कोविड-19, चिकनगुनिया, जीका, हैजा और अन्य संक्रमणों के लिए वैक्सीन विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि वैक्सीन की लागत वसूल हो।
भारत बायोटेक ने भारतीय औषधी नियामक को पत्र लिखकर स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 रोधी टीके कोवैक्सीन के उपयोग की अवधि को छह से 24 महीने बढ़ाने का आग्रह किया है।
भारत बायोटेक के बयान के मुताबिक, राज्य सरकार के लिए प्रति डोज़ 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रुपये प्रति डोज़ दिया जाएगा।
नेपाल के राष्ट्रीय दवा नियामक प्राधिकरण ने शनिवार को भारत बायोटेक के नेपाल को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है।
कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्तियों में कोविशील्ड टीके का तेजी से असर होता है और उनमें एंटीबॉडी का स्तर अधिक पाया जा रहा है। यह बात एक अध्ययन से सामने आयी है।
भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे जारी किए हैं। नतीजों में कहा गया है कि को-वैक्सीन 81 प्रतिशत सफल रही है।
चीन प्रायोजित हैकर्स के ग्रुप ने भारत में वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के आईटी सिस्टम को बीते कुछ सप्ताह में निशाना बनाने की कोशिश की है। साइबर इंटेलिजेंस फर्म साइफर्म ने एक न्यूज एजेंसी को यह जानकारी दी है।
‘भारत बायोटेक’ ने बताया कि उसने कोविड-19 के टीके ‘Covaxin’ की दो करोड़ खुराकें सप्लाई करने की डील की है।
भारत भूटान और मालदीव के लिए 2,50,000 वैक्सीन खुराक के साथ प्रमुख पड़ोसियों के लिए अनुदान के आधार पर कोविशिल्ड वैक्सीन की सैकड़ों हज़ार खुराक की आपूर्ति शुरू करेगा। बांग्लादेश और नेपाल जैसे अन्य देशों में गुरुवार को उनकी आपूर्ति प्राप्त होने की संभावना है।
भारत बायोटेक को कोविड-19 के अपने टीके ‘कोवैक्सीन’ की 45 लाख अतिरिक्त खुराकों के लिए केंद्र से ऑर्डर मिला है।
कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक की ओर से फैक्टशीट जारी की गई। इसमें कंपनी ने बताया है कि कौन कौन से लोग यह वैक्सीन न लें और कौन से लोगों के लिए यह वैक्सीन सुरक्षित है।
कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन की 55 लाख खुराकों की आपूर्ति के लिए सरकार से ऑर्डर प्राप्त करने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर टीका लगवाने के बाद किसी को गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होते हैं तो उसे कंपनी मुआवजा देगी।
कोविड-19 के खिलाफ भारत के टीकाकरण अभियान की तैयारियों ने बुधवार के जोर पकड़ा। विमानों के जरिये देश भर में विभिन्न हवाईअड्डों पर टीके की खेप पहुंचाई गई, जहां से ये छोटे शहरों को भेजी गईं।
भारत बायोटेक द्वारा बनी, कोविड-19 वैक्सीन का पहला बैच बुधवार सुबह हैदराबाद से दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरा।
भारत बायोटेक ने मंगलवार को अपना कोविड-19 का टीका ‘कोवैक्सिन’ देश के 11 शहरों में विमान के जरिये सफलतापूर्वक भेज दिया है। कंपनी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
Covaxin से पहले Covishield वैक्सीन को देश के 13 शहरों में भेजा गया है। Covishield का उत्पादन सीरम इंस्टिट्यूट ने किया है और मंगलवार को इस वैक्सीन को देश के 13 अलग-अलग शहरों में भेजा गया।
मध्यप्रदेश में भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले वालंटियर की कथित रूप से मौत के मामले में कंपनी का बयान सामने आया है।
कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक (Bharat Boitech)के बीच बयानबाजी से जो विवाद खड़ा हुआ था वह अब खत्म हो चुका है और दोनो कंपनियों ने मिलकर साझा बयान जारी किया है।
भारत में कोरोना के दो वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है लेकिन वैक्सीन बनानी वाली इन दोनों संस्थानों सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के बीच बयानबाजी भी जारी है।
भारत बायोटेक के चेयरमैन - जिनके कोरोनवायरस वैक्सीन कोवैक्सिन को कल - जनहित में आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग ’दिया गया था - आज तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों की कमी और दवा की प्रभावकारिता पर सवाल उठाने वाले अन्य आलोचकों के सवाल पर उसने कड़ा सन्देश दिया।
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