Human at risk due to Bats:क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि आजकल रात में उड़ने वाले चमगादड़ कहां खो गए?...अचानक से इनकी आबादी आखिर कम क्यों होने लगी और इनकी संख्या घटने से मनुष्यों को भी क्या कोई खतरा हो सकता है?..
Sars-Cov-2: कोरोना नाम सुनते ही एक समय इंसान एक दुसरे से दुरी बना लेता था। इस महामारी ने ऐसा आंतक मचाया कि पूरी दुनिया को एक सबक सिखा गया।
कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा परिवार है, जो सामान्य सर्दी जुकाम से लेकर सार्स जैसे रोग का कारण बन सकता है।
स्विट्जरलैंड में चमगादड़ 39 विभिन्न वायरल परिवारों के वायरस को शरण दिए (अपने अंदर समाए) हुए हैं और इनमें से कुछ में तो मनुष्यों सहित अन्य जानवरों में संचारित होने और बीमारी पैदा करने की भी क्षमता है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में कुछ दिन पहले रहस्यमय परिस्थितियों में मरे चमगादड़ों की मौत कोरोना के कारण नहीं बल्कि अत्यधिक गर्मी के चलते ब्रेन हैमरेज के कारण हुई थी।
चीन में 350 से अधिक लोगों की जान लेने वाले और हजारों लोगों को संक्रमित करने वाले विषाणु कोरोना वायरस का जनक चमगादड़ों के होने की आशंका है।
भीषण गर्मी के बीच बिजली न आने से गांवों से लेकर शहरों तक, हर जगह लोग बेहाल है। वहीं राज्य की कमलनाथ सरकार ने इस पूरी समस्या के पीछे पिछली सरकार की गलत नीतियों के साथ चमगादड़ों को भी दोषी ठहराया है।
शांताबेन जब केवल 30 साल की थीं तक अचानक उनके पति कांजीभाई की बिजली गिरने से मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद बहुत ही बुरे दिन का सामना किया लेकिन हिम्मत नहीं हारी मज़दूरी करके शांताबेन ने अपनी तीन बेटियों की शादी की और अपने बेटे को क़ाबिल बनाया और अब उनका बेटा अब मुंबई में रहता है।
बिहार सरकार और केंद्र सरकार ने एडवायजरी जारी कर लोगों को चमगादड़ों और सुअरों को निपाह के वायरस का वाहक मानते हुए उनसे दूर रहने की सलाह दी हैं तथा ऐसे क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की गई है, जहां ये अत्यधिक पाए जाते हैं।
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