23 जनवरी की तारीख को देश स्वतंत्रता वीर सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती मना रहा है। साल 2021 से उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जीवन पर महात्मा गांधी के विचारों का भी प्रभाव था, भले ही आजादी की जंग में गांधीजी से उनके मतभेद रहे हों, लेकिन बोस ने ही गांधीजी सबसे पहले राष्ट्रपिता की उपाधि दी थी। 1938 और 1939 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस कांग्रेस अध्यक्ष भी बने। हालांकि, 1939 में महात्मा गांधी और कांग्रेस आलाकमान के साथ मतभेदों के बाद उन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया औऱ पार्टी से अलग हो गए।
देश भारतमाता के वीर सपूत नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है। उनके जन्मदिन को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पराक्रम दिवस के रूप में मना रही है। अब गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत उनके जन्मदिन से प्रारंभ होगी। जानिए नेताजी कैसे राजनीति में आए, क्यों आईसीएस की परीक्षा से त्यागपत्र दे डाला और भी बहुत कुछ।
आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ: प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी ने लाल किले पर फहराया तिरंगा
आज 21 अक्टूबर को देश आजाद हिंद फौज की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर राष्ट्रध्वज फहराया।
इस बार भी एक विशेष मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले में तिरंगा फहराने के कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे हैं
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