भारत की शीर्ष महिला धावक हिमा दास ने दो सप्ताह के भीतर तीसरा स्वर्ण पदक जीता है।हिमा ने क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स प्रतियोगिता में महिलाओं की 200 मीटर स्पर्धा का गोल्ड अपने नाम किया।
असम की उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित कक्षा 12वीं की परीक्षा में हिमा ने आर्ट्स स्ट्रीम में 500 में से 349 अंक हासिल किए है।
समलैंगिकता की पक्षधर मशहूर टीवी होस्ट एलेन दे जेनेरेस ने कहा है कि उन्हें भारत की दुती चंद पर समलैंगिता को स्वीकार करने पर गर्व है।
हिमांशु तमाम कोशिशों के बाद भी इस समस्या को दूर नहीं कर पा रहे।
राष्ट्रमंडल खेलों की दो बार की स्वर्ण पदकधारी को अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने राहत देते हुए 2017 में हुए परीक्षण में उन पर पिछले साल लगा अस्थायी निलंबन वापस ले लिया।
हिमा ने कहा,‘‘जो भी नियम हैं मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है। अच्छे एथलीटों के साथ यह आम बात है। यह अच्छे एथलीटों के फायदे के लिये ही है।’’
मंगलवार शाम जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की एथलेटिक्स एकेडमी के अपने छात्रावास के कमरे में पालिंदर चौधरी पंख से लटकते मिले।
इस यूथ ओलंपिक में ये एथलेटिक्स में भारत का पहला मेडल है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बीते दिनों अपनी छाप छोड़ने वाली भारत की धावक हिमा दास ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इस साल अर्जुन अवार्ड की उम्मीद नहीं थी।
अरपिंदर सिंह ने आईएएएफ कांटिनेंटल कप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा, लेकिन भाला फेंक के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये।
यह भारत का दिन का पहला और कुल नौवां स्वर्ण पदक है। मनजीत ने 1 मिनट 46.15 सेकेंड का समय निकाला तो वहीं जॉनसन एक मिनट 46.35 सेकेंड का समय निकाला।
18वें एशियाई खेलों के 10वें दिन मंगलवार को भारत की पदकों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।
नौकरी के लिये उनकी फाइल साल 2014 से ही शासन में घूम रही है।
धारूण केवल आठ साल के थे जब उनके पिता की मौत हो गयी और तब से उनकी मां ने अकेले उन्हें पाल पोसकर बड़ा किया।
नीरज ने अपनी सर्वश्रेष्ठ थ्रो 88.06 मीटर की फेंकी और स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
सुधा ने नौ मिनट 40.03 सेंकेंड में दूरी तय करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया। यह भारत का दिन का तीसरा पदक और दूसरा रजत है।
भारतीय ओलम्पिक संघ और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा के बाद एथलीट आयोग ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि अब भारतीय महिला एथलीट किसी भी अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में साड़ी नहीं पहनेंगी।
शीतकालीन खेलों में लंबे समय से भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे शिवा केशवन ने प्योंगचांग शीतकालीन ओलंपिक की पुरुष ल्यूज एकल स्पर्धा में 34वें स्थान पर रहने के बाद अपने दो दशक से अधिक लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा।
भारत के शिवा केशवन प्योंगचांग शीतकालीन ओलंपिक खेलों में पुरूष एकल ल्यूज स्पर्धा के दो राउंड की हीट के बाद 34वें स्थान पर रहे। केशवन छठी और आखिरी बार शीतकालीन ओलंपिक खेल रहे हैं।
भारत ने विश्व ऐथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपने अभियान की निराशाजनक शुरूआत की जब फर्राटा धाविका दुतीचंद और रिले धावक मोहम्मद अनस याह्या पहले दौर की हीट में बाहर हो गए।
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