्ता चल रहा है..फरवरी के पहले हफ्ते में बड़ा प्लान आने वाला है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया है। इसके बाद नीतीश कुमार ने इस कदम के लिए पीएम मोदी की तारीफ की है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न देने का ऐलान किया है। एक तरफ जहां जदयू ने इसे लेकर पीएम मोदी को शुक्रिया कहा है तो वहीं राजद ने इसपर तंज कसा है। जानिए इसका बिहार की राजनीति पर क्या असर होगा?
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत सरकार ने भारत रत्न देने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार के इस फैसले को जदयू ने जहां ऐतिहासिक फैसला कहा है तो वहीं राजद ने तंज कसा है कि वोट बैंक के लिए भाजपा ने ऐसा किया है।
बिहार में नीतीश कुमार की आज राज्यपाल से मुलाकात के बाद कयासबाजी तेज हो गई है कि नीतीश कुमार फिर से पलटी मारेंगे। इसपर, प्रशांत किशोर ने तंज कसा और बताया कि नीतीश कुमार किधर जाएंगे?
बिहार की सियासत और सीएम नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर चर्चा एक बार फिर से शुरू हो गई है। खबर है कि मंत्री विजय चौधरी के साथ नीतीश कुमार बिहार के राज्यपाल से मिलने पहुंचे हैं।
लालू प्रसाद द्वारा 15 जनवरी को आयोजित दही-चूड़ा भोज में शामिल होने के लिए जब नीतीश कुमार पैदल ही पहुंचे, तब यह माना जाने लगा था कि राजद-जेडीयू के रिश्ते में पड़ी गांठ सुलझ गई है। लेकिन बुधवार को 2 बड़ी बातें एक बार फिर चर्चा को गर्म कर रही हैं।
बिहार में मकर संक्रांति पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के घर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जाता है। सियासी गलियारे में दही-चूड़ा के इस भोज की खूब चर्चा होती है। इस मौके पर आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह भी पहुंचे, जहां उन्होंने श्रीराम को लेकर विवादित बयान दिया।
आज इंडी अलायंस के नेताओं की मीटिंग हुई..मीटिंग में कन्वीनर के पद पर कोई ठोस फैसला तो नहीं हो सका लेकिन बिहार के सीएम नीतीश कुमार के रुख को लेकर जरूर सवाल खड़े हो गए..नीतीश कुमार के मन में क्या है....क्या ये INDI गठबंधन के नेताओं को पता है..
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव इसी महीने बिहार का दौरा करने वाले हैं। यह भी माना जा रहा है कि बीजेपी ने यादव वोट बैंक में सेंधमारी की शुरुआत मोहन यादव के इसी दौरे के साथ कर दी है। वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीएम मोहन यादव के बिहार आने पर बयान दिया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई। मंत्रिपरिषद की इस बैठक में 19 एजेंडों पर मुहर लगी। इसमें पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने का भी फैसला लिया गया।
भाजपा ने बिहार में लव-कुश रथ यात्रा की शुरुआत की है। ओबीसी जातियां कुर्मी और कोइरी को बिहार में लव-कुश समाज कहा जाता है जो कि नीतीश कुमार के वफादार वोटर माने जाते हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में भाजपा बड़ी तैयारी कर रही है। लाखों श्रद्धालुओं को ट्रेन और बस से अयोध्या ले जाकर रामलला के दर्शन कराए जाएंगे। इसके लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
बिहार में सियासी हलचल तेज है। दिल्ली में जदयू कार्यकारिणी की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है और अब खुद सीएम नीतीश अध्यक्ष पद का जिम्मा संभालेंगे। अब भाजपा नेता सुशील मोदी ने बहुत बड़ी बात कह दी है।
आज नीतीश कुमार ने JDU को पूरी तरह से अपने क़ब्ज़े में ले लिया....आज नीतीश कुमार JDU के अध्यक्ष और राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह JDU के पूर्व अध्यक्ष हो गए....दिल्ली में JDU की दो दिन जो बैठक चली...उसका हासिल... सिर्फ ललन सिंह को अध्यक्ष पद से हटाकर नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाना था..
अगर नीतीश ने लालू का साथ छोड़ भी दिया तो RJD को क्या नुकसान होगा ? अगर नीतीश कुमार NDA का हिस्सा ना भी हो, तो बीजेपी की सेहत पर क्या फर्क पड़नेवाला है ? लेकिन अगर RJD या बीजेपी ने नीतीश को छोड़ दिया...तो बिहार में उनके लिए कितनी जमीन बची है ?
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