मोदी ने बताया कि किस तरह पिछली सरकारों ने 'गुलामी की मानसिकता' के कारण भारत के ऐतिहासिक मंदिरों की अनदेखी की।
PM Modi Kedarnath Badrinath Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए रोपवे प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने हिमाचली परिधान पहन रखा था। पीएम मोदी हेलीपैड से सीधे मंदिर पहुंचे और भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया।
PM Modi Kedarnath Badrinath Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 8 साल के कार्यकाल में छठी बार केदारनाथ का दौरा कर रहे हैं। यहां मंदिर में पूजा अर्चना के बाद उन्होंने रोपवे प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। केदारनाथ के बाद पीएम मोदी बद्रीनाथ पहुंचे।
PM Modi Kedarnath Visit: पवित्र धामों की यात्रा के दौरान पीएम मोदी केदारनाथ और बद्रीनाथ में पूजा-अर्चना भी करेंगे। इसके अलावा वो 34 सौ करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरूवार को वर्चुअल माध्यम से बद्रीनाथ और केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से इस बैठक में वर्चुअली भाग लिया।
Uttarakhand Rains: कभी बद्रीनाथ हाईवे पर लामबगड़ भूस्खलन जोन परेशानी का सबब बना हुआ था। 2013 के आपदा में इसका और विस्तार हो गया था। आपदा के बाद से ही इसके स्थायी ट्रीटमेंट की कार्ययोजना बनाई गई और विदेशी इंजीनियरों से भी राय ली गई।
बद्रीनाथ धाम की महायोजना तैयार करने के दौरान मंदिर के दाहिनी ओर की दीवार पर हल्की दरार दिखी है। मंदिर के पीछे स्थित ग्लेशियर से सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण कराया जाएगा।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में इस यात्रा सीजन में अब तक डेढ़ माह की अवधि में दो तिहाई तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।
15 मई तक तक चारों धाम में पांच लाख 14 हजार 129 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 1,86,668 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। मौसम इसी तरह साथ देता रहा तो आने वाले दिनों में यात्रा नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।
बद्रीनाथ धाम में एक महिला तीर्थयात्री ने हार्ट अटैक से दम तोड़ दिया। वहीं पुलिस ने कंचन गंगा के समीप बद्रीनाथ हाईवे के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए प्रत्येक धाम में प्रतिदिन दर्शन के लिए पूर्व निर्धारित अधिकतम संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी की गयी है।
अव्यवस्थाओं और कठिन परिस्थितियों के बीच वृद्ध और बीमार तीर्थयात्रियों की जान पर पैदल यात्रा भारी पड़ रही है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कठिन पैदल मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ठहरने के पर्याप्त इंतजाम तक नहीं हैं।
बद्रीनाथ धाम के कपाट आज सुबह 6.15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस दौरान भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद रहे। पूरे विधि-विधान, मंत्रोच्चार और सेना बैंड की धुनों के साथ भगवान के कपाट खोले गए।
चारधाम यात्रा अभी यात्रा शुरू भी नहीं हुई है, मगर यात्रा रूट पर लगे सभी वाहन फुल हो गए हैं। यहां तक कि जीएमवीएन के ज्यादातर गेस्ट हाउस भी बुक हो चुके हैं। पर्यटकों को वाहनों की बुकिंग के लिए 15 दिन बाद का समय दिया जा रहा है।
इस साल तो केदारनाथ धाम में भी परिसर से बर्फ हटाने की जरूरत ही नहीं पड़ी, क्योंकि यहां जमी बर्फ पिघल चुकी है। इसके अलावा गंगोत्री और यमुनोत्री में नाममात्र की बर्फ रह गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर बारिश नहीं हुई और इसी तरह गर्मी पड़ती रही तो ऊंची चोटियां भी बर्फविहीन हो जाएंगी।
भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित कर दी गई है। साथ ही चारधाम यात्रा के समापन की जानकारी भी दी गई है।
दिल्ली से आये हौंडा परिवार को गुरुवार को बद्रीनाथ से मात्र 14-15 किलोमीटर पहले पाण्डुकेश्वर में रोक दिया गया।
बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 19 नवंबर को बंद किए जाएंगे। इसके साथ ही, उत्तराखंड में इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया की अध्यक्षता मे सोमवार को हुई एक बैठक में मंदिर व्यवस्था से जुड़े लोगों ने एकमत से यह निर्णय लिया।
प्रधानमंत्री की ओर से यह पूजा विश्व शांति और विश्व को निरोग बनाने की प्रार्थना के साथ की गई।
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