Corona Crisis के बीच मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कोरोना के मामले बढ़ने से पहले सरकार ने Bharat Biotech की Nasal Vaccine को मंजूरी दे दी है। #coronavirus #omicronvariant #coronaviruscases #mansukhmandaviya #pmmodi #indiatv #hindinews
Corona Crisis के बीच मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कोरोना के मामले बढ़ने से पहले ही सरकार ने लोगों को राहत मिले इसके इंतज़ाम कर लिए हैं। इसके तहत भारत में एक और Booster Dose Vaccine को मंजूरी मिल गई है। #coronavirus #omicronvariant #mansukhmandaviya #indiatv #hindinews
कोरोना के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान अब और अधिक मजबूत होगा। दरअसल बच्चों के लिए बनाई गई Covaxin कोविड वैक्सीन को डीसीजीआई ने परमिशन दे दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस वैक्सीन के दो डोज बच्चों को लगाए जाएंगे। 2 से 18 साल के बच्चों को ये वैक्सीन लगाई जाएगी। सूत्रों ने बताया कि ट्रायल में बच्चों के ऊपर वैक्सीन का कोई भी साइड इफैक्ट सामने नहीं आया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट ने इस तथ्य को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है कि स्वदेशी रूप से निर्मित कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम होता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नवजात बछड़े के सीरम का उपयोग केवल वेरो कोशिकाओं की तैयारी और विकास के लिए किया जाता है |
जो लोग आज वैक्सीन पर हल्ला कर रहे हैं, जब प्रधानमंत्री वैक्सीन बनाने के लिए भारत के उद्यमियों को प्रेरित कर रहे थे तो हर तरह से भारत के मनोबल को तोड़ने का काम विपक्षी पार्टियों ने किया। आज 2 कंपनियों से 13 कंपनियों को वैक्सीन बनाने की इजाजत दी जा चुकी है:जे.पी.नड्डा
सीरम इंस्टीट्यूट इस समय हर महीने कोविशील्ड वैक्सीन की 6.5 करोड़ ख़ुराक बना रहा है। जो जुलाई के अंत तक बढ़कर 11 करोड़ डोज़ तक हो जाएगी। भारत बायोटेक 19 लाख डोज़ की क्षमता के साथ शुरू हुई। इस समय हर महीने 2 करोड़ कोवैक्सिन बना रहा है।जुलाई तक वो हर महीने 5.5 करोड़ वैक्सीन बनाने लगेगा।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान देश में कई जगहों पर बच्चों के कोरोना से संक्रमित होने के मामले बढ़े हैं, ऐसे में बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीन की मांग जोर पकड़ती जा रही है। इसी मांग को ध्यान में रखते हुए देश के दवा रेग्युलेटर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पूर्ण रूप से देश में विकसित की गई कोरोना वैक्सीन Covaxin के बच्चों पर दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि ‘कोवैक्सीन’ का निर्माण करने वालों ने उनसे स्पष्ट रूप से कहा है कि वे हमें और खुराक नहीं दे सकते। मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोवैक्सीन ने कल चिट्ठी लिखकर कहा है कि वैक्सीन नहीं दे सकते हैं क्योंकि वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।
केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 विषय विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को भारत बायोटेक द्वारा किए गए उस आवेदन पर विचार-विमर्श किया जिसमें उसके कोवैक्सीन टीके की दो साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था।
चीन प्रायोजित हैकर्स के ग्रुप ने भारत में वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के आईटी सिस्टम को बीते कुछ सप्ताह में निशाना बनाने की कोशिश की है। साइबर इंटेलिजेंस फर्म साइफर्म ने एक न्यूज एजेंसी को यह जानकारी दी है।
भारत भूटान और मालदीव के लिए 2,50,000 वैक्सीन खुराक के साथ प्रमुख पड़ोसियों के लिए अनुदान के आधार पर कोविशिल्ड वैक्सीन की सैकड़ों हज़ार खुराक की आपूर्ति शुरू करेगा। बांग्लादेश और नेपाल जैसे अन्य देशों में गुरुवार को उनकी आपूर्ति प्राप्त होने की संभावना है।
भारत बायोटेक द्वारा बनी, कोविड-19 वैक्सीन का पहला बैच बुधवार सुबह हैदराबाद से दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरा।
भारत बायोटेक के चेयरमैन - जिनके कोरोनवायरस वैक्सीन कोवैक्सिन को कल - जनहित में आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग ’दिया गया था - आज तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों की कमी और दवा की प्रभावकारिता पर सवाल उठाने वाले अन्य आलोचकों के सवाल पर उसने कड़ा सन्देश दिया।
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