केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ध्यान गुफा पहुंचे और ध्यान में लीन हो गए। पीएम नरेंद्र मोदी देश की सुख-समृद्धि के लिए ध्यान साधना कर रहे हैं। ध्यान गुफा में पहुंचने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी बारिश के बीच ही करीब 2 किलोमीटर पैदल चले।
कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आख़िरी इम्तिहान है। कल लोकसभा चुनाव के आख़िरी चरण के लिए वोटिंग होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र काशी भी कल वोट करेगा। उससे पहले प्रधानमंत्री मोदी शिव की शरण में केदारनाथ पहुंचे।
जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय ने पीएम मोदी की दो दिवसीय उत्तराखंड यात्रा पर निर्वाचन आयोग का रुख पूछा था। पूरे मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चूंकि यह आधिकारिक यात्रा है, इसलिए आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय को सिर्फ यह याद दिलाया है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ 10 मार्च से लागू हुई आदर्श आचार संहिता अभी भी प्रभावी है।
चार धाम यात्रा: आज बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे। मान्यता है कि आज जहां ये धाम स्थित है। केदारनाथ के कपाट 9 मई को सुबह पूरी विधि विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद खोल दिए गए थे। पहले ही गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुल चुके है। जिसके साथ ही चारधाम की यात्रा शुरु हो चुकी है। सुबह 4 बजकर 15 मिनट के शुभमहूर्त पर भगवान बद्री नाथ के कपाट खोले दिए गए है।
अधिकारी ने बताया कि अनंत अंबानी अपने पिता मुकेश अंबानी के साथ बद्रीनाथ व केदारनाथ मंदिरों के नियमित दशनार्थी रहे हैं।
अगर आपको बद्रीनाथ के दर्शन करने है और इसका इंतजार कर रहे है कि आखिर वो कब खुलेगा। तो हम आपको बता दें कि बद्री नाथ ते कपाट 10 मई को खुलेंगे
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट मंगलवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिये गये और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो गया।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में 5 साल पहले आई प्राकृतिक आपदा के चलते बुरी तरह प्रभावित हुई विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की पुरानी रंगत फिर लौट आई है।
मौसम विभाग के मुताबिक गुलमर्ग में पिछले तीन दिनों में चार फीट तक बर्फ गिर गई लेकिन फिर भी आसमान से बर्फबारी रूकने का नाम नहीं ले रही है जिससे कश्मीर के पहाड़ों पर बर्फीले तूफान का खतरा बढ़ गया है।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर के कपाट इस वर्ष 20 नवंबर को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये बंद कर दिये जायेंगे जो छह माह की शीतकालीन अवधि के बाद पुन: अप्रैल-मई में खुलेंगे।
चंपावत से निकली चिंगारी पूरे जंगल को जलाकर ख़ाक कर देने पर आमादा है। बागेश्वर में भी मंज़र कुछ ऐसा ही है। यहां तो जंगल में लगी आग सड़क के किनारे तक पहुंच चुकी है जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी होने लगी है। श्रीनगर में तो आग का तांडव और भी ज्यादा भयानक है।
हिमाचल और उत्तराखंड में हुई ताज़ा बर्फ़बारी, ख़राब मौसम के कारण केदारनाथ यात्रा रुकी
बदरीनाथ के समीप लामबगड़ में सुबह भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर टूट कर गिर रहे हैं। इस कारण एहतियातन ऋषिकेश—बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया है।
बद्रीनाथ के पुजारी राहुल गांधी के पास तमाम पुरानी तस्वीरों के साथ आए थे। पुजारी ने राहुल को बताया कि उनके पर-नानाजी जवाहर लाल नेहरू, दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी का बद्रीनाथ मंदिर में पूजा-पाठ उनके पिता ने ही कराया था।
अब चारधाम की यात्रा शुरु हो गई है। आज सुबह सवार चार बजे बदरीनाथ के कपाट खुल गए। कपाट दीपावली के दिन तक खुले रहेंगे। इसके बाद बंद कर दिए जाएंगे। छह महीने के लिए एक बार फिर इन मंदिरों में लाखों श्रद्धालुओं का जमावाड़ा लगा रहेगा।
केदारनाथ के बाद बद्रीनाथ के भी द्वार भक्तों के लिए खोले गए | पहले दिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने किये दर्शन
सरकार ने केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को जोड़ने वाली चार धाम संपर्क मार्ग परियोजना के तहत एक सुरंग के निर्माण के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी जिसकी लागत 1,384 करोड़ रुपए होगी।
Badrinath shrine closes for winter
मौलवी का दावा है कि इस जगह को पहले बदरुद्दीन शाह या बद्री शाह के नाम से जाना जाता था। उनके मुताबिक सदियों पहले यह मुस्लिमों का धार्मिक स्थल था इसलिए इस जगह को मुस्लिमों को वापस किया जाना चाहिए।
A Mufti of Darul Uloom has triggered a fresh row with his remark that the Badrinath Temple, dedicated to Lord Vishnu, is a religious place of Muslims. He even said that Hindus should handover the nint
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