रामनवमी के मौके पर हरिद्वार में गंगा किनारे पतंजलि संन्यास दीक्षा महोत्सव हुआ। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। इस दौरान शाह को विद्या मार्तंड की उपाधि दी गई। वहीं रामनवमी के मौके पर स्वामी रामदेव वीआईपी घाट पर 100 युवाओं को संन्यास की दीक्षा दिलाई गई।
बाबा रामदेव के ये उपाय, आपको खुशहाल रहने और तनाव मुक्त जीवन जीने में मदद कर सकता है। आइए, जानते हैं कैसे विस्तार से।
जिन्होंने होली पर दबाकर मिठाइयां खायी हैं और उनका हाजमा गड़बड़ा गया है, तो बाबा रामदेव के इन उपायों की मदद से आप खुद को फिर से हेल्दी कर सकते हैं।
शरीर को खाने से ज्यादा पानी की जरुरत है डायजेशन से लेकर एनर्जी जेनरेशन तक, शरीर को पानी ही चाहिए। बॉडी को डिटॉक्स करना हो या फिर सर्कुलेटरी फंक्शन दुरुस्त रखना हो पानी के बिना कुछ भी मुमकिन नहीं है।
पढ़ाई का दबाव बच्चों को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक फ्यूचर में उनके उम्र से 20 साल पहले बीमार पड़ने की संभावनाएं ज़्यादा हैं और जो बीमारियां उनको घेर सकती हैं उनमें र्थराइटिस, स्पॉन्डिलाइटिस, पीठ दर्द, कमर दर्द के साथ मसल्स कमजोर होने के चांस बढ़ जाते हैं।
बाबा रामदेव ने कहा कि ज्यादातर स्टेट बोर्ड या एनसीईआरटी की किताबों में हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया है। इन पुस्तकों में मुगलों का महिमामंडन किया गया है। इसे बदलना होगा।
गुस्सा इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है। डायजेशन खराब करता है हार्टबीट तेज कर देता है। नर्वस सिस्टम पर असर डालता है। जाहिर है इसके बाद तमाम बीमारियां ट्रिगर होती है।
अगर आपको भी मोटापा, हाई शुगर और थाइरॉयड जैसी बीमारियों ने घेर रखा है तो बाबा रामदेव के इन घरलू नुस्खों को ज़रूर आज़माएं
मोटापा, नाक और गले की मसल्स का कमजोर होना, स्मोकिंग की आदत, किसी भी वजह से लंग्स में प्रॉपर ऑक्सीजन ना पहुंचना या फिर साइनस की परेशानी। खर्राटे की वजह कुछ भी हो सकती है और फिर यही परेशानी कई दूसरी बीमारियों की वजह बनती है।
देश में 100 में से 99 लोग गैस-एसिडिटी और इनडायजेशन की परेशानी झेल रहे हैं। अगर वक्त रहते अपच की परेशानी से छुटकारा ना मिले तो आगे चलकर अल्सर, IBS, कोलाइटिस जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है।
स्ट्रेस, हॉर्मोनल चेंजेज, खराब लाइफस्टाइल और नींद की कमी से दिमाग में केमिकल लोचा शुरु हो जाता है। हाल ये है कि भारत में तकरीबन 1 करोड़ लोगों को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। WHO के मुताबिक--पूरी दुनिया में 5 करोड़ लोग एपिलेप्सी के शिकार हैं।
आने वाले वक्त में समुंद्र में जितनी मछली होगी उतना ही प्लास्टिक का कचरा भी होगा। धरती पर तो पहले ही कचरों के पहाड़ बन रहे हैं। यही वजह है कि 80% लोगों के खून और किडनी में हर हफ्ते औसतन 5 ग्राम माइक्रोप्लास्टिक के कण जमा हो रहे हैं।
हर वक्त मोबाइल लैपटॉप से चिपके रहने से बच्चे चिड़चिड़े और लोनली हो रहे हैं। फिजिकल एक्टिविटी कम होने से उनकी ग्रोथ पर भी असर पड़ा है और सबसे बड़ा नुकसान तो आंखों को हैं। जैसे-जैसे स्क्रीन टाइम बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे आंखों की रोशनी कम होती जा रही है।
रिसर्च के मुताबिक अब दुबले-पतले लोगों में भी फैटी लिवर के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इस बीमारी को नॉन एल्कोहोलिक स्टेटिक हेपेटाइटिस नाम दिया गया है। जो एक तरह का इंफेक्शन है।
शरीर में विटामिन डी की कमी होने का मतलब है - प्रोस्टेट कैंसर, डिप्रेशन, डायबिटीज, आर्थराइटिस जैसी बीमारियों का खतरा। यानि इस कम उम्र में ही लोग सीधे-सीधे बीमारियों के निशाने पर हैं।
स्पॉन्डिलाइटिस एक ऐसी समस्या है जो कि सर्द हवाओं के साथ और तेजी से बढ़ सकती है। ऐसी स्थिति में बाबा रामदेव के बताए ये आसान उपाय आपके लिए कारगर तरीके से काम कर सकते हैं।
बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में बाबा-रामदेव के ये टिप्स बचाव में मदद कर सकते हैं। कैसे, जानते हैं।
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने बताया कि आप की अदालत में ऐसा पहली बार हुआ कि सवालों से ज्यादा बाबा रामदेव के जवाबों पर तालियां बजीं थी। रजत शर्मा ने रामदेव के साथ हुई इस रिकॉर्डिंग से जुड़े कुछ ऐसे किस्सों को 'लेजेंड्स ऑफ आप की अदालत' कार्यक्रम में साझा किया है।
थायराइड डिस्टर्ब होने से अस्थमा, डिप्रेशन, डायबिटीज और अर्थराइटिस का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है।
Health Tips: शिकागो यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च आई है, जिसके मुताबिक शरीर में डीएचईए हार्मोन को कंट्रोल कर, ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है।
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