पूर्वोत्तर में सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रही भाजपा ने इस बार के चुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी के चुनाव अभियान में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 जनवरी को राज्य में दो चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।
गुजरात में जीत का सिक्सर लगाने और हिमाचल में कमल खिलाने के बाद भाजपा ने 2017 का अग्निपथ तो पार कर लिया है लेकिन पार्टी का अब टारगेट है 2019 और उससे पहले भी 2018। 2018 में जिन 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाट
वर्ष 1967 से अब तक हुए विधानसभा चुनाव की बात करें तो हिमाचल प्रदेश में हुए पिछले 12 विधानसभा चुनावों में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का अधिकतर कब्जा रहा है। 1967 से लेकर अब तक 12 विधानसभा चुनाव में केवल तीन बार यहां का शासन कांग्रेस के हाथ लगा है जब
हिमाचल प्रदेश चुनाव पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बड़ा ऐलान किया है। प्रेम कुमार धूमल हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होंगे
जानकारी के मुताबिक पकड़े गए दोनों आतंकी गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान अहमदाबाद में किसी बड़े हमले की साजिश रच रहे थे। यहूदियों के धार्मिक स्थल इन दोनों के निशाने पर थे। दोनों आतंकी अहमदाबाद के खाडिया में मौजूद बहाई मंदिर को निशाना बनाने वाले थे और इ
ठाकोर ने शनिवार को दिल्ली में राहुल से मुलाकात की थी और बाद में उन्होंने घोषणा की थी कि वह जल्द ही पार्टी में शामिल हो सकते हैं। तकरीबन 22 साल से गुजरात में सत्ता से बाहर कांग्रेस हार्दिक पटेल, मेवानी और ठाकोर जैसे नेताओं को अपनी तरफ लाने की कोशिश कर
पिछले दो दिनों में हार्दिक पटेल के पांच करीबियों ने भाजपा का दामन थामा था। शनिवार को रेशमा और वरुण पार्टी में शामिल हुए। रविवार को नरेन्द्र पटेल के साथ रवि पटेल और महेश पटेल भी भाजपा में शामिल हो गये लेकिन नरेन्द्र ने पांच घंटे बाद ही आरोप लगा दिया क
शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा राहुल ने अपने अमेठी विधानसभा क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया है और वह प्रश्न उठा रहें हैं कि भाजपा ने गुजरात का कैसा विकास किया है।
शंकर सिंह वाघेला का दावा है कि उन्होंने कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहा और उन्होंने कांग्रेस आला कमान से कहा था कि वह चुनाव में 90 से ज़्यादा सीटें जितवा सकते हैं.
इससे पहले, बीते हफ्ते अमित शाह ने आनंदीबेन पटेल से मुलाकात भी की थी। कहा जा रहा है कि इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने टिकट बंटवारे पर चर्चा की थी। आनंदीबेन गुजरात के सबसे ताकतवर पटेल समुदाय से आती हैं। पाटीदारों के अलावा आनंदीबेन राज्य के लाखों महिला
लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का पक्ष लेते हुए चुनाव आयोग ने आज कहा कि ऐसा कुछ करने से पहले तमाम राजनीतिक पार्टियों को इसके लिए सहमत करना जरूरी है।
चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा है कि देश में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए निर्वाचन आयोग अगले वर्ष सितम्बर तक तैयारी पूरी कर लेगा, लेकिन एक साथ चुनाव कराने पर फैसला सरकार को लेना है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मंत्री पद पर बनने रहने के लिए किसी एक सदन का सदस्य बनना जरूरी है लेकिन उन्होंने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। बता दें कि 19 सितंबर को 6 महीने पूरे हो रहे हैं और यदि इस तारीख से पहले वो कि
नीति आयोग ने वर्ष 2024 से लोकसभा और विधानसभाओं के लिए दो चरणों में चुनाव करवाने का समर्थन किया है ताकि चुनाव प्रचार के कारण शासन में कम से कम व्यवधान सुनिश्चत हो सके। सरकारी थिंक टैंक ने कहा है कि लोकसभा और विधानसभा, दोनों चुनाव एक साथ कराना राष्ट्री
राजनीतिक दलों ने पिछले साल पांच राज्यों में एकत्र की गई राशि से ज्यादा धन खर्च किया और एक रिपोर्ट के अनुसार पार्टियों ने सिर्फ 355 करोड़ रुपये ही जमा किए लेकिन उन्होंने 573 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए।
हफ्ते के पहले ही दिन सेंसेक्स और निफ्टी में 0.25% की गिरावट देखने को मिल रही है। निफ्टी 9135 के नीचे और सेंसेक्स 29528 के नीचे कारोबार कर रहा है।
भारतीय शेयर बाजार विधानसभा चुनावों में हुई BJP की जीत का जश्न मना रहा है। BSE के सेंसेक्स और NSE के निफ्टी में दो फीसदी से अधिक की तेजी देखी जा रही थी।
एफपीआई ने इस महीने अभी तक भारतीय पूंजी बाजार में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। आगे भी निवेश जारी रहने की संभावना है।
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