अयोध्या मामले में दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में 'इन चैम्बर' सुनवाई खत्म हो गई है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ इन पुनर्विचार याचिकाओं पर चैंबर में करीब 50 मिनट तक विचार-विमर्श चला।
बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की बरसी से पहले अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में प्रमुख मुद्दई रहे इकबाल अंसारी तथा कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने केंद्र सरकार से वर्ष 1991 में अधिग्रहीत की गई भूमि में से मस्जिद के लिए जमीन देन की मांग की है।
नई दिल्ली। संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवादित जमीन का बंटवारा नहीं होगा।
अयोध्या जमीन विवाद का फैसला आने वाला है इससे पहले बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज से हिन्दू-मुस्लिम विवाद का अंत हो जाएगा।
वैसे तो अदालत किसी भी दिन बैठ सकती है, मामले को सुन सकती है और फैसला दे सकती है लेकिन फिर भी 17 नवंबर को रविवार है और सामान्यत: इतने बड़े मामलों में फैसला अवकाश के दिन नहीं आया करता।
सदियों पुराने अयोध्या विवाद की सुनवाई पूरी हो गई है और अब कुछ घंटों के बाद सुप्रीम कोर्ट ये फैसला सुना देगा कि विवादित जमीन का क्या होगा। 40 दिन की बहस के बाद सुनवाई पूरी हुई और अब पूरा देश फैसले पर नज़रें गड़ाए हुए है।
सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ आज सुबह 10:30 बजे अयोध्या मुकदमे में फ़ैसला सुनाएगी। देश के सबसे बड़े मुकदमे का फैसला बड़ा है इसलिए पूरे देश में पहरा भी बहुत कड़ा है। इस ऐतिहासिक फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं।
प्रधान न्यायासधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ , न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय संविधान पीठ शनिवार की साढ़े दस बजे यह फैसला सुनायेगी।
उच्चतम न्यायालय में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में पक्षकार ‘राम लला विराजमान’ की ओर से बुधवार को दलील दी गयी कि श्रद्धालुओं की अटूट आस्था ही अयोध्या में विवादित स्थल के राम की जन्म भूमि होने का सबूत है।
अयोध्या विवाद में रोजाना सुनवाई होगी या फिर बातचीत का रास्ता खुला रहेगा, सुप्रीम कोर्ट इसका फैसला 2 अगस्त को करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता कमिटी से 31 जुलाई तक फाइनल रिपोर्ट जमा करने को कहा है। इसके बाद वह रोजाना सुनवाई पर फैसला करेगा।
मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस मामले में मध्यस्थता के लिए बनाई गई कमेटी को मध्यस्थता के लिए जस्टिस खलीफुल्ला कमेटी को अतिरिक्त 15 अगस्त तक का समय दिया है
29 जनवरी को प्रस्तावित सुनवाई को 27 जनवरी को रद्द कर दिया था क्योंकि न्यायमूर्ति बोबडे उस दिन उपलब्ध नहीं थे लेकिन आज होने वाली सुनवाई में एक और पेंच सामने आ सकता है।
महबूबा ने कहा कि जब वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब उनके पिता जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे और जो संदेश गया, वह यह था कि केंद्र और राज्य सरकार एक ही पाले में हैं तथा 2002-05 का काल ‘स्वर्णिम काल’ बन गया।
अयोध्या के कई युवाओं ने कहा कि वे ‘‘राजनीतिक झमेले’’ में नहीं पड़ना चाहते और उनका भविष्य प्रस्तावित मंदिर पर निर्भर नहीं है। लेकिन, कइयों ने राम मंदिर निर्माण की इच्छा भी जाहिर की।
इस बीच राम मंदिर के मुद्दे पर 25 नवंबर को अयोध्या में एक बड़ा संत सम्मेलन होने वाला है। इस सम्मेलन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। वीएचपी के नेता और कार्यकर्ता अयोध्या पहुंच गए हैं।
चुनाव से पहले अयोध्या विवाद मामला एक बार फिर गरमाता दिख रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी नेताओं की बयानबाजी के बीच अब बाबा रामदेव ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है।
उच्च्तम न्यायालय ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस प्रकरण में सोमवार को लखनऊ की एक अदालत से जानना चाहा कि वह भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती से संबंधित मुकदमे की सुनवाई किस तरह अप्रैल, 2019 की समय सीमा के भीतर पूरी करना चाहती है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहने वाले मजहर अब्बास नकवी ने बीते दिनों ई-मेल पर इस संदर्भ में सवाल पूछा था। नकवी ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका वापस लें और बोर्ड से इस्तीफा दें।
Ram Mandir has always been a controversial topic in the country! In this video we will tell everything about the Ram Mandir from 1528 to now! Watch this video for the entire update.
संपादक की पसंद