ये कहना गलत नहीं होगा कि शहीद भगत सिंह एक विचार है जिसे चाहकर भी कोई अनदेखा नहीं कर सकता।
73वे स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जा रहा है। आजादी के इस खास दिन पर आज पूरा भारत नारंगी, सफेद और हरे रंगे से सजा तिरंगे की तरह लहरा रहा है।
भारत में धधकती आजादी की आंच पूरी दुनिया तक पहुंचे इसलिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने आठ अप्रैल को ही दिल्ली के सेंट्रल एसेंबली हॉल में बम फेंका था...
पाकिस्तान की सरकार ने भगत सिंह की फाइलों से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है...
पाकिस्तान द्वारा प्रदर्शित किए गए इन दस्तावेजों में भगत सिंह की फांसी का प्रमाणपत्र भी शामिल है...
पाकिस्तान में दो संगठनों ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 87वीं पुण्यतिथि मनाई। उन्होंने भगत सिंह को पाकिस्तान का ‘राष्ट्रीय नायक’ घोषित करने की मांग की...
भगत सिंह और उनके 2 साथियों राजगुरु एवं सुखदेव को ब्रिटिश शासकों ने 23 मार्च, 1931 को तत्कालीन लाहौर जेल में फांसी की सजा दी थी...
पाकिस्तान के एक संगठन ने मांग की है कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह को देश का सर्वोच्च वीरता पदक ‘निशान-ए-हैदर’ दिया जाना चाहिए...
इनका जन्म पंजाब के लुधियाना जिले में 15 मई, 1907 में रामलाल और रल्ली देवी के घर हुआ था। इनके जन्म से 3 महीने पहले ही इनके पिता का निधन हो गया था। इसलिए इनके लालन पोषण में इनके ताऊ अचिंतराम ने इनकी माता को पूर्ण सहयोग दिया। सुखदेव को इनके ताऊ व ताई ने
भारत के वीर स्वतंत्रता सेनानी भगत सिह का जन्म पंजाब प्रांत में लायपुर जिले के बंगा में 28 सितंबर, 1947 को पिता किशन सिह और माता विद्यावती के घर हुआ था। 12 साल की उम्र में जलियांवाला बाग हत्याकांड के साक्षी रहे भगत सिंह की सोच पर ऐसा असर पड़ा कि उन्हो
हुसैनीवाला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां सोमवार को पंजाब के फिरोजपुर जिले में स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए
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