दिवाली से पहले देश के प्रसिद्ध मंदिरों को मिल रही धमकियों ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। पुलिस से लेकर खुफिया विभाग तक धमकी देने वालों को ट्रेस करने में लगे हैं। जैसे-जैसे दिवाली करीब आ रही है, धमकी देने वालों का लेवल भी बढ़ता जा रहा है...ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां 24 घंटे अलर्ट मोड में हैं।
अयोध्या के रामलला को ऐपण कला से बने सुसज्जित परिधान पहनाए गए। इन खास परिधानों को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद लेकर अयोध्या पहुंचे हुए थे।
राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि सदन में दिया गया उनका झूठा बयान अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है।
रामलला का दर्शन करने राम मंदिर पहुंचते हैं.. प्रभु राम से आशीर्वाद लेते हैं.. योगी सरकार के बनवाए इस रामपथ ने अयोध्या का नक्शा ही बदल दिया... ये रामपथ आस्था के साथ साथ विकास का प्रतीक भी बन गया.. लेकिन 6 महीने के अंदर ही पूरी तस्वीर बदल गई है...
राम मंदिर को जनता के लिए खोले जाने के बाद पहली बारिश के बाद गर्भगृह की छत से पानी रिस रहा है। इसकी जानकारी मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने दी है।
अनुराग ठाकुर ने रामलला के दर्शन किए और बोले कि कुछ लोग पहले कहा करते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे, लेकिन तारीख नहीं बताएंगे, लेकिन हमने उन्हें तारीख भी बता दी और मंदिर भी बना दिया। सभी को निमंत्रण पत्र भी भेजा गया था, लेकिन देखिए ये लोग नहीं आए, जिससे आप उनकी हताशा का अंदाजा सहज ही लगा सकते हैं।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज अयोध्या में रामलला के दर्शन करने वाली हैं। इस यात्रा के मद्देनजर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था बड़े स्तर पर बढ़ाई गई है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद ये पहली बार है जब राष्ट्रपति अयोध्या जाएंगी।
500 साल के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हैं। राम मंदिर बनने के बाद ये पहली रामनवमी है ऐसे में इस बार रामनवमी पर सूर्य की किरणों से उनका अभिषेक किया गया है।
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर की गई हैं। ट्रस्ट की ओर से मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं।
मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने बताया कि रामलला को उपहार स्वरूप मिले सोने-चांदी के आभूषणों और बहुमूल्य सामग्रियों के मूल्यांकन के लिए उन्हें पिघलाने और रख-रखाव की जिम्मेदारी भारत सरकार टकसाल को सौंपी गई है।
विधानसभा में सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या की गलियों में गोलियों की तड़तड़ाहट होती थी, परिक्रमाएं प्रतिबंधित होती थीं, कर्फ्यू लगता था। लेकिन हमने वचन निभाया और मंदिर वहीं बनाया।
अयोध्या के राम मंदिर पिछले 11 दिनों में दान पेटियों में करीब आठ करोड़ रुपये जमा हुए हैं, जबकि चेक और ऑनलाइन के जरिए करीब 3.50 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है। भव्य मंदिर के गर्भगृह के सामने चार बड़े आकार की दान पेटियां रखी गई हैं, जिनमें श्रद्धालु राशि जमा कर रहे हैं।
25 जनवरी को लखनऊ से निकला सैकड़ों मुस्लिम रामभक्तों का जत्था जब 30 जनवरी को रामलला का आशीर्वाद लेने पहुंचा तो हर कोई प्रभु श्री राम के रंग मे रंगा दिखा। लखनऊ से अयोध्या तक मुस्लिम रामभक्त गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि हम लोग रामराज्य की अवधारणा से प्रेरणा लेकर अपनी सरकार चलाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अधिक से अधिक लोगों को अयोध्या जी ले जाने का प्रयास करेंगे।
राम भक्त सिर्फ रामलला के दर्शन ही नहीं कर रहे हैं, दिल खोलकर दान भी कर रहे हैं। दान देने में राम भक्तों ने सबको पीछे छोड़ दिया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा के मुताबिक दान के लिए मंदिर में दस काउंटर खोले गए हैं जहां भक्त ऑनलाइन दान कर सकते हैं।
जब लाखों रामभक्तों के समंदर के आगे पुलिस-प्रशासन के इंतजाम घुटने टेकने को मजबूर होने लगे, तो लखनऊ से योगी का हेलीकॉप्टर अयोध्या के लिए उड़ा.
बीजेपी ने अपने सभी सांसदों, विधायकों, मंत्रियों और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र से उन सभी लोगों को अयोध्या ले जाने की व्यवस्था करें, जो लोग भगवान राम के दर्शन करना चाहते हैं।
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर एक हैरान करने वाली जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि एक बंदर दक्षिणी द्वार से गूढ़ मंडप से होते हुए गर्भगृह में प्रवेश करके उत्सव मूर्ति के पास तक पहुंच गया था।
अयोध्या में इस वक्त कुछ ऐसा माहौल है जैसे दिवाली और छठ पर्व पर दिल्ली-मुंबई में होता है। ये भगवान राम की लहर है जिससे इस वक्त पूरा देश सराबोर है और सभी की जुबान पर बस एक ही नाम है जय श्री राम।
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि 2014 से पहले की सरकारें देश की संस्कृति, धर्म और भाषाओं का सम्मान करने से डरती थीं। उन्होंने कहा है कि अब उस गहरे घाव को मिटा दिया गया है जो बाबर के युग के दौरान हमारे दिलों में हुआ था।
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