पाकिस्तान के लाहौर में स्थित शादमान चौक का नाम क्रांतिकारी भगत सिंह के नाम पर रखा जाना था लेकिन एक रिटायर्ड आर्मी अफसर तारिक मजीद द्वारा इसमें अड़ंगा लगा दिया गया।
अमर शहीद भगत सिंह की जयंती 28 सितंबर को मनाई जाती है। उनसे जुड़ी कई स्मृतियां हैं जिन्हें याद कर आंखों में आंसू आ जाएंगे। भगत सिंह ने अपनी मां से कहा था-मेरी मौत ही मेरी दुल्हन होगी।
लाहौर में शादमान चौक का नाम बदले जाने को लेकर मामला कोर्ट पहुंचा हुआ है। लाहौर कोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 8 नवंबर को है।
अरविंद केजरीवाल जेल में हैं लेकिन उनकी तस्वीर शहीद भगत सिंह और बाबा भीमराव अंबेडकर की तस्वीर के साथ लगाई गई है। इस मामले पर भगत सिंह के पोते यादवेंद्र सिंह का बयान सामने आया है।
अविभाजित भारत के स्वंतंत्रता संग्राम के दौरान आजादी के नायक रहे सरदार भगत सिंह की फांसी को गलत बताते हुए पाकिस्तान में कुछ संगठनों ने इस मामले की फिर से सुनवाई करने की मांग की है। पाकिस्तान कोर्ट से मामले की उसी तरह दोबारा सुनवाई कर न्याय देने की मांग की है, जैसा पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो के केस में हुआ।
भगत सिंह और उनके साथियों को 24 मार्च को फांसी दी जानी थी, लेकिन उन्हें 23 मार्च को ही फांसी पर लटका दिया गया। अंग्रेजों को डर था कि जनता विद्रोह कर सकती है।
फ्रीडम फाइटर, राजनेता, इतिहासकार, वकील और लेखक रहे लाला लाजपत राय की आज जयंती है। अंग्रेजों की गुलामी से देश को मुक्त करवाने के लिए लाला ने अहम योगदान दिया था। अंग्रेजों की लाठियों के हमले में वह बुरी तरह घायल हुए थे, जिसके बाद उनका निधन हो गया था।
संसद में हंगामा खड़ा करने वाले आरोपी भगत सिंह और अंबेडकर फैन क्लब के मेंबर हैं और काफी समय से उससे जुड़े हुए हैं। ये लोग एक दूसरे को डेढ़-2 साल से जानते हैं। इन्होंने स्प्रे इसलिए किया, जिससे लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा जा सके।
आज भगत सिंह की जयंती है। आज हम आपको उनके बारे में कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं जो आपको चौंका देंगे। जानकारी के लिए बता दें कि भगत सिंह को तय तारीख से पहले ही फांसी दे दी गई थी। इस दौरान अंग्रेजों में डर का माहौल था।
भगत सिंह को समय से पहले फांसी दे दी गई थी। अंग्रेज सरकार को डर था कि लोगों की भीड़ इस फांसी में बाधा पहुंचा सकती है, इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया। भगत सिंह को जब फांसी के लिए ले जाया जा रहा था, तब उन्होंने कहा था कि इंकलाबियों को मरना ही होता है।
आज पुरानी संसद भवन में आखिरी बैठक हो रही है। मंगलवार 19 सितंबर को नए संसद भवन में सत्र शुरू हो जाएगा। पुराने संसद भवन का निर्माण साल 1921 में शुरू हुआ था और यह 1927 में बनकर तैयार हो गया था।
पाकिस्तान की अदालत में एक याचिका दायर कर शहीद भगत सिंह को सजा से बरी करने की मांग की गई है। साथ ही मरणोपरांत उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग की गई है। ब्रिटिश पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या में दोषी मानकर भगत सिंह को फांसी दी गई थी। मगर याचिका के अनुसार बिना गवाहों को सुने भगत सिंह को सजा दी गई।
उद्धव ठाकरे ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मैं इस्तीफा नहीं देता तो शायद मैं फिर मुख्यमंत्री बन जाता। मैं मेरे लिए नहीं लड़ रहा, मेरी लड़ाई जनता के लिए, देश के लिए है। राजनीति में मतभेद होते रहते हैं लेकिन हमारा एक मत यह है कि इस देश को बचाना है।"
देश की आजादी की लड़ाई में इन महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को भुलाया नहीं ज सकता है। आज इनकी शहादत का दिन है। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री सहित कई शीर्ष नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
भगत सिंह कोश्यारी को लेकर शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र अब राहत में है। यह बहुत अच्छा फैसला है, लेकिन इसे काफी पहले ले लिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अपने इतिहास में महाराष्ट्र ने राज्यपाल के पद पर कभी ऐसा व्यक्ति नहीं देखा था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफ़ा मंजूर कर लिया है. झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को अब महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है.
राष्ट्रपति ने जिन राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की है, उनमें लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक अरुणाचल प्रदेश के नए राज्यपाल नियुक्त किए गए हैं। वहीं लक्ष्मण प्रसाद आचार्य सिक्किम के गवर्नर होंगे।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने कहा है कि वह अब अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं, इसीलिए इस्तीफा देना चाहते हैं।
महाराष्ट्र में पिछले कई हफ्तों से कोश्यारी के हालिया बयान को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने समय के प्रतीक थे।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने जमाने के आदर्श हैं, अब नितिन गडकरी आदर्श हैं। राज्यपाल के इस बयान के बाद उनके खिलाफ पुणे में सिग्नेचर आंदोलन किया गया।
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