देश की प्रमुख कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने नवंबर में अपना उत्पादन 4.33 प्रतिशत बढ़ाया है।
बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने लोकसभा में कहा कि लोग सरकार और राष्ट्र को बदनाम करने के लिए कहते रहते हैं कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी है।
घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री सितंबर महीने में 23.69 प्रतिशत गिरकर 2,23,317 इकाइयों पर आ गयी। यह लगातार ग्यारहवां महीना है जब वाहनों की बिक्री में गिरावट आयी है।
लोगों को नए वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास के तहत गोवा मंत्रिमंडल ने बुधवार को 31 दिसंबर तक सभी नए वाहनों पर रोड टैक्स 50 प्रतिशत तक कम कर दिया है।
देश की अग्रणी ऑटोमोबाइल कंपनी बजाज ऑटो के बिक्री आंकड़े एक बार फिर निराशाजनक रहे हैं। सितंबर महीने में कंपनी की कुल बिक्री में 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
ऑटो सेक्टर में छायी मंदी के बीच आज मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) अपनी बहुप्रतीक्षित एसयूवी लुक वाली 'एस-प्रेसो' (S-Presso) को बाजार में लॉन्च करेगी। भारतीय ग्राहकों को बेसब्री से 'एस-प्रेसो' का इंतजार है।
देश को एक मजबूत और नये युग की परिवहन पारिस्थितिकी से संपन्न बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करने वाली एक गतिविधि में अग्रणी कार निर्माता एमजी मोटर इंडिया (MG Motor India) ने मोबिलिटी इकोसिस्टम के लिए एमजी डेवलपर प्रोग्राम एंड ग्रांट की घोषणा की।
वाहन चालक ध्यान दें! नया मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू होने के बाद अब आपका ड्राइविंग लाइसेंस यानी डीएल और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी भी बदल जाएगा। दरअसल, 1 अक्टूबर, 2019 से डीएल और आरसी को लेकर बदलाव होने जा रहा है।
वाहन बनाने वाली मारुति सुजुकी इंडिया और टाटा मोटर्स की यात्री वाहन खंड में घरेलू बाजार हिस्सेदारी इस साल अप्रैल-अगस्त में कम हुई है। हालांकि हुंदै और महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री इसी अवधि में बढ़ी।
ऑटो सेक्टर में मंदी का असर सिर्फ महिंद्रा एंड महिंद्रा पर ही नहीं, अन्य बड़ी कार निर्माता कंपनियों पर भी पड़ा है। कंपनी ने कहा कि वाहनों का पर्याप्त भंडार होने की वजह से प्रबंधन को ऐसा नहीं लगता कि इससे बाजार में उसके वाहनों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में ऑटोमोबाइल उद्योग पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव के लिए युवाओं को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद अब ट्विटर पर हजारों ऐसे ट्वीट किए जा रहे हैं, जिनमें उन पर तंज कसा जा रहा है।
केंद्र सरकार ऑटो मोबाइल पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घटाने के उद्योग के प्रस्ताव को जीएसटी परिषद में रखने के लिए तैयार है। उद्योग की मांग है कि खपत की मंदी समाप्त करने के लिए जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत किया जाए।
केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की कोई समय-सीमा तय नहीं की है। एक सरकारी अधिकारी ने बुधवार को इस आशय का बयान दिया। यह बयान ऐसे समय काफी महत्वपूर्ण है जब नीति आयोग ने जून में दोपहिया और तिपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों को 2025 की समयसीमा को ध्यान में रखते हुए परम्परागत वाहनों की जगह बैटरी चालित वाहनों को अपनाने के ठोस उपाय कदमों के बारे में दो सप्ताह के भीतर सुझाव देने को कहा था।
कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने विद्युत-वाहनों के साथ ही हाइब्रिड और सीएनजी कारों के लिये भी कर में छूट देने की मांग की है। कंपनी का कहना है कि इससे देश में आवागमन की कम प्रदूषणकारी प्रणालियों को बढ़ावा मिलेगा।
वाहन उद्योग में जारी संकट के बीच क्षेत्र की अग्रणी कंपनी अशोक लीलैंड ने कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों के लिये कंपनी से अलग होने की योजना की घोषणा की है। कंपनी ने यह योजना ऐसे समय पेश की है जब पहले से ही उसके कर्मचारी बोनस बढ़ाने को लेकर शुक्रवार से हड़ताल पर हैं।
पिछले कुछ महीने से भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री मंदी के दौर से गुज़र रही है और अब ये मंदी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। देश की ऑटो इंडस्ट्री ने लगभग दो दशक में पहली बार पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में रिकॉर्ड 30.98% कमी दर्ज की है।
मारुति सुजुकी ने जुलाई 2019 में 1,33,625 वाहनों का उत्पादन किया है। एक साल पहले इसी महीने में कंपनी ने 1,78,533 इकाइयों का उत्पादन किया था।
उद्योग संगठन फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने दावा किया है कि पिछले तीन माह के दौरान खुदरा विक्रेताओं ने बिक्री में भारी गिरावट की वजह से करीब दो लाख कर्मचारियों की छंटनी की है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने शुक्रवार को बैटरी चालित ई-वेरिटो की कीमत 80 हजार रुपये तक कम कर दी। कंपनी ने ई-वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर में कमी का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए यह फैसला किया है।
वाहन दिग्गज टाटा मोटर्स ने गुरुवार को अपने इलेक्ट्रिकल वाहन (इवी) टिगोर इवी (Tigor EV) की कीमतों में 80,000 रुपये तक की कटौती है।
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