मार्च 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में यह ग्रॉस एनपीए 7.6 प्रतिशत था। वहीं एक साल पहले मार्च 2020 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में ग्रॉस एनपीए 8.6 प्रतिशत पर था।
नेशनल असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआर) के चालू वित्त वर्ष के अंत तक परिचालन में आने और पहले चरण में 90,000 करोड़ रुपये के एनपीए की संभावित बिक्री से उक्त सकल एनपीए में कमी आ सकती है।
वित्त मंत्री के मुताबिक आज के समय में बैंकों का बही खाता अधिक साफ सुथरा है ऐसे में बैंक बाजार से पैसा उठा कर सरकार पर बोझ कम कर सकते हैं।
इस समय 21 ऐसे सहकारी बैंक हैं, जो आरबीआई के स्थगन के तहत हैं। इसलिए इन बैंकों के खाताधारक पिछले महीने पारित कानून के तहत आते हैं।
सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि अक्टूबर 2019 और मार्च 2021 के बीच बैंकों द्वारा सक्रिय पहल के जरिए 4.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज दिया गया।
यदि आप कोविड-19 दूसरी लहर के कारण वित्तीय दबाव में हैं, तो आप अपने खाते के पुनर्गठन का विकल्प चुन सकते हैं।
देश के प्रमुख बैंकों ने अपनी होम लोन दरों को घटाकर एक दशक के निचले स्तर पर ला दिया है। इनमें भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं।
वित्त राज्य मंत्री के मुताबिक मार्च 2018 से लेकर सितंबर 2020 तक रिकॉर्ड 2.54 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी की गई है। वहीं 12 सरकारी बैंकों में से 11 बैंकों ने 2020-21 की पहली छमाही में प्रॉफिट दर्ज किया है।
आरबीआई ने कोविड-19 संकट के बीच लोगों को राहत देने के लिये कर्ज लौटाने को लेकर छह महीने की मोहलत दी जो अगस्त में समाप्त हो गई। बाद में कर्जदारों को राहत देने के लिये एक बारगी कर्ज पुनर्गठन की घोषणा की।
रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों का ग्रॉस एनपीए और नेट एनपीए बढ़कर क्रमश: 10.1-10.6 प्रतिशत और 3.1-3.2 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा। सितंबर, 2020 तक ग्रॉस एनपीए 7.9 प्रतिशत और नेट एनपीए 2.2 प्रतिशत था। हालांकि मार्च, 2022 तक शुद्ध एनपीए घटकर 2.4-2.6 प्रतिशत रह जाएगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्ज मांग के समर्थन और नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिये अगले तीन महीनों में इक्विटी शेयर और बांड के जरिये करीब 25,000 रुपये पूंजी जुटाने की योजना बना रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक डूबे कर्ज का अनुमान पिछले अनुमान से कम है, इसके बावजूद वित्तीय क्षेत्र 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष तक इस स्थिति से पूरी तरह उबर नहीं पाएगा। एसएंडपी ने कहा कि तीन से आठ प्रतिशत कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग हो सकती है।
योजना पर अमल करते हुए सार्वजनिक के साथ ही साथ निजी क्षेत्र के बैंक ग्राहकों को संदेश भेजकर भारत सरकार की ब्याज पर ब्याज छूट योजना के तहत लौटाई जाने वाली राशि की जानकारी दे रहे हैं।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि देश में कर्ज की पहुंच जीडीपी का 52 प्रतिशत है जो कम है। वहीं निजी क्षेत्र के बैंक समेत कुछ वित्तीय संस्थान मुख्य रूप से खुदरा कर्ज के संदर्भ में विश्लेशण युक्त मॉडल का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने कंपनी कर्ज को लेकर इसका उपयोग नहीं किया।
वाहन के लिये कर्ज वृद्धि पिछले साल के 4.9 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 8.1 प्रतिशत रही है। वहीं सेवा क्षेत्र और कृषि क्षेत्र के कर्ज में पहले के मुकाबले बेहतर बढ़त देखने को मिली है।
सरकार ने 15 अगस्त को ‘डिजिटल इंडिया’ के तहत डिजिटल अपनाएं अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का मकसद ग्राहकों को बैंक के डिजिटल चैनल से जोड़ना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह ही बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को कोविड-19 के कारण संकटग्रस्त खातों के कर्ज का एक बार के लिए पुनर्गठन करने की योजना जल्द शुरू करने के कहा था
कोर्ट ने बैंकों को निर्देश दिया है कि मामले के निपटारे तक ऐसे अकाउंटस को NPA घोषित न किया जाए, जो 31 अगस्त तक NPA घोषित नहीं हुए हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस महीने की शुरुआत में ही कॉर्पोरेट और रीटेल लोन के रीस्ट्रक्चरिंग के लिए ऐलान किया था। बैंक फिलहाल रिजर्व बैंक के नोटिफिकेशन के मुताबिक ये तय करने में जुटे हैं कि किसको रिस्ट्रक्चरिंग का फायदा मिलेगा और वो कितना होगा।
नीति आयोग को एनबीएफसी के लिए राहत देने का भी सुझाव
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