इस एस्ट्रॉइड को 2024 UQ नाम दिया गया। इसे पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने से केवल दो घंटे पहले खोजा गया था। इसका व्यास केवल 3 फीट (1 मीटर) था। इसलिए यह बड़ा खतरा नहीं था।
यह वही एपोफिस एस्टेरॉयड है, जिसे लेकर ISRO चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने चेतावनी दी थी कि ये खतरनाक है। इस एस्टेरॉयड की टक्कर वाली जगह से चारों तरफ करीब 20 km के इलाके में सामूहिक संहार हो जाएगा। किसी तरह के जीव-जंतुओं की आबादी नहीं बचेगी।
नई स्टडी में दावा किया गया है कि अब मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में खाना बना सकेंगे। कैसे बनाएंगे और क्या खाएंगे? जानिए पूरी डिटेल्स-
'लिविंग नास्त्रेदमस' की पहले से ही चार भविष्यवाणियां सच हो गई हैं और उसका कहना है कि और भी सच होंगी। एथोस सैलोमे को उम्मीद है कि वह दहशत नहीं फैलाएंगे बल्कि दुनिया को भविष्य की संभावनाओं के लिए तैयार करेंगे।
स्पेस से पृथ्वी की तरफ एक बड़ा क्षुद्रग्रह तेजी से बढ़ रहा है। इस क्षुद्रग्रगह की निगरानी नासा द्वारा की जा रही है। बता दें कि स क्षुत्र का आखार 220 फुट है, जिसका रफ्तार 435,388 है। बता दे किं इससे पृथ्वी पर कोई प्रभाव नहीं पड़े वाला है।
आसमान से धरती की तरफ आ रहे विशालकाय उल्कापिंड का नासा ने पता लगाया है। इसका नाम 2024 MT-1 रखा गया है, जिसका व्यासा लगभग 260 फीट है। नासा ने इसकी जानकारी दी है। चलिए बताते हैं कि क्या इससे पृथ्वी को कोई खतरा है या नहीं?
वैलेंटाइन डे के मौके पर आसमान में एक अद्भुत घटना देखने को मिलेगी। 14 परवरी यानी आज के ही दिन एक विशालकाय एस्टेरॉयड पृथ्वी के बिल्कुल करीब से गुजरेगा। जानिए इसके बारे में सबकुछ-
नासा ने अनुमान लगाया है कि पिछले कई वर्षों से सौरमंडल में चक्कर लगा रहा बेनू एस्टेरॉयड धरती से टकरा सकता है। इस टक्कर की वजह से धरती पर भयानक तबाही मच सकती है।
नासा ने OSIRIS-REx मिशन को सात साल पहले लॉन्च किया था एस्टेरॉयड के नमूने के साथ उटा रेगिस्तान में उतरा है। इससे सूर्य और ग्रहों के बारे में कई तरह की जानकारियां मिल सकती हैं। देखें वीडियो-
NASA DART Mission: ‘डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट’ (डार्ट) के अंतरिक्षयान ने इरादतन डाइमॉरफोस नाम के उल्कापिंड को 26 सितंबर को टक्कर मारी थी। डाइमॉरफोस वास्तव में डिडिमोस नाम के उल्कापिंड का पत्थर था।
NASA DART Mission: उल्कापिंड डाइमॉरफोस धरती के लिए कोई खतरा नहीं था, लेकिन इससे अंतरिक्षयान की टक्कर कराकर ये पता लगाने की कोशिश की गई है कि क्या भविष्य में उल्कापिंड की टक्कर से धरती को बचाने में मदद मिलेगी।
NASA DART Mission to Save Earth: वैज्ञानिकों के अनुसार अब वाकई धरती खत्म होने वाली है। इसकी वजह दो विशाल उल्का पिंड हैं, जो धरती पर गिरने वाले हैं। इससे धरती पूरी तरह चकनाचूर हो जाएगी। इस धरती पर तब कोई भी सुरक्षित नहीं बचेगा।
NASA DART Mission: इस टक्कर से, वैज्ञानिक ये पता लगाएंगे कि अंतरिक्ष में टक्कर के बाद उल्कापिंड पर क्या प्रभाव पड़ेगा। अंतरिक्षयान इस घटना की तस्वीरें भी लेगा, जिन्हें लाइव स्ट्रीम के जरिए नासा की वेबसाइट पर शाम 5:30 बजे जारी किया जाएगा।
जवाहर नवोदय विद्यालय के 16 विद्यार्थियों ने खगोलशाला क्षुद्रग्रह खोज अभियान-2021 के तहत आठ क्षुद्रग्रहों का पता लगाया है।
रविवार की रात आकाश में एक अनोखी खगोलीय घटना घटने वाली है। आज रात करीब 1 बजे एक विशालकाय एस्ट्रॉयड धरती के बेहद करीब से होकर गुजरेगा।
ब्रह्मांड का एक क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड) आने वाले समय में धरती के लिए मुसीबत साबित हो सकता है।
नासा के वैज्ञानिक भी इस एस्टेरॉयड को लेकर तैयारियां कर रहे हैं। अगर ये पृथ्वी से टकराया तो बड़े नुकसान की आशंका है लेकिन नासा को ऐसा नहीं लगता कि ये धरती से टकराएगा।
पिछले 29 करोड़ सालों में चांद और पृथ्वी से टकराने वाले एस्टेरॉएड्स में दो से तीन गुना व्द्धि हुई है। एक शोध में इस बात का खुलासा किया गया है। युनाइटेड किंगडम के साउथम्पटन में स्थित यूनिवर्सिटी में कार्यरत अन्तर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम ने इस बारे में बताया कि हालांकि इसके पीछे की वजह क्या है इस बारे में अभी भी कुछ पता नहीं चल सका है
NASA ने कहा है कि इस शुक्रवार 4.4 किलोमीटर के आकार का एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से होकर गुजरेगा।
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