Bangladesh Crisis: बांग्लादेश इस वक्त भयंकर राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। हिंसक प्रदर्श के बाद शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके बांग्लादेश छोड़ने की भी खबर सामने आ रही है।
बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने शेख हसीना के इस्तीफे की पुष्टि की है और सभी दलों की बैठक बुलाई है। उन्होंने ये भी कहा कि हम एक अंतरिम सरकार बनाएंगे और फिलहाल बांग्लादेश को यही अंतरिम सरकार चलाएगी।
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका छोड़ दिया है।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका समेत देश के अन्य हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। व्यापक हिंसा को देखते देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया गया है।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका समेत कई शहर हिंसा की आग में झुलसे हुए हैं। ढाका समेत कई शहरों में अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाया गया है। प्रदर्शनकारी पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर प्रदर्शन जारी है। इस बीच रविवार को अलग-अलग हिस्सों में हुए झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई है।
बांग्लादेश में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अब भीड़ प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़क पर उतर गई है। सत्तादल और प्रदर्शनकारियों के बीच में आज रविवार को भीषण हिंसक झड़प देखने को मिली। इस दौरान 27 लोगों की मौत हो गई।
गिरफ्तार बांग्लादेशी महिला को अब कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राज्य में कई बांग्लादेशी नागरिक हैं, जो ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं। पुलिस सभी इन बांग्लादेशियों की पहचान कर गिरफ्तार करने में लगी हुई है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में हिंसा को भड़काने में संलिप्त 2 मुस्लिम संगठनों पर आतंकवाद रोधी धारा के तहत कार्रवाई करते हुए शिकंजा कस दिया है। पीएम हसीना ने जमात-ए-इस्लामी और ‘इस्लामी छात्र शिबिर’ पर लगाया बैन लगा दिया है।
बांग्लादेश में हुई हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बड़ी बात कही है। हसीना ने कहा कि अराजकतावादियों ने श्रीलंका जैसी हिंसा फैलाने और सरकार को हटाने की योजना बनाई थी।
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंसा से काफी कुछ प्रभावित हुआ। इस बीच हिंसा पर काबू पाने के लिए सरकार ने इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया था। हालांकि अब 10 दिन बाद बांग्लादेश में इंटरनेट सेवा को फिर से बहाल कर दिया गया है।
देश में घुसपैठियों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार और एजेंसियां पूरी तरह से अलर्ट हैं। रेलवे के माध्यम से कई बांग्लादेशी चेन्नई जा रहे थे। बीएसएफ और जीआरपी की संयुक्त कार्रवाई में सभी 23 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया है।
भारत ने अमेरिका की उस टिप्पणी का करारा जवाब दिया है, जिसमें उनकी ओर से पीएम मोदी के रूस दौरे की टाइमिंग और पुतिन को गले लगाने के मामले में उठाए गए सवाल का करारा जवाब दिया है। साथ ही पीएम जस्टिन ट्रूडो को धमकी मामले में दोहरा रवैया अपनाए जाने पर कनाडा को आईना दिखाया है।
ममता बनर्जी के बयान पर बांग्लादेश सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। उसने कहा कि ममता बनर्जी का ट्वीट भड़काऊ था और इसमें बांग्लादेश के आंतरिक मामलों को लेकर गलत बातें कही गई थीं।
बांग्लादेश से भारत वापस लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि किस तरह वह डर के साये में जी रहे थे और वहां से भारत वापस लौटने की कोशिश में लगे थे।
ममता बनर्जी ने एक रैली में कहा था कि वो हिंसाग्रस्त बांग्लादेश में फंसे लोगों को अपने राज्य के दरवाजे खुले रखेंगी और उन्हें पश्चिम बंगाल में शरण देंगी। इसके लिए ममता ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का हवाला दिया था।
कर्फ्यू और देखते ही गोली मारने के अपने फैसले का प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बचाव करते हुए कहा कि लोगों की जान और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए गए।
बांग्लादेशियों ने संयुक्त अरब अमीरात में अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सड़कों पर विशाल जुलूस भी निकाला। यूएई सरकार ने इस मामले में सख्त कदम उठाया है।
अब तक, 778 भारतीय छात्र विभिन्न भूमि बंदरगाहों के माध्यम से भारत लौट आए हैं। इसके अलावा, लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों के माध्यम से नियमित उड़ान सेवाओं द्वारा घर लौट आए हैं।
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यहां पर लगातार हो रहे प्रदर्शन की वजह से अब देश भर में कर्फ्यू लगाना पड़ा है। वहीं सड़कों पर सेना के जवानों को उतार दिया गया है।
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