टाटा और महिंद्रा ने दक्षिण अफ्रीका में अपने ऑटोमोटिव प्रोडक्ट्स को मजबूती से स्थापित किया है। महिंद्रा के अधिकारियों ने कहा है कि डरबन में उत्पादन लाइन सहित प्रमुख निवेशों के कारण दक्षिण अफ्रीका भारत के बाहर उनका दूसरा घर है।
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रिपोर्ट के अनुसार वाहन उद्योग क्षेत्र में नियुक्तियां लगभग रूकी हुई हैं। इसके अलावा 286 वाहन डीलरों की दुकानें बंद हो गई हैं।
आर्थिक मंदी का असर अब धीरे-धीरे साफतौर से दिखने लगा है। सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था से सबसे ज्यादा प्रभावित ऑटो इंडस्ड्री हो रही है। कई बड़ी कंपनियों ने अपने प्लांट में या तो उत्पादन बंद कर दिया है या फिर लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है।
टीवीएस ग्रुप की प्रमुख सुंदरम क्लेटन लिमिटेड (एससीएल) कंपनी ने भी ऑटो सेक्टर में मंदी के चलते दो दिन (16 व 17 अगस्त) के लिए अपने कारखानों में उत्पादन बंद रखने की घोषणा की है।
देश में यात्री वाहनों का उत्पादन चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान सालाना आधार पर 13.18 प्रतिशत कम रहा। मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, फोर्ड टोयोटो तथा होंडा जैसी कंपनियों ने उत्पादन में उल्लेखनीय रूप से कटौती की है।
देश के ऑटो कंपोनेंट उद्योग में हालांकि सुस्ती के इस दौर में भी अब तक बड़े पैमान पर छंटनी नहीं हुई है, लेकिन अगर यही स्थिति बनी रही तो उद्योग को मजबूरन भारी छंटनी करनी पड़ेगी। उद्योग संगठन की माने तो आने वाले दिनों में 10 लाख लोग बेरोजगारी के शिकार बन सकते हैं।
लग्जरी कार निर्माता ऑडी भारत में अगले साल अप्रैल से लागू होने वाले बीएस-6 नियमों को देखते हुए देश में पेट्रोल, हाइब्रिड और बैटरी चालित वाहनों पर जोर दे रही है। कंपनी डीजल कारों को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है।
वाहन उद्योग क्षेत्र में मंदी का रुख बरकरार है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी समेत हुंदै, महिंद्रा, होंडा कार्स और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स जैसी प्रमुख वाहन कंपनियों की बिक्री में जुलाई में दहाई अंक की गिरावट दर्ज की गयी है।
बजाज ऑटो लिमिटेड ने अगले साल अप्रैल से लागू होने जा रहे भारत स्टेज छह (बीएस-6) के अप्रत्याशित परिणाम होने की आशंका व्यक्त की है।
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