राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद अयोध्या के धन्नीपुर में मिली जमीन पर मस्जिद, अस्पताल और सामुदायिक रसोई समेत एक वृहद परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी संभाल रहे ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट’ ने धन के अभाव के चलते 4 समितियों को भंग कर दिया है।
नई मस्जिद इस्लाम के 5 सिद्धांतों के आधार पर बनाई जाएगी, जिसके लिए 5 प्रतीकात्मक मीनारें बनाई जाएंगी, जो 11 किलोमीटर से अधिक दूरी तक दिखाई देंगी। इसके अलावा, पवित्र कुरान की दुनिया की सबसे बड़ी प्रति, जो 21 फीट लंबी होगी, इस मस्जिद में रखी जाएगी।
अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने वाली प्रस्तावित मस्जिद और अस्पताल परिसर का नाम मशहूर स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी मौलवी अहमदुल्ला शाह फैजाबादी के नाम पर रखा जाएगा।
फाउंडेशन के अध्यक्ष जफर फारूकी ने कहा कि उन्होंने पिछले साल एक सितंबर को आयकर अधिनियम की धारा 80 जी के तहत कर छूट के लिए आवेदन किया था और आवेदन 21 जनवरी को खारिज कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मस्जिद के लिए धन्नीपुर में मुस्लिम पक्ष को जमीन का आबंटन किया है और उस जमीन पर इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन एक भव्य मस्जिद का निर्माण करेगा।
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