बद्रीनाथ धाम की महायोजना तैयार करने के दौरान मंदिर के दाहिनी ओर की दीवार पर हल्की दरार दिखी है। मंदिर के पीछे स्थित ग्लेशियर से सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण कराया जाएगा।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में इस यात्रा सीजन में अब तक डेढ़ माह की अवधि में दो तिहाई तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।
15 मई तक तक चारों धाम में पांच लाख 14 हजार 129 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 1,86,668 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। मौसम इसी तरह साथ देता रहा तो आने वाले दिनों में यात्रा नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।
केदारनाथ मंदिर में सुरक्षा और दर्शन को सुव्यवस्थित करने के लिए ITBP की गई तैनाती भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) और केदारनाथ घाटी (Kedarnath Valley) में तीर्थयात्रियों के दर्शन और उनके आवागमन को कर रही है नियंत्रित.#KedarnathTemple #ITBP #IndiaTv
बद्रीनाथ धाम में एक महिला तीर्थयात्री ने हार्ट अटैक से दम तोड़ दिया। वहीं पुलिस ने कंचन गंगा के समीप बद्रीनाथ हाईवे के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए प्रत्येक धाम में प्रतिदिन दर्शन के लिए पूर्व निर्धारित अधिकतम संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी की गयी है।
अव्यवस्थाओं और कठिन परिस्थितियों के बीच वृद्ध और बीमार तीर्थयात्रियों की जान पर पैदल यात्रा भारी पड़ रही है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कठिन पैदल मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ठहरने के पर्याप्त इंतजाम तक नहीं हैं।
बद्रीनाथ धाम के कपाट आज सुबह 6.15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस दौरान भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद रहे। पूरे विधि-विधान, मंत्रोच्चार और सेना बैंड की धुनों के साथ भगवान के कपाट खोले गए।
चारधाम यात्रा अभी यात्रा शुरू भी नहीं हुई है, मगर यात्रा रूट पर लगे सभी वाहन फुल हो गए हैं। यहां तक कि जीएमवीएन के ज्यादातर गेस्ट हाउस भी बुक हो चुके हैं। पर्यटकों को वाहनों की बुकिंग के लिए 15 दिन बाद का समय दिया जा रहा है।
इस साल तो केदारनाथ धाम में भी परिसर से बर्फ हटाने की जरूरत ही नहीं पड़ी, क्योंकि यहां जमी बर्फ पिघल चुकी है। इसके अलावा गंगोत्री और यमुनोत्री में नाममात्र की बर्फ रह गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर बारिश नहीं हुई और इसी तरह गर्मी पड़ती रही तो ऊंची चोटियां भी बर्फविहीन हो जाएंगी।
वित्तवर्ष 2022-23 का 67 करोड़ 22 लाख 62 हजार 137 रुपये का बजट पारित किया गया। बदरीनाथ अधिष्ठान के लिए 34 करोड़ 44 लाख एक हजार, 323 जबकि केदारनाथ प्रतिष्ठान के लिए 32 करोड़ 78 लाख 60 हजार 814 रुपये आय प्रस्तावित की गई।
भगवान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को सुबह 6:15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। आज बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर धाम के कपाट खोलने की तारीख की घोषणा की गई।
भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित कर दी गई है। साथ ही चारधाम यात्रा के समापन की जानकारी भी दी गई है।
दिल्ली से आये हौंडा परिवार को गुरुवार को बद्रीनाथ से मात्र 14-15 किलोमीटर पहले पाण्डुकेश्वर में रोक दिया गया।
चार धामों में से एक बदरीनाथ के कपाट आज सुबह ब्रह्ममुहूर्त में विधि-विधान के साथ खोल दिए गए है। बीत 17 मई को केदारनाथ के कपाट खोले गए थे।
उत्तराखंड: बद्रीनाथ मंदिर और आसपास के इलाके में जबरदस्त बर्फबारी हुई है, जिसके बाद पूरा इलाका बर्फ की सफेद चादर से ढक गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन बदरीनाथ धाम के विकास कार्यों के लिये 19.3 करोड़ रुपये देगी।
देश की राजधानी दिल्ली से यह स्थान लगभग 528 किलोमीटर दूर है और हरिद्वार तथा ऋषिकेश होते हुए वहां पहुंचा जा सकता है। केदारनाथ से बद्रीनाथ के बीच की दूरि 229 किलोमीटर है।
बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 19 नवंबर को बंद किए जाएंगे। इसके साथ ही, उत्तराखंड में इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।
उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध धामों, बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम सीमा में बढ़ोतरी करते हुए उसे अब प्रतिदिन तीन हजार कर दिया गया है।
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