कोविशील्ड निर्माता एस्ट्राजेनेका ने पिछले हफ्ते कोर्ट में यह स्वीकार किया था कि उसकी वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, हालांकि एक्सपर्ट का कहना था कि जिन्हें ये टीका लगा है, उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उसकी कोविड वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के कारण शरीर में खून के थक्के जम सकते हैं। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया आगे चलकर स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट जैसी घटनाओं का कारण बनता है।
Good News: ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लेवल से गुजर रहे मरीजों के लिए एस्ट्राजेनेका की दवा बहुत ही कारगर साबित हुई है। भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने इस दवा को मंजूरी दे दी है।
भारत सरकार के दबाव के आगे UK को झुकना पड़ा है और UK ने Covishield वैक्सीन लगवा चुके लोगों को अपने यहां बिना क्वारंटीन दाखिल होने की अनुमति दे दी है।
प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन न्यू साउथ वेल्स में कोरोना वायरस के अधिक मामलों वाले इलाकों में लोगों को एस्ट्राजेनेका का बूस्टर टीका लगवाने के लिए प्रेरित करते हुए कल ‘‘विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर फैसला’’ लेते हुए नजर आए।
क्वीन्सलैंड और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया राज्यों की सरकारों ने 40 साल से कम उम्र के लोगों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन नहीं लगाने की सलाह देते हुए कहा है कि इनसे खून का थक्का जमने का जोखिम है।
पूनावाला ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
नॉर्वे और डेनमार्क ने एस्ट्रेजेनेका कोरोना वायरस वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यह वैक्सीन 65 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए भी सुरक्षित है।
नेपाल ने अपनी 20 प्रतिशत आबादी के लिये कोविड-19 का टीका हासिल करने में भारत से मदद मांगी है। मीडिया में बुधवार को आई खबर में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि हिमालयी राष्ट्र में इस महामारी से अब तक 1800 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जबकि 2.6 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित और एस्ट्राजेनेका द्वारा उत्पादित कोविड-19 टीके को बुधवार को ब्रिटेन के स्वतंत्र नियामक ने इंसानों पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी।
भारत में इस वैक्सीन को सीरम इंस्टिड्यूट ऑफ इंडिया तैयार कर रहा है और ऐसी संभावना है कि यूके में मंजूरी के बाद जल्द भारत में भी इस वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है|
भारत में इस वैक्सीन को सीरम इंस्टिड्यूट ऑफ इंडिया तैयार कर रहा है और ऐसी संभावना है कि यूके में मंजूरी के बाद जल्द भारत में भी इस वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है
फाइजर इंडिया, भारत में अपने कोविड -19 वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण की मांग करने वाले ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से संपर्क करने वाली पहली दवा फर्म बन गई है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा है कि यदि खतरे वाले लोगों को टीका लगाकर कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन रोकने में सफलता मिली तो शायद देश की पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं पड़े।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की तरफ से कहा गया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) तथा अन्य विनयामक संस्थाओं से मंजूरी के बाद 2021 की पहली छमाही तक ही दुनियाभर में वितरित किया जा सकेगा
Oxford covid-19 Vaccine AstraZeneca: कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों को बड़ा झटका लगा है।
लेकिन हल्के साइड इफेक्टस के बावजूद Sputnik V वैक्सीन लेने वाले सभी मरीजों में केरोना के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुआ है जो एक राहत की बात है और इससे पता चलता है कि वैक्सीन कोरोना के खिलाफ सफल हो रही है और शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत कर रही है।
Corona Vaccine AstraZeneca: मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि अमेरिका में वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल शुरू हो गया है।
सिप्ला, एबॉट, एस्ट्राजेनेका और डॉ. रेड्डीज समेत कई बड़ी कंपनियों द्वारा उत्पादित 634 दवाओं के दाम NPPA द्वारा तय सीमा से अधिक रखे जाने का संदेह है।
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