अजरबैजान की राजधानी बाकू में विश्व मंच पर भारत ने जलवायु परिवर्तन के मामले में ग्लोबल साउथ के लिए निर्धारित किए गए केवल 300 अरब अमेरिकी डॉलर के जलवायु वित्त परिवर्तन को बहुत कम राशि बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया। दुनिया के अन्य देश भी भारत के समर्थन में आ गए।
अजरबैजान की राजधानी बाकू में चल रहे कॉप-29 जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन के दौरान विशषज्ञों ने दावा किया है कि इससे युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में शिखर सम्मेलन में शामिल देशों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
अजरबैजान की राजधानी बाकू में विश्वभर के नेता जलवायु वार्ता Cop-29 के लिए जुट गए हैं। इसमें आज मंगलवार को 50 देशों के नेता अपना संबोधन देंगे।
पाकिस्तान आर्थिक तौर पर कंगाली की हालत में पहुंच गया है। मुल्क के हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। संकट में घिरे पाकिस्तान ने अजरबैजान को अपने लड़ाकू विमान बेचे हैं।
अजरबैजान ने 16-18 फरवरी को म्यूनिख में सुरक्षा सम्मेलन के दौरान जनवरी 2024 के लिए अपना तेल निर्यात डेटा प्रकाशित किया। डेटा से पता चलता है कि उससे तेल निर्यात करने वाले देशों की तालिका में इजराइल पहले स्थान पर है।
पाकिस्तान ने अजरबैजान के साथ हथियारों की बड़ी डील की है। अजरबैजान ने पाकिस्तान से 1.6 अरब डॉलर की JF-17 ब्लॉक-III फाइटर जेट्स खरीदने का समझौता किया है।
तुर्की ने अपने दोस्त अजरबैजान को खतरनाक किलर ड्रोन दिया है। इसका उपयोग आर्मीनिया के लिए किया जा सकता है। अजरबैजान और उसके पड़ोसी देश आर्मीनिया में तनाव बना हुआ है। ऐसे में भारत ने आर्मीनिया को एंटी ड्रोन सिस्टम दिया है।
अजरबैजान के राष्ट्रपति ने भारत की मोदी सरकार पर अपनी भड़ास निकाली है। खिसियाई अजरबैजान के राष्ट्रपति ने भारत और फ्रांस पर आर्मीनिया को हथियार सप्लाई करने का आरोप लगाया है। दरअसल, अजरबैजान और आर्मीनिया दोनों दुश्मन देश हैं।
भारत आर्मीनिया को खतरनाक भारतीय तोपें देगा। ये तोपें अजरबैजान से जंग में कारगर हथियार साबित होंगी। वहीं अजरबैजान को मदद करने वाले तुर्की और पाकिस्तान की नींद उड़ जाएगी। जानिए इस तोप की ताकत।
भारत ने आर्मेनिया को पिनाका मिसाइल और दूसरे खतरनाक हथियारों की सप्लाई की है तो मुस्लिम देश अजरबैजान और पाकिस्तान घबरा गए। अजरबैजान और आर्मेनिया एकदूसरे के दुश्मन है। टेंशन में आए पाक सैन्य जनरल असीम मुनीर अजरबैजान के दौरे पर पहुंच गए।
अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख विवादित क्षेत्र से बड़ी संख्या में मूल निवासियों ने पलायन किया है। अब तक 70 फीसदी आबादी पलायन कर चुकी है। यह इलाका खाली होने लगा है। क्या है पलायन का कारण? जानिए पूरा मामला।
आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच वर्षों से चल रहे युद्ध में आखिरकार अजरबैजान की जीत हुई है। करीब 30 वर्षों बाद अजरबैजान ने फिर से नागोर्नो-काराबाख को जीत लिया है। अब यहां अलगाववादी सरकार भंग करने की तैयारी है। पहले यह शहर आर्मीनिया शासन के अधीन था।
अजरबैजान के गैस प्लांट में ब्लास्ट की भीषण घटना हो गई है। इस विस्फोट में 20 लोगों की मौत होने की खबर है। वहीं 300 लोग इस विस्फोट की वजह से घायल हो गए हैं। मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता है, क्योंकि कई घायलों की हालत बहुत गंभीर है।
अजरबैजान की सेना के नियंत्रण के बाद आर्मेनिया से हजारों लोगों का पलायन हो रहा है। इसी बीच तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोआन अपने सहयोगी देश को समर्थन देने के लिए अजरबैजान का दौरा करने वाले हैं।
आर्मीनिया और अजरबैजान युद्ध में हजारों परिवारों की जिंदगी नर्क बन चुकी है। वह सभी भुखमरी और बेरोजगारी और बीमारी से त्रस्त हैं। खासकर विवादित नागोर्नो-काराबाख के लोगों को नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ा है। ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों को रेड क्रॉस सोसायटी ने बड़ी मानवीय मदद मुहैया कराई है।
आर्मेनिया और अजरबैजान फिर से युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। अभी एक वर्ष पहले दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष में 300 सैनिकों की दोनों ओर से मौत हुई थी। अब ताजा संघर्ष में दोनों देशों ने अपने-अपने सैनिकों के हताहत होने की जानकारी दी है। इससे यह संघर्ष और अधिक बढ़ने की आशंका है।
आर्मेनिया और अजरबैजान में लंबे अर्से से युद्ध चला आ रहा है। विवाद की मुख्य वजह नागोर्नो काराबाख है। दोनों ही देश इस पर अपना दावा करते हैं। इसी को लेकर संघर्ष चल रहा है।
भारत के पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम से अजरबेजान घबराया हुआ है। अजरबैजानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने राजधानी बाकू में भारतीय राजदूत से मिलकर आर्मेनिया के साथ भारत के बढ़ते सैन्य सहयोग पर चिंताओं से अवगत कराया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का कोई हल भले ही नहीं निकल पा रहा हो, लेकिन राष्ट्रपति पुतिन ने वर्षों से चले आ रहे अर्मेनिया और अजरबैजान युद्ध का समाधान खोजकर सबको चौंका दिया है। अब अर्मेनिया और अजरबैजान एक दूसरे से युद्ध नहीं करने पर सहमत हो गए हैं।
ईरान की राजधानी तेहरान में कलाशनिकोव जैसी राइफल लिए एक व्यक्ति ने शुक्रवार को अज़रबैजान के दूतावास पर हमला कर दिया, जिसमें वहां तैनात सुरक्षा प्रमुख की मौत हो गई, जबकि दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
संपादक की पसंद