किसानों के संगठन नए कृषि कानूनों के विरोध में आज भारत बंद (राष्ट्रव्यापी बंद) का समर्थन कर रहे हैं, जिसमें कई ट्रेड और ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने समर्थन प्रदान किया है और लगभग सभी विपक्षी दल भी अपनी मांगों के समर्थन में हैं।
केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश देते हुए एक एडवाइजरी जारी की है। रेलवे ने भी अपने कर्मियों को यह कहते हुए सतर्कता बरतने को कहा कि प्रदर्शनकारी रेल अवरोधों का आयोजन कर सकते हैं।
तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया है। कृषि सुधारों के विरोध में किसानों का आज 13 वां दिन है।
कृषि कानूनों के विरोध में 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया है। ये आंदोलन सुबह से शाम तक रहेगा, लेकिन सुबह 11 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम रहेगा। इसे अधिकतर संगठनों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है।
किसान आंदोलन 12वें दिन पहुंच गया है, किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और सड़कें बंद होने की वजह से रोजाना बॉर्डर आने जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने 8 दिसंबर को नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को अपना समर्थन दिया है। केजरीवाल ने कहा कि देश भर के सभी AAP कार्यकर्ता देशव्यापी हड़ताल का समर्थन करेंगे।
8 दिसंबर को भारत बंद: 400 कृषि संगठनों ने चक्का जाम का आह्वान किया, ताकि फलों, सब्जियों और दूध की आपूर्ति बाधित हो सके।
किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा कि अब ये आंदोलन सिर्फ पंजाब का न होकर पूरे देश में बढ़ चुका है, भारत बंद के आह्वान को लेकर सरकार तिलमिलाई हुई है। किसान नेताओं ने कहा कि 8 दिसंबर को सुबह से शाम तक बंद होगा। चक्का जाम 3 बजे तक होगा। एम्बुलेंस और शादियों के लिए रास्ता खुला रहेगा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन रहेगा।
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज शुक्रवार (4 दिसंबर) को 9वां दिन है। नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ जारी बातचीत के बीच किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार होते नजर नहीं आ रहे हैं।
प्रेस कॉन्फेंस के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हम क़ानून हटाना चाहते हैं जबकि सरकार क़ानून में बदलाव करने के लिए तैयार है। MSP पर कानून बनाने के लिए तैयार हैं लेकिन हम क़ानून वापस करवाकर ही दम लेंगे। सर्वसम्मति से कुछ फ़ैसले लिए गए हैं। 8 दिसंबर को भारत बंद होगा।
भाजपा शासित हरियाणा ने भी किसानों की “दिल्ली चलो” के आह्वान के कारण अपनी परिवहन बस सेवा को बुधवार को तत्काल प्रभाव से पंजाब में स्थगित कर दिया।
सुरक्षाकर्मीयों ने कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए हरियाणा और पंजाब के बीच शंभू सीमा पर एकत्र किसानों की भीड़ को रोकने के लिए टियर गैस के गोले का उपयोग किया।
पंजाब से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। इन किसानों को रोकने के लिए पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है।
फरीदाबाद पुलिस का कहना है, "हमारे पास स्पष्ट निर्देश हैं कि भारतीय किसान यूनियन के किसी भी सदस्य को आज और कल दिल्ली में प्रवेश न करने दें। सभी महत्वपूर्ण प्रवेश बिंदुओं पर पुलिस की टीमें तैनात हैं।"
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी इन बिल के विरोध में सड़क पर उतरे। पटना में ट्रैक्टर चलाकर उन्होंने प्रदर्शन किया। तेजस्वी यादव ने कहा कि एनडीए की सरकार जो किसान विरोधी कानून लेकर आई है उसका आरजेडी लगातार विरोध कर रही है।
संसद में केंद्र सरकार द्वारा कृषि से जुड़े तीन विधेयक पास करने का लगातार विरोध हो रहा है। विरोधी राजनीति दलों समेत कई किसान संगठन इसका विरोध कर रहे है। 25 सितंबर को इसी सिलसिले में किसान संगठनों द्वारा पूरे देश में बंद का आह्वान किया गया है। किसान संगठन विभिन्न राज्यों में सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चक्का जाम करेंगे। किसानों के आह्वान को देखते हुए राजधानी दिल्ली की सीमा पर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है।
राज्यों की राजधानी से मिली खबरों के अनुसार, कई राज्यों में बंद को जबरन लागू कराने का प्रयास करने वाले कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में लिया गया।
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कुरुक्षेत्र, 10 सितम्बर | देश-भर में भारत बंद का दिखा मिला-जुला असर
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