जहर पीने से पहले परिवार ने एक वीडियो भी बनाया था जिसकी जांच पुलिस कर रही है।
'हास्य विरोध प्रदर्शन' के दौरान अरविंद नगर के लोगों ने हाथों में पोस्टर और बैनर भी लिए हुए थे। इन पोस्टर्स और बैनर्स पर लिखा था- सड़क गड्ढे जिम्मेदार लोगों को दिखाई नहीं देते। इन गड्ढों की वजह से कई बार लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं इसलिए इन्हें जल्दी से जल्दी भरा जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में नए तरह से बनाए गए 'कमलापति रेलवे स्टेशन' का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौज़ूद रहे।
पीएम मोदी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अगले 2 साल में देशभर में 75 वंदे भारत ट्रेनें चलायी जाएंगी। आधुनिक भारत के लिए रिकॉर्डतोड़ निवेश हो रहा है। रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ किसानों को, विद्यार्थियों को, व्यापारियों और उद्यमियों को होता है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की संस्कृृति और आजादी की लड़ाई में जनजातीय वर्ग के योगदान को याद करते हुए आजादी के बाद की सरकारों पर हमला बोला और कहा कि पिछली सरकारों ने जनजातीय वर्ग की समृद्ध विरासत के बारे में देश को बताया ही नहीं गया।
पीएम मोदी ने आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर आयोजित किए जा रहे जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शिरकत की। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखने का फैसला उनकी वीरता और पराक्रम को देखते हुए लिया गया। मध्य प्रदेश में गोंड जनजाति की सबसे बड़ी आबादी है इसलिए नया रानी कमलापति स्टेशन उनकी विरासत और इस जनजाति के योगदान का सम्मान करने का एक हिस्सा है।
भोपाल जिले के बैरसिया कस्बे में मंगलवार रात को एक मंदिर में ठाकुर ने कहा, ‘‘सुबह पांच बजकर कुछ मिनट पर बहुत जोर-जोर से आवाजें आती है और वो आवाजें लगातार चलती रहती हैं। सबकी नींद हराम होती है। सबकी नींद खराब होती है।’’
राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि घटना के वक्त वार्ड में 40 बच्चे थे, जिनमें से 36 सुरक्षित हैं। प्रत्येक मृतक के माता - पिता को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
कोई बड़ा हादसा होने से पहले वहां से सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियों की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
आशा-उषा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर दीपावली के दिन चार नवंबर को भोपाल में प्रदर्शन का ऐलान किया था। यह प्रदर्शन करने बुधवार-गुरुवार की देर रात को भोपाल पहुंची, मगर स्टेशन से बाहर अपने प्रदर्शन स्थल तक नहीं जा सकी, क्योंकि पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई।
प्रतिमा विसर्जन जूलूस जब बजारिया चौराहे रेलवे स्टेशन के पास प्लेटफार्म नंबर एक के सामने से निकल रहा था, इसी दौरान चांदबड़ की ओर से एक तेज रफ्तार कार लोगों को रौंदते हुए जुलूस में घुस गई।
ईंटखेड़ी पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक आरएस वर्मा ने मीडिया को बताया कि युवक और लड़की के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है लेकिन वीडियो में देखे गए दो लोगों के खिलाफ IPC की धारा 151 के तहत कार्रवाई की गई तथा उन्हें इस तरह की हरकत नहीं करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
भोपाल में एक ऐसी महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता है जिन्होंने जनवरी से अब तक बगैर छुट्टी लिए 62 हजार से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी है।
भोपाल में एक गोलगप्पे वाले ने बेटियों को बोझ समझने वालों को एक बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने बेटी पैदा होने की खुशी में लोगों को दिनभर मुफ्त पानीपुरी खिलाई।
भोपाल में गड्ढों वाली सड़क को लेकर एक अनोखा प्रदर्शन हुआ, इसमें महिला और बच्चों ने कैटवॉक किया। इस नजारे को देखकर ऐसे लग रहा था मानो वे रैंप पर कैटवॉक कर रही हों।
अपनी परेशानी को बयां करते हुए 40 वर्षीय रमेश ने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों की सलाह पर वह अपनी पत्नी किरण (38) को SN मेडिकल कॉलेज ले गए लेकिन वहां पैसे की मांग की गई जिसकी वजह से वह उसे भर्ती नहीं करा पाए।
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान विशेष तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं होने संबंधी केंद्र सरकार के बयान को लेकर मचे बवाल के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने विरोधियों पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि उसके विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने अदालतों में दावा किया कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई और उन्होंने केंद्र को दिए अपने जवाब में भी इसी प्रकार के दावे किए।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कीटनाशक संयंत्र से दो-तीन दिसंबर 1984 की मध्य रात्रि को मिथाइल आइसोसाइनेट के रिसाव से शहर के 15 हजार से अधिक लोग मारे गए थे और पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए।
जो लोग अब तक ये सोच रहे हैं कि कोरोना वायरस सिर्फ फेफड़ों में पहुंचकर जानलेवा हो जाता है, वे इसके खतरे को निश्चित तौर पर कम करके आंक रहे हैं।
संपादक की पसंद