आज ही के दिन भगत सिंह को फांसी दी गई थी जिसे शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। आज हम जानते हैं कि सबसे पहले बड़े पर्दे पर उनका किरदार किसने निभाया था। 1954 में पहली बार भगत सिंह को फिल्मी पर्दे पर दिखाने का मौका मिला था।
23 मार्च के दिन को हर साल शहीद दिवस के तौर पर याद किया जाता है। इस दिन भारत की आजादी के लिए भगत सिंह, शिवराम राजगुरू और सुखदेव थापर ने अपनी जान की कुरबानी दी थी।
देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह को आज के दिन फांसी की सजा दी गई थी। उन्होंने हंसते-हंसते इस कुर्बानी को कुबूल किया था। आज इन तीनों महापुरुषों की शहादत को शहीद दिवस के रूप में जाना जाता है।
आतिशी ने प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी पर लगाए अपने आरोप को दोहराया। उन्होंने कहा कि यह भगत सिंह और आंबेडकर का अपमान है, जो हम सहन नहीं कर सकते।
पाकिस्तान के एक वकील ने पाकिस्तानी सेना के सेवानिवृत्त अफसर द्वारा स्वतंत्रता सेनानी सरदार भगत सिंह को आतंकी कहने पर 50 करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा है।
AAP सांसद राघव चड्ढा ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को भारत रत्न देने की मांग की और कहा कि उनकी शहादत को लगभग 93 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी हम उन्हें उनके हिस्से का सम्मान नहीं दे पाए हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मोहाली में ‘निशान-ए-इंकलाब’ प्लाजा के लोकार्पण के मौके पर कहा कि यह प्लाजा हमारी युवा पीढ़ियों को शहीद-ए-आजम भगत सिंह के रास्ते पर चलने और देश की सेवा करने के लिए हमेशा प्रेरित करेगा।
पाकिस्तान के लाहौर में स्थित शादमान चौक का नाम क्रांतिकारी भगत सिंह के नाम पर रखा जाना था लेकिन एक रिटायर्ड आर्मी अफसर तारिक मजीद द्वारा इसमें अड़ंगा लगा दिया गया।
अमर शहीद भगत सिंह की जयंती 28 सितंबर को मनाई जाती है। उनसे जुड़ी कई स्मृतियां हैं जिन्हें याद कर आंखों में आंसू आ जाएंगे। भगत सिंह ने अपनी मां से कहा था-मेरी मौत ही मेरी दुल्हन होगी।
लाहौर में शादमान चौक का नाम बदले जाने को लेकर मामला कोर्ट पहुंचा हुआ है। लाहौर कोर्ट ने इस मामले में पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 8 नवंबर को है।
अरविंद केजरीवाल जेल में हैं लेकिन उनकी तस्वीर शहीद भगत सिंह और बाबा भीमराव अंबेडकर की तस्वीर के साथ लगाई गई है। इस मामले पर भगत सिंह के पोते यादवेंद्र सिंह का बयान सामने आया है।
अविभाजित भारत के स्वंतंत्रता संग्राम के दौरान आजादी के नायक रहे सरदार भगत सिंह की फांसी को गलत बताते हुए पाकिस्तान में कुछ संगठनों ने इस मामले की फिर से सुनवाई करने की मांग की है। पाकिस्तान कोर्ट से मामले की उसी तरह दोबारा सुनवाई कर न्याय देने की मांग की है, जैसा पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो के केस में हुआ।
भगत सिंह और उनके साथियों को 24 मार्च को फांसी दी जानी थी, लेकिन उन्हें 23 मार्च को ही फांसी पर लटका दिया गया। अंग्रेजों को डर था कि जनता विद्रोह कर सकती है।
फ्रीडम फाइटर, राजनेता, इतिहासकार, वकील और लेखक रहे लाला लाजपत राय की आज जयंती है। अंग्रेजों की गुलामी से देश को मुक्त करवाने के लिए लाला ने अहम योगदान दिया था। अंग्रेजों की लाठियों के हमले में वह बुरी तरह घायल हुए थे, जिसके बाद उनका निधन हो गया था।
संसद में हंगामा खड़ा करने वाले आरोपी भगत सिंह और अंबेडकर फैन क्लब के मेंबर हैं और काफी समय से उससे जुड़े हुए हैं। ये लोग एक दूसरे को डेढ़-2 साल से जानते हैं। इन्होंने स्प्रे इसलिए किया, जिससे लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा जा सके।
आज भगत सिंह की जयंती है। आज हम आपको उनके बारे में कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं जो आपको चौंका देंगे। जानकारी के लिए बता दें कि भगत सिंह को तय तारीख से पहले ही फांसी दे दी गई थी। इस दौरान अंग्रेजों में डर का माहौल था।
भगत सिंह को समय से पहले फांसी दे दी गई थी। अंग्रेज सरकार को डर था कि लोगों की भीड़ इस फांसी में बाधा पहुंचा सकती है, इसलिए उसने ऐसा कदम उठाया। भगत सिंह को जब फांसी के लिए ले जाया जा रहा था, तब उन्होंने कहा था कि इंकलाबियों को मरना ही होता है।
आज पुरानी संसद भवन में आखिरी बैठक हो रही है। मंगलवार 19 सितंबर को नए संसद भवन में सत्र शुरू हो जाएगा। पुराने संसद भवन का निर्माण साल 1921 में शुरू हुआ था और यह 1927 में बनकर तैयार हो गया था।
पाकिस्तान की अदालत में एक याचिका दायर कर शहीद भगत सिंह को सजा से बरी करने की मांग की गई है। साथ ही मरणोपरांत उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग की गई है। ब्रिटिश पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या में दोषी मानकर भगत सिंह को फांसी दी गई थी। मगर याचिका के अनुसार बिना गवाहों को सुने भगत सिंह को सजा दी गई।
उद्धव ठाकरे ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मैं इस्तीफा नहीं देता तो शायद मैं फिर मुख्यमंत्री बन जाता। मैं मेरे लिए नहीं लड़ रहा, मेरी लड़ाई जनता के लिए, देश के लिए है। राजनीति में मतभेद होते रहते हैं लेकिन हमारा एक मत यह है कि इस देश को बचाना है।"
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