बैंक ने कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी एफडी और बैंक की स्पेशल स्कीम पर लागू होगी। 46 से 90 दिन की जमा पर ब्याज दर में 1.25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
बैंक ने 399 दिनों के लिए अपनी तिरंगा प्लस जमा योजना पर भी ब्याज दरों में बदलाव किया है।
बैंक सैलरी और सेविंग अकाउंट दोनों पर ब्याज देते हैं। ब्याज दरें आपके अकाउंट के प्रकार पर निर्भर करती हैं।
चेन्नई में एक फार्मेसी स्टाफ द्वारा अपने दोस्त को 2 हजार रुपये भेजने के तुरंत बाद बैंक द्वारा एक मैसेज भेजा गया। इस मैसेज में लिखा था कि उसके बैंक खाते में 753 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। इस मामले की जानकारी जिसे भी हुई वह दंग रह गया।
जब से इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ा है तब से ऑनलाइन स्कैम और फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए सोशल मीडिया के साथ साथ नए नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपको कोई शिपमेंट, कूरियर या फिर ई-चालान का मैसेज आता है तो पेमेंट करने या फिर पर्सनल डिटेल शेयर करने से पहले बेहद सावधान रहने की जरूत है।
भारतीय पीएसयू बैंकों का यह दमदार प्रदर्शन निवेशकों की बढ़ती रुचि और बैंकों के मजबूत वित्तीय मेट्रिक्स को दर्शाता है।
गोस्वामी परिवार ने कहा कि यदि कोई विकास किया जाना है तो उसे राज्य सरकार के कोष से किया जाए न कि भगवान के पैसे से और इस याचिका में भगवान को पक्षकार नहीं बनाया गया है। अदालत को बताया गया कि मथुरा के सिविल जज इस मंदिर के केयरटेकर हैं और राज्य सरकार द्वारा उन्हें कोई आवेदन नहीं दिया गया है।
लंबी अवधि के लिए एफडी में निवेश करने वाले निवेशकों को अपनी जमा राशि को निवेश करने के सही समय को लेकर सबसे बड़ी दुविधा का सामना करना पड़ता है। यदि वे इसे अभी बुक करते हैं और ब्याज दरें और बढ़ जाती हैं, तो उन्हें अतिरिक्त ब्याज दर का नुकसान हो सकता है।
आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाने के बाद अधिकांश बैंक एफडी पर 7 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक का ब्याज दे रहे हैं। इसके चलते इन दिनों बहुत सारे लोग एफडी में निवेश कर रहे हैं। अगर आप भी एफडी में निवेश कराने जा रहे हैं तो पहले रिसर्च कर ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, छह महीने तक शुद्ध खरीदार बने रहने के बाद सितंबर में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2.3 अरब डॉलर की शुद्ध बिकवाली की। पिछले पांच आम चुनावों (1999-2019) के दौरान, चुनाव परिणामों की घोषणा से छह महीने पहले निफ्टी-50 में 10- 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।
Bank Locker रखे 18 लाख रुपये दीमक चट कर गए। इसके बाद आपके मन में भी ये जरूर आया होगा कि क्या बैंक इन रुपयों का भुगतान करेगा। चलिए हम आपको बताते हैं कि Bank Locker को लेकर नियम क्या कहते हैं। Bank Locker में आप क्या रख सकते हैं क्या नहीं?
फिलहाल, 30 सितंबर तक व्यक्तियों के पास आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों (आरओ) या किसी नजदीकी बैंक शाखा में 2,000 रुपये के नोट बदलने का विकल्प भी है। हालांकि, अभी दो दिन शेष है। ऐसे में बहुत सारे उम्मीद लगा रहे हैं कि आरबीआई डेडलाइन को बढ़ा सकता है या कुछ और राहत दे सकता है।
ईद-ए-मिलाद के अवसर पर आज के दिन ज्यादातर हिस्सों में बैंक बंद रहेंगे। लेकिन कुछ जगहों पर बैंक में कल भी बैंक का हॉली डे रहेगा। अगर आप इन दिनों बैंक जानें की सोच रहे हैं तो ये लिस्ट एक बार जरूर देख लीजिए।
एसबीआई ने अपने कस्टमर्स को सेफ ऑनलाइन बैंकिंग का अनुभव कराने के लिए एक खास ऐप SBI Secure OTP उपलब्ध कराया है। इसमें कस्टमर ट्रांजैक्शन के समय खुद का ओटीपी जेनरेट कर सकते हैं।
Keep these things in mind before taking a Credit card | Credit card लेने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। खासतौर पर तब जब पहली बार आप इसे ले रहे हों। चलिए आपको बताते हैं कौन सी बातें हैं जो जानना जरूरी है।
कुछ दिन पहले महिला की बेटी की शादी हुई थी तब बची रकम और कमाई जमा पूंजी उन्होंने अपनी दूसरी बेटी की शादी के लिए अक्टूबर 2022 में बैंक के लॉकर रख दी। लेकिन लॉकर होल्डर अलका पाठक को मालूम नहीं था कि इसमें नोट रुपये नहीं रख सकते हैं।
सरकारी बैंक में नौकरी करने के इच्छुक हों तो ये मौका आपके लिए ही है। नाबार्ड ने असिस्टेंट मैनेजर के पदों पर वैकेंसी निकाली है, जिसकी लास्ट डेट कल हैं, जो उम्मीदवार इस भर्ती में भाग लेने के सोच रहे हैं वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
पाकिस्तान की सरकार ने अपने बैंकों और नियामकों से कहा है कि वे अपने कामकाज में भारत से जुड़ी IT और AI कंपनियों की सेवाएं लेने से परहेज करने को कहा है।
बैंक ऑफ इंडिया के एक ब्रांच में एक शख्स ने 5 लाख रुपये का चेक जमा किया था, लेकिन जब 2 दिन बाद भी उसके अकाउंट में पैसे नहीं पहुंचे तो उसके होश उड़ गए।
आरबीआई ने एक सर्कुलर में कहा है कि विनियमित संस्थाओं को ऐसे चल और अचल संपत्ति दस्तावेजों को जारी करने में अलग-अलग तरीकों का पालन करते हैं, जिससे ग्राहकों की शिकायतें और विवाद सामने आते हैं।
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