अयोध्या मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पूरी हो गई है। आज लगातार सुनवाई का नवां दिन था, हालांकि सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी थी।
‘राम लला विराजमान’ के वकील ने मंगलवार को ‘एएसआई’ की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में मस्जिद का निर्माण करने के लिए हिंदू मंदिर गिराया गया।
अयोध्या मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई शुरू हो गई है। मंगलवार को लगातार सुनवाई का आठवां दिन है, हालांकि सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी थी।
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को सातवें दिन की सुनवाई के दौरान राम लला विराजमान की ओर से दलील दी गयी कि विवादित स्थल पर देवताओं की अनेक आकृतियां मिली हैं।
अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में लगातार जारी है। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकील अपनी दलीलें जजों की बेंच के सामने रख रहे हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में रोजाना सुनवाई का फैसला लिया था। इसके मुताबिक हफ्ते के मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को सुनवाई के लिए तय किया गया था।
अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई शुरू की। इस मामले को मध्यस्थता के जरिए सुलझाने के प्रयास विफल रहने के बाद अब इसमें रोजाना सुनवाई होगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अयोध्या विवाद मामले की दैनिक आधार पर सुनवाई करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के निर्णय का शुक्रवार को स्वागत किया और उम्मीद जताई कि राम मंदिर के निर्माण में आने वाली कानूनी अड़चनें जल्द ही दूर हो जायेंगी।
अयोध्या विवाद मामले में गठित मध्यस्थता समिति ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में अपनी फाइनल रिपोर्ट पेश की। यह एक सीलबंद रिपोर्ट और गोपनीय है, इसलिए विवरण का अभी खुलासा नहीं किया गया है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मध्यस्थता कमेटी से एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस मामले में मध्यस्थता के लिए बनाई गई कमेटी को मध्यस्थता के लिए जस्टिस खलीफुल्ला कमेटी को अतिरिक्त 15 अगस्त तक का समय दिया है
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2010 में फैसला दिया था कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन बराबर हिस्सों में बांटी जाएगी।
उन्होंने श्री श्री रविशंकर का नाम लिए बिना कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि जिस शख्स ने 4 नवंबर 2018 को बयान दिया था उन्हें यह ख्याल रखना होगा कि वह अब मीडिएटर हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में फैसला देते हुए विवादित जमीन को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मध्यस्थता के जरिए इस मसले को सुलझाने का आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने बुधवार को इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षों को सुना था।
राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई।
बुधवार को सरकार के अटॉर्नी जनरल सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकते हैं और गैर विवादित भूमि से स्टे हटाने वाली याचिका की सुनवाई में तेजी की मांग कर सकते हैं।
राम मंदिर मुद्दे पर शीघ्र फैसला आने की उम्मीद को फिर झटका लगा है। 29 जनवरी को राम मंदिर मुद्दे पर 5 जजों की संवैधानिक पीठ को सुनवाई शुरू करनी थी।
दो वकीलों ने उच्चतम न्यायालय से राजनीतिक रुप से संवदेनशील मामलों अयोध्या भूमि विवाद और सबरीमाला मामलों की सुनवाई का सीधा प्रसारण सुनिश्चित करने का अलग-अलग आग्रह किया है।
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