पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से कोवैक्सीन को जल्द मंजूरी दिलाने के लिए उनके हस्तक्षेप का आग्रह किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट ने इस तथ्य को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है कि स्वदेशी रूप से निर्मित कोवैक्सीन में नवजात बछड़े का सीरम होता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नवजात बछड़े के सीरम का उपयोग केवल वेरो कोशिकाओं की तैयारी और विकास के लिए किया जाता है |
भारत बायोटेक द्वारा जारी बयान में कहा गया कि भारत सरकार को 150 रुपये/खुराक पर कोवैक्सिन का आपूर्ति मूल्य, एक गैर-प्रतिस्पर्धी मूल्य है और स्पष्ट रूप से लंबे समय में वहनीय नहीं है।
देशभर के विभिन्न निजी अस्पतालों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई नई नीति के तहत कोविड-19 रोधी टीकों की खरीद को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है और इसकी वजह से उनके केंद्रों पर टीकाकरण स्थगित करना पड़ा है।
जो लोग आज वैक्सीन पर हल्ला कर रहे हैं, जब प्रधानमंत्री वैक्सीन बनाने के लिए भारत के उद्यमियों को प्रेरित कर रहे थे तो हर तरह से भारत के मनोबल को तोड़ने का काम विपक्षी पार्टियों ने किया। आज 2 कंपनियों से 13 कंपनियों को वैक्सीन बनाने की इजाजत दी जा चुकी है:जे.पी.नड्डा
सीरम इंस्टीट्यूट इस समय हर महीने कोविशील्ड वैक्सीन की 6.5 करोड़ ख़ुराक बना रहा है। जो जुलाई के अंत तक बढ़कर 11 करोड़ डोज़ तक हो जाएगी। भारत बायोटेक 19 लाख डोज़ की क्षमता के साथ शुरू हुई। इस समय हर महीने 2 करोड़ कोवैक्सिन बना रहा है।जुलाई तक वो हर महीने 5.5 करोड़ वैक्सीन बनाने लगेगा।
भारत बायोटेक ने कहा कि टीके का उत्पादन बढ़ाने एक कदम दर कदम आगे बढ़ने वाली प्रक्रिया है। इसमें कई तरह के नियामकीय और गुणवत्ता परक विनिर्माण व्यवहार की मानक परिचालन प्रक्रियायें शामिल हैं।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सरकार से कहा है कि उसने कोवैक्सिन टीके को आपात उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल कराने के लिए डब्ल्यूएचओ को 90 प्रतिशत दस्तावेज जमा कर दिये हैं।
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सरकार को सूचित किया है कि उसने कोवैक्सीन से जुड़े 90 प्रतिशत दस्तावेज पहले ही डब्ल्यूएचओ में जमा करा दिए हैं ताकि टीके को आपात इस्तेमाल के लिये सूचीबद्ध (ईयूएल) कराया जा सके।
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कोविड-19 से लड़ने में टीकाकरण सबसे प्रभावी हथियार है।
कोवैक्सीन टीके का निर्माण करनेवाली कंपनी भारत बायोटेक की सहयोगी फर्म बायोवेट अगस्त के अंत तक पुणे के मंजरी स्थित प्लांट से टीके का उत्पादन शुरू कर देगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने पड़ताल के बाद विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर 2 से 18 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए कोवैक्सीन (Covaxin) के दूसरे व तीसरे चरण के परीक्षण को मंजूरी दे दी है।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान देश में कई जगहों पर बच्चों के कोरोना से संक्रमित होने के मामले बढ़े हैं, ऐसे में बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीन की मांग जोर पकड़ती जा रही है। इसी मांग को ध्यान में रखते हुए देश के दवा रेग्युलेटर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने पूर्ण रूप से देश में विकसित की गई कोरोना वैक्सीन Covaxin के बच्चों पर दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि ‘कोवैक्सीन’ का निर्माण करने वालों ने उनसे स्पष्ट रूप से कहा है कि वे हमें और खुराक नहीं दे सकते। मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोवैक्सीन ने कल चिट्ठी लिखकर कहा है कि वैक्सीन नहीं दे सकते हैं क्योंकि वैक्सीन उपलब्ध नहीं है।
केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 विषय विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को भारत बायोटेक द्वारा किए गए उस आवेदन पर विचार-विमर्श किया जिसमें उसके कोवैक्सीन टीके की दो साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था।
भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि कोविड टीकों की आपूर्ति के संबंध में कंपनी की नीयत को लेकर कुछ राज्यों द्वारा शिकायत किया जाना काफी निराशाजनक है।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच केंद्र सरकार कोविड-19 के टीकों का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
Bharat Biotech Covid Vaccine Covaxin: हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता संस्थान ने ट्वीट कर कहा कि हमारे प्रयासों में कमी नहीं आएगी, हम अपने टीके की निरंतर आपूर्ति जारी रखेंगे।
इस मैसेज के वायरल होने के बाद से ही लगातार ये जानना चाहते हैं कि ये वायरल मैसेज सही है। अगर आप भी इस मैसेज की सच्चाई जानना चाहते हैं तो आपको बता दें कि भारत सरकार ने इस मैसेज को फर्जी करार दिया है।
कोरोना वैक्सीन के दाम को लेकर जारी विवाद के बीच एक राहत भरी खबर आयी है। भारत बायोटेक की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, राज्य सरकारों को COVAXIN 400 रुपए प्रति डोज़ मूल्य पर उपलब्ध होगी।
संपादक की पसंद