बासु भट्टाचार्य की मशहूर फिल्म 'तीसरी कसम' से बासु चटर्जी ने असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम शुरू किया। इसके बाद उन्होंने 'सरस्वतीचंद' फिल्म को भी असिस्ट किया, लेकिन इसके बाद बासु को लगा कि जो भी सीखना था वो सीख चुके, अब उन्हें असिस्ट नहीं करना है, बल्कि फिल्म बनानी है।
लॉकडाउन में कई नगीने इस दुनिया को अलविदा कहकर चले गए। जिन्होंने इस इंडस्ट्री को एक अलग मुकाम पाने में मदद की थी।
बासु चटर्जी का आज सुबह साढ़े 7 बजे सोते हुए निधन हो गया। बासु चटर्जी ने शौकीन, खट्टा मीठा, चमेली की शादी, छोटी सी बात, बातों बातों में, रजनीगंधा जैसी कई खूबसूरत फिल्में बनाई हैं, बासु ने कॉमेडी को नया आयाम दिया था।
बासु चटर्जी 'पिया का घर' (1972), 'खट्टा मीठा', 'चक्रव्यूह'(1978), 'प्रियतमा' (1977), 'मन पसंद', 'हमारी बहू अल्का', 'शौकीन' (1982) और 'चमेली की शादी' (1986) जैसी अपनी फिल्मों में कई इंसानी संवेदनाओं को हंसी के तड़के के साथ पेश किया। अपने करियर में वह केवल बड़े पर्दे तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि छोटे पर्दे पर भी अभूतपूर्व काम किया
बासु चटर्जी आज हमे छोड़कर चले गए लेकिन रजनीगंधा की दीपा जैसे करोड़ों हैं जो इस सवाल का जवाब मांग रहे हैं..सवाल चाह का है..वो भी मिडिल क्लास की चाह का..
बासु चटर्जी की हिट मूवीज में रजनीगंधा, शौकीन, चमेली की शादी, बातों बातों में, छोटी सी बात और खट्टा मीठा सहित कई शामिल हैं।
मशहूर फिल्ममेकर बासु चटर्जी का 93 वर्ष की आयु मे निधन हो गया सुबह 7.30 बजे नींद में ही वे चल बसे। बासु को 'रजनीगंधा', 'छोटी सी बात' और 'बातों बातों में' जैसी मशहूर फिल्मों के लिए जाना जाता है।
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