बिहार में बाढ़ का कहर जारी है। इस बीच बाढ़ का पानी बुधवार को सीवान जिले की सीमा में भी प्रवेश कर गया। हालांकि कई पुराने क्षेत्रों से बाढ़ का पानी अब निकल रहा है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 26 अगस्त को प्रस्तावित बाढ़ प्रभावित इलाके के हवाई सर्वेक्षण कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री यहां बाढ़ के बहाने 'हवाखोरी' करने आ रहे हैं।
बिहार के सीमांचल जिले सहित राज्य के 18 जिले पिछले 10 दिनों से बाढ़ की चपेट में हैं। राज्य सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाए जा रहे हैं। राहत की बात है कि कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घटने लगा है।
राहत कार्य में चर्चित नाम पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) निशांत कुमार तिवारी का रहा है, जो इन बाढ़ पीड़ितों के बीच 24 घंटे उपलब्ध रह रहे हैं। जिले के सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में इनकी छवि एक मसीहा के तौर पर उभर कर आई है।
बिहार के कटिहार जिले में महानंदा नदी के रौद्र रूप और बीच में गंगा नदी के तांडव ने सैकड़ों लोगों के आशियाने छीन लिए हैं।
बिहार के सीमांचल जिले सहित राज्य के 18 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाने का दावा कर रही है, परंतु अभी भी कई ऐसे इलाके हैं जहां के लोगों को राहत पहुंचने का इंतजार है।
बिहार के सीमांचल क्षेत्रों और नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। नदियों के जलस्तर में वृद्धि के काराण बाढ़ की स्थिति गंभीर बनती जा रही है।
पुल के किनारे का हिस्सा पूरी तरह बह चुका था। किनारे दर्जनों लोग खड़े थे। लोगों को अंदेशा था कि पुल का ये हिस्सा कभी भी गिर सकता है। बावजूद इसके लोग पुल पार करने की कोशिश कर रहे थे। दूर खड़े कुछ लोग ऐसा करने से मना भी कर रहे थे लेकिन कोई मानने को तैया
बिहार में बाढ़ की हालत दिन ब दिन भयावह होती जा रही है। बाढ़ का पानी कुछ क्षेत्रों में अगर निकल रहा है, तो कई नए क्षेत्रों में फैल भी रहा है। बिहार की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण बिहार के 15 जिलों में बाढ़ का पानी फैल गया है
मधुबनी में भी सैलाब में भारी तबाही मचाई है। यहां घर, फसल और जमा पूंजी सब कुछ सैलाब में बह चुका है। यहां लोगों को फिक्र सता रही है कि इनकी जिंदगी अब कैसे चलेगी।
नेपाल की सीमा से लगे बिहार इस उत्तरी जिले में सैलाब का कहर टूटा है। सैलाब के विकराल रुप के आगे न इंसानों का बस है और न सरकार का और न इंसानों की बनाई मशीनों का ।
केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि बिहार बाढ़ संकट पिछले करीब तीन दशकों में इस बार सबसे विकराल है।
नेपाल से तबाही बनकर आए सैलाब ने बिहार के पूर्णिया ज़िले में भी भीषण तबाही मचाई है। वहां से गुजरने वाले स्टेट और नेशनल हाईवे पानी में बह चुके हैं। रेलवे ट्रैक के नीचे से जमीन खिसक चुकी है।
बिहार के सीतामढ़ी जिले में भी बाढ़ का पानी कहर बनकर टूटा है। सैकड़ों गांवों का संपर्क देश-दुनिया से कटा हुआ है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF और SDRF की टीमें लगाई गई हैं।
सैलाब की ताकत का अंदाजा अररिया की सड़क पर साफ नजर आता है। यहां सड़क किनारे लुढके हुए ट्रकों की कतार है। यहां सड़क भी है और सड़क किनारे की जमीन भी नहीं धंसी है लेकिन ट्रक एक तरफ लाइन से पलट चुके हैं।
कटिहार में जिला भी बाढ़ की विनाशलीला झेल रहा है। यहां उफनती महानंदा ने भारी तबाही मचाई है।
पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आयी बाढ फ्लैश फ्लड से प्रदेश में अब तक 72 लोगों की मौत हो जाने के साथ बाढ़ से 14 जिलों की 73 लाख आबादी प्रभावित हुई है।
हालात ये हैं कि डॉक्टर्स अपना केबिन छोड़कर बाहर मरीजों को देख रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड में पानी भरने की वजह से बिजली काट दी गई है जिससे डॉक्टर से लेकर मरीजों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालात ये हैं कि पानी भरने से मरीजों को खाना तक नहीं मिल पा रह
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