पटना में 25 दिसंबर को भाजपा के कार्यक्रम में 'ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम' गाने पर हंगामा हो गया है। इस घटना के बाद भोजपुरी गायिका देवी ने माफी भी मांगी है। इस पूरे मामले पर लालू यादव भड़क गए हैं।
आज EX Prime Minister and Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee की 100वीं जयंती है। इस मौके पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। Uttarakhand की राजधानी देहरादून में भी विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami, India Tv Chairman Rajat Sharma भी मौजूद रहे।
चंपई सोरेन ने कहा कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड को अलग राज्य नहीं बनाया होता, तो लोगों को और ज्यादा संघर्ष का सामना करना पड़ता। उन्होंने वाजपेयी को उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए यह बयान दिया।
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक थे। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। आज उनकी 100वीं जयंती है। इस मौके पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
विनम्र स्वभाव से लोगों के दिलों में राज करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व क्षमता अद्भुत थी। तीन बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी का अगस्त 2018 में निधन हो गया था। उनसे दिल्ली मेट्रो की भी विशेष यादें जुड़ी हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खजुराहो में देश की पहली महत्वाकांक्षी और बहुउद्देशीय केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास करेंगे। देश को नदी जोड़ो की परिकल्पना देने वाले वाजपेयी की जयंती पर यह मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी सौगात होगी।
धरती को सुजलाम् सुफलाम् करने और समृद्धि के नये आयाम स्थापित करने के लिये श्रद्धेय अटल जी ने लगभग 20 वर्ष पूर्व नदी जोड़ो अभियान की संकल्पना की थी। उन्होंने देशभर की नदियों को जोड़कर बिखरी पड़ी जलराशि के समुचित प्रबंधन का सपना देखा था।
भारतीय राजनीति में समय-समय पर एक से एक पुरोधा हुए हैं जिन्होंने भारतीय राजनीति की दिशा बदलने का काम किया है। आज के लोग अमित शाह को भारतीय राजनीति के चाणक्य के रूप में जानते हैं लेकिन आपको बता दें इनसे पहले भाजपा के चाणक्य कहे जाते थे प्रमोद महाजन। महाजन देश की राजनीतिक नब्ज को पहचानने वाले नेता थे।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने हाजिर जवाबी के लिए भी लोकप्रिय थे। ऐसा ही उनसे जुड़ा एक मजेदार वाकया पाकिस्तान को लेकर है।
Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary 2024: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बेहद शांत व्यक्ति थे. लेकिन ऐसा क्या हुआ ? जिस से अटल जी को गुस्सा आया और उन्होंने पाकिस्तान को नक्शे से मिटाने की कसम खा ली थी. देखें वीडियो
Atal Bihari Vajpayee 6th Death Anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी ने दहेज में क्यों मांगा था पाकिस्तान ? क्या थी वो पूरी घटना, देखें यह वीडियो
18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा जो तीन जुलाई तक चलेगा। लोकसभा सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक 26 जून को स्पीकर पद का चुनाव होगा। कितना अहम होता है स्पीकर का पद, क्या होते हैं अधिकार? जानें इस खास रिपोर्ट में-
अटल बिहारी वाजपेयी का बलरामपुर से गहरा नाता रहा है। वह 1957 के चुनाव में जनसंघ के टिकट पर यहां से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे लेकिन अगले ही चुनाव में एक अफवाह के चलते उन्हें पराजय झेलनी पड़ी थी।
12 जनवरी 2024 यानी कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के सबसे लंबे समुद्र पुल का उद्घाटन करेंगे। उससे पहले ब्रिज की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जो आपका दिल जीत लेंगी।
'आप की अदालत' के कटघरे में एक्टर पंकज त्रिपाठी नजर आए। उन्होंने इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों का सामना किया। इस दौरान उन्होंने अपनी आगामी फिल्म 'मैं अटल हूं' से जुड़ी कई अहम बातें साझा कीं।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 99वीं जयंती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने अटल जी के समाधि स्थल सदैव अटल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की।
देशभर में 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन मनाया जाएगा। 'सुशासन दिवस' के रूप में भाजपा इस दिन को मनाएगी और देशभर में कई कार्यक्रमों का इस दिन आयोजन किया जाएगा। इस बाबत भाजपा ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मीडिया सलाहकार रह चुके अशोक टंडन ने अपनी किताब द रिवर्स स्विंग: कॉलोनियलिज्म टू कोऑपरेशन में कई अहम खुलासा किया है।
पीएम मोदी ने संसद के विशेष सत्र के दौरान इमरजेंसी और अटल सरकार के एक वोट से गिरने के मामले का भी जिक्र किया। उन्होंने ये भी कहा कि आज छोटे-छोटे दलों ने इस लोकतंत्र को खूबसूरत बना दिया है। इस दौरान पीएम ने कोविड के संकटकाल का भी जिक्र किया।
अमित मालवीय ने कहा, 2014 के बाद, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने चंद्रमा मिशन को फास्ट ट्रैक पर रखा। चंद्रयान-2 को फंड किया और चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा। भारत द्वारा लॉन्च किए गए सभी चंद्रमा मिशनों की कल्पना भाजपा प्रधानमंत्रियों के तहत की गई थी।"
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