भारतीय रिजर्व बैंक ने सितंबर 2013 में स्पष्ट निर्देश दिया था कि ऐसे खाताधारकों को एक महीने में चार बार से ज्यादा निकासी की अनुमति होगी। बैंक ऐसे लेनदेन पर शुल्क नहीं ले सकते।
भारतीय रिजर्व बैंक ने भुगतान बैंकों में एक ग्राहक द्वारा अधिकतम राशि रखे जाने की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी है।
रिजर्व बैंक ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की वजह से सभी मियादी ऋण पर एक मार्च से 31 मई, 2020 तक की किस्तों के भुगतान पर छूट दी थी। बाद में इस अवधि को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया था।
बैंक सरकारी खातों के सलाना लेन-देन को पूरा करने के लिये चालू वित्त वर्ष के अंतिम दिन 31 मार्च को विशेष समाशोधन व्यवस्था करेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को 2021-22 का बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव किया था।
बैंकों में अवकाश विशिष्ट क्षेत्र या राज्य के अनुसार अलग-अलग होते हैं। आरबीआई कैलेंडर के मुताबिक 4 रविवार और 2 शनिवार के अलावा बैंक पूरे देश में गैजेटेड अवकाश के दिन बंद रहते हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल के पहले दिन बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ। हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी, जमा, चेक समाशोधन और कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से 30 सितंबर तक बाकी सभी शाखाओं में इमेज़ (छवि) आधारित चेक ट्रंकेशन (काट-छांट) प्रणाली (सीटीएस) को लागू करने को कहा है।
आंकड़ों के अनुसार 12 फरवरी, 2021 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों का ऋण 6.58 प्रतिशत बढ़कर 107.04 लाख करोड़ रुपये और जमा 11.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 147.81 लाख करोड़ रुपये पर थी।
बैंकिंग फ्रॉड के खिलाफ अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) काफी काम कर रहा है। वहीं आरबीआई की तरह एसबीआई सहित विभिन्न बैंक देशभर के बैंक अपने ग्राहकों को बैंकिंग फ्रॉड को लेकर आगाह कर रहे हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि जब पूंजी अधिक पात्र कर्जदार को नहीं जाती है तो उस अवसर की एक लागत वहन करनी पड़ती है।
मोदी सरकार ने 2021 में विनिवेश का लक्ष्य कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये तय किया है। इसके लिए सरकार कंपनियों में हिस्सा बिक्री से लेकर निजीकरण तक की रणनीति पर काम कर रही।
आरबीआई ने एक बड़े बैंक से पैसा निकालने पर रोक लगा दी है। आरबीआई के इस बड़े फैसले के बाद अब इस बैंक के ग्राहक 6 महीने तक बैंक से पैसे नही निकाल पाएंगे।
बैंक समूह में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए अनुपात सितंबर 2020 में 9.7 प्रतिशत था जो सितंबर 2021 में 16.2 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। वहीं निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों का सकल एनपीए अनुपात 4.6 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत से बढ़कर क्रमश: 7.9 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत हो सकता है।
बैंक ग्राहकों के साथ हुए ऑनलाइन फ्रॉड के मामले पर राष्ट्रीय ग्राहक आयोग की तरफ से बैंक खाताधारकों के लिए अच्छी और राहत पहुंचाने वाली खबर आई है।
बीस दिसंबर, 2019 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों का कर्ज 99.47 लाख करोड़ रुपये और जमा 130.09 लाख करोड़ रुपये थी। इस साल चार दिसंबर को समाप्त पखवाड़े में बैंकों का कर्ज 5.73 प्रतिशत बढ़कर 105.04 लाख करोड़ रुपये पर था।
1 जनवरी 2021 से देश के बैंकिंग सिस्टम में होने जा रहे महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में आपको जान लेना होगा।
अरबीआई ने कहा कि जिस तरीके से बैंक काम कर रहा था, अगर उसे उसी तरीके से परिचालन की अनुमति दी जाती तो जन हित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता।
सीआईआई ने वित्त मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत अपने एक बजट पूर्व ज्ञापन में कहा है कि देश में एक नहीं अनेक बैड बैंक की जरूरत है। कोविड 19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिए सार्वजनिक पाबंदियों को लागू किए जाने के बाद एनपीए की समस्या बढ़ी है।
रिजर्व बैंक के मुताबिक 7 दिसंबर को जारी हुए एक आदेश में सहकारी बैंक पर बैंकिंग कारोबार करने पर रोक लगा दी है। ये रोक 7 दिसंबर को कारोबारी समय खत्म होने के साथ ही लागू हो गई है।
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