जेएनयू में भाषा अध्ययन केंद्र की दीवार पर लाल रंग में लिखा गया है- 'Rebuild Babri Masjid'। खास बात ये भी है कि इस स्लोगन के ठीक बगल में NSUI भी लिखा है जो कि कांग्रेस की स्टूडेंट विंग है। हालांकि, NSUI ने इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है।
फैसले पर अहम टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि विध्वंस के दौरान वहां मौजूद आडवाणी, जोशी और उमा भारती जैसे बीजेपी नेताओं ने उपद्रवियों को बाबरी ढांचा गिराने से रोकने का प्रयास किया था।
मालिकाना हक के मुस्लिम पक्षकारों ने इससे पहले घोषणा की थी कि अनुकूल फैसला आने की स्थिति में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए वे अयोध्या में विवादित जमीन पर मस्जिद निर्माण को आगे के लिए टाल देंगे।
उच्चतम न्यायालय ने विशेष न्यायाधीश से शुक्रवार को कहा कि इस प्रकरण में आज से नौ महीने के भीतर फैसला सुनाया जाये।
बाबरी मस्जिद विद्वंस मामले में सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश ने आज सुप्रीम कोर्ट से 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगा है।
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