सोमवार को प्रियंका चोपड़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर अपने इनहेलर एड का लिंक शेयर करते हुए बताया कि उन्हें दमा है।
एक अध्ययन में सामने आया है कि एक बहुचर्चित एंटी ऑक्सीडेंट 'टैंपो' प्राकृतिक रूप से मौजूदा श्रेष्ठ एंटी ऑक्सीडेंट से 100 गुना ज्यादा शक्तिशाली है और इससे त्वचा को होने वाले नुकसान से लेकर अल्जाइमर बीमारी तक की रोकथाम की जा सकती है।
आर्युवेद की बात करें तो यह बहुत ही फायदेमंद औषधि मानी जाती है। इसके बीजों का इस्तेमाल कर आप कई बीमारियों से खुद का बचाव कर सकते है। इसके बीज बिल्कुल सरसों के दानों के बराबर होते है। जानिए इसके फायदों के बारें में।
आयुर्वेद में यारशागुंबा को जड़ी-बूटी की श्रेणी में रखा गया है जो हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में मिलता है। दरअसल यह एक मृत कीड़ा है जिसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सेक्स पावर बढ़ाने के अचुक नुस्खे होते हैं इसलिए इसे हिमालयी वियाग्रा भी कहा जाता है।
घर में मौजूद दीवारो की सीलन को आमतौर पर हम गंभीरता से नहीं लेते लेकिन यह जानने के बाद की घर में किसी भी रूप में मौजूद सीलन सांस सम्बंधी गम्भीर रोगों को जन्म दे सकती है। सात ही जानें किन 5 जगहों की जरुरी है वॉटरप्रूपिंग करना।
अस्थमा की समय पर पहचान और उसका इलाज करके इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी में दौरा तेज होते ही मरीज के दिल की धड़कन और सांस लेने की रफ्तार बढ़ जाती है।
World Asthma Day: हर साल मई माह के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। जो कि आज यानी कि 1 मई को पड़ रही है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ये बीमारी सबसे ज्यादा होती है। जिसका सबसे बड़ा कारण धूल रेस्पिरेटरी है। जानिए क्या है ये बीमारी, कारण, लक्षण के बारें में।
कॉकरोच आपकी सेहत के लिए कितने खतरनाक है। इनके कारण पेट संबंधी बीमारियां तो होती ही है बल्कि और कई गंभीर बीमारियां भी होती है। जामिए नसे कौन-कौन सी बीमारियां होती है और कैसे इनसे निजात पा सकते है।
नींद में कमी की सालाना लागत 150 अरब डॉलर है, क्योंकि इससे कार्यस्थल पर उत्पादकता घट जाती है। काम का दवाब, सहकर्मियों का दवाब और कठिन बॉस, ये सभी मिलकर लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बिगाड़ रहे हैं।
अगर आपकी भी ऐसी सोच है तो इस खबर को पढ़कर आप अपनी सोच को बदल देगे। जी हां पीले आम आपकी सेहत के लिए किसी जहर से कम नहीं है। जानिए क्यों...
पपीता में भरपूर मात्रा में विटामिन्स पाई जाती है। जो कि अन्य चीजों से 300 गुना अधिक होती है। जो कि आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है, लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि इसके भी साइड इफेक्ट होते है। जानिए क्या है।
शोधकर्ताओं ने एक नई एंटीबॉडी विकसित की है, जो वयस्कों में एलर्जी व दमा को रोकने में कारगर होगी। इस एंटीबॉडी को दवा के तौर पर लिया जा सकता है। इस शोध से एलर्जी की प्रभावी दवा बनाने की राह आसान हो सकती है।
वयस्कों की तुलना में बच्चे वायु प्रदूषण के आसानी से शिकार बन रहे हैं। वे अपने विकासशील फेफड़ों और इम्यून सिस्टम के चलते हवा में मौजूद विषैले तत्वों को सांस से अपने अंदर ले रहे हैं और अधिक जोखिम का शिकार बन रहे हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान मां के चीनी युक्त मीठे पेय का बहुत ज्यादा सेवन करने से उनके बच्चों को सात से आठ साल की उम्र में दमा होने का खतरा बढ़ जाता है। एक नए अध्ययन में यह चेताया गया है।
बादाम, मछली जैसे सैलमॉन, पटसन के बीज व सोयाबीन तेल में मौजूद जरूरी पॉलीअनसेचुरेटेड वसा अम्ल आपके बच्चों के आहार में शामिल होकर उन्हें एलर्जी संबंधी बीमारियों से दूर रखेंगे।
एक नए शोध में पाया गया है कि वे लोग जो प्रदूषित शहरी इलाकों में रहते हैं, लेकिन उनके पड़ोस में बहुत सारे पेड़ हैं, उन लोगों में सांस संबंधी रोग दमा (अस्थमा) जैसी समस्याएं कम होंगी।
स्मॉग के कारण आंखो में जलन और सांस लेने में भी प्रॉब्लम हो रही है। स्मॉग शब्द स्मोक और फॉग से मिल कर बना है। जो कि जहरीली गैसों से मिलकर बना है। जानिए क्या है ये, कैसे करें बचाव साथ ही जानें किन दिक्कतों का करना पड़ सकता है सामना।
गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं मछली का सेवन करती हैं, उनके बच्चे अस्थमा से मुक्त रह सकते हैं। एक नए अध्ययन के अनुसार, यह ठीक उसी प्रकार काम करता है, जिस तरह मछली के तेल की पूरक खुराक करती है
अस्थमा के लोगों में, इसी वायुमार्ग में सूजन आ जाती है, जिससे उनका गला बहुत अधिक संवेदनशील हो जाता है। इस वजह से, कुछ पदार्थो के प्रति वायुमार्ग कसके प्रतिक्रिया करता है। जानिए कैसे करें इससे बचाव...
अस्थमा एक पुराना श्वसन रोग है। यह ब्रोंकियल पैसेज के कम होते जाने का परिणाम है, जो फेफड़ों में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार होता है। जानिए इसके कारण और कैसे रखें बच्चों का ख्याल।
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