खास बात यह है कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में स्थानीय राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को छोड़ कर अन्य निमंत्रित नहीं हैं। केंद्र या किसी प्रदेश के मंत्री को मंत्री होने के नाते नहीं बुलाया गया है।
सनातन परम्परा और हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में आदि शंकराचार्य की अहम भूमिका मानी जाती है। इसी को ध्यान में रखकर देश के चारों कोनों में चार शंकराचार्य मठ स्थापित किए गए हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में न जाने को लेकर जब विवाद बढ़ा तो श्रृंगेरी शारदा पीठ और द्वारकाशारदा पीठ की तरफ से बयान सामने आया है।
सचिन पायलट ने कहा कि हम सभी भगवान राम में विश्वास करते हैं और विश्वास करते रहेंगे। साथ ही उन्होंने भाजपा मंत्रियों की अंदरूनी कलह पर भी चुटकी ली। पायलट ने कहा कि हम बाहर से जो देख रहे हैं वह यह है कि भाजपा से जुड़े उन लोगों के साथ न्याय नहीं किया गया जो पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को बीजेपी और आरएसएस का प्रोग्राम बताकर न्योता ठुकरा दिया है। जबकि सच ये है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मोहन भागवत में से कोई भी कार्यक्रम के मुख्य यजमान नहीं हैं। वहीं, कांग्रेस हाईकमान ने अयोध्या का न्योता ठुकराया तो बीजेपी को मौका मिल गया।
छत्तीसगढ़ के लोगों को अयोध्या धाम घूमाने का बीजेपी सरकार ने फैसला किया है। आज हुई कैबिनेट की मीटिंग में श्री रामलला दर्शन योजना शुरू करने का फैसला लिया गया है।
राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर ममता बनर्जी ने कहा, उन्हें (भाजपा को) जो कुछ भी करना है करने दीजिए, जैसे भी प्रचार करें, करने दीजिए। लेकिन आप निश्चित रूप से अन्य धर्मों के लोगों को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में रोड, एयर और रेल कनेक्टिविटी के अलावा भी बहुत कुछ हुआ है। उन्होंने कहा, अब हमारे पास श्रद्धालुओं को रोकने की व्यवस्था है। हम 50,000 श्रद्धालुओं को प्रतिदिन रोकने की व्यवस्था कर रहे हैं। ट्रस्ट, प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाएं इस व्यवस्था में जुटे हैं।
श्रीराम नाम की टोपियों को तैयार करने में नसीम बेग का पूरा परिवार लगा हुआ है। नसीम बताते हैं कि होली का काम छोड़कर वह भगवान श्रीराम का काम कर रहे हैं। तैयार की गई सभी टोपियां अयोध्या जाएगी जिन्हें राम के मंदिर के उद्घाटन वाले दिन भक्त पहनेंगे।
जयपुर में एक कांग्रेस नेता ने अक्षत बांटने आए राम भक्तों से बदसलूकी की। हालांकि कॉलोनी के कई अन्य निवासियों ने इसका विरोध भी किया लेकिन जगदीश चौधरी के बाहुबली होने के कारण कोई उनके सामने नहीं आया।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, राम जितने आपके हैं उतने ही मेरे भी हैं। मैंने एक पाकिस्तानी विद्वान द्वारा कुरान का अनुवाद पढ़ा है और उन्होंने राम के बारे में भी बात की और कहा कि वह (राम) चाहते थे कि सभी लोग भाईचारे और प्रेम के साथ आगे बढ़ें।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं तो दुनियाभर में राम भक्तों ने प्राण प्रतिष्ठा उत्सव मनाना शुरू कर दिया है। राम भक्तों के बीच 22 जनवरी की चर्चा है।
इंदौर में महापौर ने तमाम मॉल, रेस्टोरेंट व अन्य संस्थानों में राम मंदिर की प्रतिकृति लगाने का आग्रह किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस पर भार्गव ने कहा कि इंदौर वालों को जवाब देना भी आता है।
उमा भारती ने राम जन्म भूमि के बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण कार्य में उन लोगों को सबसे पहले श्रेय दिया जाना चाहिए, जो उस दौरान हुए आंदोलन में सबसे आगे थे। उन्होंने कहा कि यह देश का एकमात्र ऐसा आंदोलन था, जो 500 वर्षों तक चला और सफल रहा।
शालिनी ने बाबरी ढांचा गिरने, गोलियां -लाठी चलने से लेकर यूपी सरकार के क्रूरता की कहानी बताई। जेल भर जाने से वह स्कूल में बंद थी। फिर पैदल 60 किलोमीटर चलकर अयोध्या पहुंची और भगवा लहराने की साक्षी बनी।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले अब देश के कई बड़े मुस्लिम संगठनों ने एक साथ कई सवाल खड़े किए हैं। इन मुस्लिम संगठनों का कहना है कि राम मंदिर के कार्यक्रम में सरकार जिस तरह से शामिल हो रही है, वह देश के सेक्यूलर दस्तूर के खिलाफ है।
जब बेटी के ससुराल में उत्सव हो तो मायके पक्ष में प्रसन्नता होनी स्वभाविक भी है। मां जानकी की जन्मस्थली बिहार की सीतामढ़ी मानी जाती है। इस कारण इस उत्सव में भाग लेने में बड़ी संख्या में लोग उपहार लेकर अयोध्या जाने की तैयारी में हैं।
काशी के योगदान में एक और कड़ी जुड़ने जा रही है। 22 जनवरी को जब भगवान राम गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे तो उसके बाद प्रभु श्रीराम का अभिषेक सहस्त्र कलश से किया जाएगा। अयोध्या के लिए 5 लाख कलश का ऑर्डर काशी के कारोबारियों को मिला है।
अयोध्या में 22 जनवरी को आयोजित होने वाले श्रीराम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए यूपी सरकार डिजिटल टूरिस्ट गाइड ऐप तैयार करेगी। इस मोबाइल ऐप में अयोध्या शहर का पूरा वॉक-थ्रू मिलेगा। इसके अलावा इसमें शामिल होने वाले प्रयटकों को शहर के प्रमुख स्थलों पर जाने में सुविधा मिलेगी।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने कहा, अयोध्या में न सिर्फ शांति बल्कि, राम राज्य आ रहा है। राम लला गर्भ गृह में विराजमान होंगे। उन्होंने एक चौपाई को उद्धृत करते हुए कहा, “राम राज बैठे त्रैलोका, हर्षित भय, गए सब सोका यानि दुख, पीड़ा, तनाव सब समाप्त हो जाएगा और हर कोई खुश होगा।
22 जनवरी को पीएम मोदी समेत देश भर के तमाम दिग्गज संत समाज, राजनीतिक, फिल्म और उद्योग जगत की हस्तियां प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेने अयोध्या आने वाले हैं। हालांकि, इस कार्यक्रम में कई विपक्षी नेताओं को निमंत्रण नहीं मिला है जिससे नेता नाराज चल रहे हैं।
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