हर खबर की पीछे की सच्चाई जानने के लिए देखिये हक़ीकत क्या है | 3 नवंबर, 2020
2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में जनता दल यूनाइटेड की रंजू गीता ने आसानी से जीत दर्ज की थी। उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी की उम्मीदवार रेखा कुमारी को लगभग 17 हजार वोटों से हराया था।
बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरे चरण के लिए धुआंधार प्रचार किया जा रहा है. मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब मधुबनी के हरलाखी विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे, तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा.
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 94 सीटों पर वोटिंग जारी है। ताजा जानकारी के मुताबिक शुरुआत के दो घंटे में सुबह 9 बजे तक 8 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है।
बिहार के चुनाव प्रचार में विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार को अपने हमलों के केंद्र बिंदु में रखा हुआ है। राजद के तेजस्वी यादव और केंद्र में भाजपा के सहयोगी चिराग पासवान लगातार नीतीश कुमार पर हमले कर रहे हैं और उनपर बिहार के साथ विश्वासघात करने और बिहार का विकास न करने का आरोप लगा रहे हैं |
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने चल रहे बिहार चुनावों में, एक बार फिर राज्य में 'जंगल राज' लाने की कोशिश के लिए विपक्षी महागठबंधन पर हमला किया।
दिव्यांगजनों के लिए इंडिया टीवी का विशेष समाचार बुलेटिन | 2 नवंबर, 2020
2015 के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी सैयद अबु दोजाना ने एक बड़ी जीत दर्ज की थी। उन्होंने अपने निकटतम निर्दलीय प्रतिद्वंदी को 23 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंशवादी राजनीति को लेकर महागठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि एनडीए लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन महागठबंधन वंशवादी राजनीति के लिए समर्पित है।
2015 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की गायत्री देवी ने राष्ट्रीय जनता दल के राम चंद्र पुर्वे को 4017 मतों के अंतर से हराया था।
2015 के चुनावों में बीजेपी के प्रत्याशी दिनकर राम को 74763 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के सुरेंद्र राम के खाते में कुल 54597 वोट पड़े थे, और इस तरह दिनकर 20 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से जीते थे।
2015 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो रीगा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के अमित कुमार ने बीजेपी के मोती लाल प्रसाद को लगभग 23 हजार मतों के अंतर से मात दी थी।
2015 के चुनावों की बात करें तो फैसल रहमान ने पवन कुमार जायसवाल पर बड़ी जीत दर्ज की थी। उन चुनावों में आरजेडी के टिकट पर फैसल ने बीजेपी उम्मीदवार पवन को 19 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त दी थी।
बिहार चुनाव देश में महामारी के बाद से पहला बड़ा चुनाव है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के लिए एक परीक्षण है क्योंकि उन्हें कई मोर्चों पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
2015 के चुनावों में बीजेपी के लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने आरजेडी के लक्ष्मी नारायण प्रसाद यादव को लगभग साढ़े चार हजार मतों के अंतर से मात दी थी।
हर खबर की पीछे की सच्चाई जानने के लिए देखिये हक़ीकत क्या है | 1 नवंबर, 2020
पीएम मोदी ने कहा, 'जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) आया तो इन्होंने झूठ फैलाया कि बहुत सारे भारतीयों की नागरिकता चली जाएगी | अब एक साल होने को है, लेकिन क्या किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता गई ?'
प्रधानमंत्री ने कहा, ''महागठबंधन के साथ देश के टुकड़े करने वाले बाराती बनकर जुटे हुए हैं। इनको मौका मिला तो बिहार फिर से जंगलराज के खतरनाक दौर में पहुंच जाएगा। इसके लिए बिहार को सावधान रहना है। जंगलराज के युवराज से सभी को अलर्ट रहना है।''
कई वर्षों तक बिहार पर शासन करने वाले बाहुबलियों ने राज्य की राजनीति के लिए प्रासंगिक बने रहने के साथ कई दलों को समर्थन दिया।
जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव की प्रचार रैली के लिए मंच टूट गया। वह मुजफ्फरपुर के मिनापुर विधानसभा क्षेत्र में लोगों को संबोधित कर रहे थे।
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