2015 के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल के सीताराम यादव ने आसानी से जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी के अरुण शंकर प्रसाद को 10 हजार से भी ज्यादा मतों के अंतर से पराजित किया था।
2015 के विधानसभा चुनावों में एक कड़े मुकाबले में कांग्रेस की भावना झा ने बाजी मारी थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी विनोद नारायण झा को 4 हजार से भी ज्यादा मतों के अंतर से हराया था।
2015 के विधानसभा चुनावों में एनडीए की तरफ से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उम्मीदवार बसंत कुमार ने कड़े मुकाबले में जीत दर्ज की थी।
2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में जनता दल यूनाइटेड की रंजू गीता ने आसानी से जीत दर्ज की थी। उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की उम्मीदवार रेखा कुमारी को लगभग 17 हजार वोटों से हराया था।
2015 के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी सैयद अबु दोजाना ने एक बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्होंने अपने निकटतम निर्दलीय प्रतिद्वंदी को 23 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था।
2015 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की गायत्री देवी ने राष्ट्रीय जनता दल के राम चंद्र पुर्वे को 4017 मतों के अंतर से हराया था।
2015 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो रीगा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के अमित कुमार ने बीजेपी के मोती लाल प्रसाद को लगभग 23 हजार मतों के अंतर से मात दी थी।
2015 के चुनावों में बीजेपी के लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने आरजेडी के लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को लगभग साढ़े चार हजार मतों के अंतर से मात दी थी।
2015 के विधानसभा चुनावों में जनता दल युनाइटेड के श्याम रजक ने अपने निकतम प्रतिद्वंदी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राजेश्वर मांझी को लगभग 46 हजार मतों के बड़े अंतर से हराया था।
2015 के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार भाई वीरेंद्र ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के श्रीकांत निराला को लगभग 23 हजार मतों के अंतर से मात दी थी।
2015 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की आशा देवी ने राष्ट्रीय जनता दल के राज किशोर यादव को 5 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था।
2015 के विधानसभा चुनावों में आरजेडी के रामानंद यादव ने लोक जनशक्ति पार्टी से चुनाव लड़ रहे सत्येंद्र कुमार सिंह को 30,402 मतों के विशाल अंतर से मात दी थी।
2015 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के नंद किशोर यादव ने एक बेहद ही करीबी मुकाबले में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आरजेडी के संतोष मेहता को 3 हजार से भी कम मतों के अंतर से मात दी थी।
बीजेपी के नेता भी ये समझ गए हैं कि नीतीश कुमार के पंद्रह साल के शासन के बाद लोगों में नाराजगी तो है। कोरोना के दौरान मिस मैनेजमेंट हो या फिर बाढ़ के वक्त नीतीश की गैर-मौजूदगी, लोग ये सब भूले नहीं हैं।
कुम्हरार सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने सिटिंग विधायक अरुण कुमार सिन्हा को उतारा है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से धर्मेंद्र कुमार ताल ठोकते हुए नजर आएंगे।
भारतीय जनता पार्टी ने सिटिंग विधायक नितिन नवीन पर दांव खेला है, जबकि कांग्रेस ने लव सिन्हा को मैदान में उतारा है।
2015 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार संजीव चौरसिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी जेडीयू के राजीव रंजन प्रसाद को लगभग 25 हजार मतों के भारी अंतर से पराजित किया था।
बिहार में इस समय विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंके हुए हैं। यहां 28 अक्टूबर 2020 से मतदान शुरू हो रहा है जो कि 7 नवंबर तक तीन चरणों में संपन्न होगा। चुनावों के नतीजे 10 नवंबर 2020 को आने हैं।
2015 के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल की सावित्री देवी ने त्रिकोणीय मुकाबले में आसान जीत दर्ज की थी। उन्होंने निर्दलीय सुमित कुमार सिंह को 12 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया था।
2015 के चुनावों में बीजेपी के रविंद्र यादव ने जेडीयू के दामोदर रावत को लगभग 22 हजार मतों से हराया था।
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