इंडिया टीवी के पास वो एक्सक्लूसिव डॉक्यूमेंट हैं जिससे ये साफ पता चल रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हुए थे। इंडिया टीवी को सुप्रीम कोर्ट का एपीयरेंस स्लीप मिला है जिसमें साफ तौर से कपिल सिब्बल का नाम सबसे ऊपर ह
प्रधानमंत्री ने राम मंदिर मुद्दे पर राम मंदिर के विरोधी गुट के वकील के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश होने पर कपिल सिब्बल पर डायरेक्ट अटैक किया तो सिब्बल भी जबाव देने कैमरे के सामने आ गए।
हाजी महबूब ने सिब्बल के बयान को गलत करार देते हुए कहा, 'हां, कपिल सिब्बल हमारे वकील हैं, लेकिन वह एक राजनीतिक दल से भी जुड़े हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दिया गया उनका बयान गलत है। हम इस मसले का जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं।' बता दें कि मंगलवार को सुप
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि राम मंदिर निर्माण पर कांग्रेस अपना रुख साफ करे। एक ओर राहुल गांधी मंदिर-मंदिर जा रहे हैं वहीं उनकी पार्टी के कपिल सिब्बल कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड की पैरवी करते हुए सुनवाई टालने की मांग क
करीब 164 साल पुराने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई पूरी हो गई। सुन्नी वक्फ बोर्ड सुनवाई टालने की मांग की। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने 5 जजों की बेंच में 15 जुलाई 2019 के बाद सुनवाई की मांग रखी।
ओवैसी बहुत अच्छी तकरीर देते हैं। तर्क के साथ अपनी बात रखते हैं। ओवैसी मुसलमानों से जो अपील करना चाहें करें, उन्हें इसकी पूरी आजादी है। लेकिन जो बात उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में कही वो चिंता की बात है।
शिया वक्फ बोर्ड ने अयोध्या विवाद के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. हलफनामे में लिखा गया है कि विवादित जगह पर भगवान राम का मंदिर बनाया जाय साथ ही मस्ज़िद को अयोध्या की जगह लखनऊ में बनाया जाय.
'मस्जिद तो कहीं भी बनाई जा सकती है, यहां नमाज पढ़ा जाता है। सऊदी अरब में मस्जिदों को तोड़ा गया है और शिफ्ट भी किया गया है। उसी प्रकार से भारत में भी बाबरी मस्जिद को आंबेडकर नगर जिले की सीमा पर शिफ्ट किया जाएगा, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी रहती
राम जन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. राम विलास दास वेदांती ने कहा है कि राम मंदिर मुद्दे पर सुलह समझौता तभी होगा जब राष्ट्रीय सेवक संघ और राम जन्म भूमि न्यास चाहेगा। हालांकि अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के अयोध्या दौरे पर उन्होंने कहा कि उनका
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का भी मानना है कि अगर कोई इस मामले को कोर्ट के बाहर सुलझा सकता है तो वो श्रीश्री रविशंकर ही हैं। हालांकि दूसरे पक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए क्योंकि मुसलमान मस्जिद ही चाहते हैं।
हिंदू धर्मदगुरुओं से लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं तक हर किसी को उम्मीद है कि बातचीत से विवाद का हल निकलेगा और राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा। हालांकि राम मंदिर विवाद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले कुछ नहीं हो सकता
शिया वक्फ बोर्ड अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने के पक्ष में है। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अयोध्या में विवादित स्थल से उचित दूरी पर एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र में एक मस्जिद का निर्माण किया जा सकता है।
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