लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट को लेकर भी कांग्रेस में नाराजगी दिखी थी। उस समय कई सीटों पर दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट देने के बाद सवाल उठाए गए थे। कार्यकर्ताओं को दरकिनार करना भी कांग्रेस को भारी पड़ गया।
बिहार में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में हुई सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
बिहार कांग्रेस को एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है। दरअसल बिहार कांग्रेस के दो विधायक भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए में चले गए हैं। ऐसे में बिहार विधानसभा में मांग की गई है कि दोनों विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाए।
प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के बाद पहली बार पटना पहुंचने अखिलेश प्रसाद सिंह का जोरदार स्वागत किया गया। कांग्रेस कार्यकर्ता एयरपोर्ट के बाहर एकत्र हो गए और वे पार्टी के झंडे लहराते और ढोल बजाते देखे गए।
वामपंथी विचारधारा छोड़कर छात्र नेता कन्हैया कुमार के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद से ही यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि कांग्रेस बिहार में कन्हैया को चेहरा बनाएगी।
कांग्रेस ने भागलपुर से अपने विधायक अजीत शर्मा को विधायक दल का नया नेता चुना है और कुटुम्बा सीट से विधायक राजेश कुमार राम को विधानसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक बनाया है।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, "कंपाउंड के बाहर एक वाहन से पैसे बरामद होने के बाद उन्होंने नोटिस दिया। कोई पैसा नहीं मिला।"
स चुनाव में राजद और वाम दलों के साथ तालमेल करके उतर रही कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। राजद 144 और वाम दल 29 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस में उठा आंतरिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह विवाद सोमवार को उस समय और गहरा गया, जब प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में पार्टी के प्रतिनिधि सम्मेलन में वर्तमान अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष के समर्थकों के बीच ज
कांग्रेस की बिहार इकाई में मचे घमासान और पार्टी में टूट के कयासों के बीच प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने गुरुवार को कहा कि एक साजिश के तहत उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की कवायद की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पार्टी में भीतरघात का खेल चल रहा है, जिसम
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