असम NRC मामले में आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इस मामले की सुनवाई दोपहर 2 बजे जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी।
कविता बांग्ला में लिखी गई है और उसे बनर्जी के फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया है। इसमें उनका हस्ताक्षर और तारीख भी है।
प्रतीक हजेला ने कहा, मैं दबाव की परवाह नहीं करता। यह महाभारत के अर्जुन वाली बात है जिसे केवल मछली की आंख दिखती थी।
एनआरसी विवाद 2019 के आम चुनावों तक जारी रह सकता है।
असम के चाचार जिले में धारा 144 लागू होने के आधार पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को सिलचर के कुम्भिरग्राम हवाईअड्डे पर एक कमरे में रखा गया। प्रतिनिधिमंडल में छह सांसद, पश्चिम बंगाल के एक मंत्री और एक विधायक शामिल थे।
जब पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे की सरकार थी तो उस वक्त ममता बनर्जी अवैध बांग्लादेशियों को राज्य से बाहर निकालने के लिए जोर-शोर से आवाज उठाती रहीं।
असम में नेशनल सिटिजन रजिस्टर के मसौदे पर शिवसेना ने केंद्र का साथ दिया है, लेकिन साथ ही कश्मीरी पंडितों की वापसी पर सवाल भी दाग दिया।
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने इस मामले पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। असम के एनआरसी रिपोर्ट में चालीस लाख लोगों के नाम शामिल होने होने के कारण टीएमसी का एक डेलीगेशन कल सिलचर गया था लेकिन इस डेलीगेशन को एयरपोर्ट पर रोक दिया गया।
ये वीडियो उस एक सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट का हिस्सा है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असम में घुसपैठ की स्थिति का पता लगाने के लिए गठित किया था। ऑडियो-विजुअल की शक्ल में कमेटी की जांच रिपोर्ट को तो वैसे 2015 में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया था लेकिन इसमें जो बातें दिखाई और बताई गईं हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं।
एनआरसी पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी आज राज्यसभा में 2 बजे जवाब देंगे। उधर, भाजपा ने असम के बाद दिल्ली और बंगाल में भी नागरिक रजिस्टर बनाने की मांग की है।
दरअसल एनआरसी का सवाल संसद से सड़क तक सभी पार्टियों के लिए नाक का सवाल बन गया है। बीजेपी के इस फैसले ने सबको उलझा दिया है। बीजेपी बोल रही है, असम के बाद नंबर बंगाल का है और बीजेपी की सरकार आ गई तो वहां भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को खोला जाएगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा हुआ तो इससे देश में रक्तपात होगा और गृहयुद्ध छिड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी देश को बांटना चाहती है और यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मायावती ने कहा कि इस घटनाक्रम से प्रभावित लोगों में शामिल धार्मिक अल्पसंख्यकों में ज्यादातर बंगाली मुसलमान हैं, जबकि भाषाई अल्पसंख्यकों में बंगला बोलने वाले गै़र-मुस्लिम बंगाली हैं।
रिजीजू ने ट्वीट कर कहा, "राहुल गांधी कहते हैं कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) कांग्रेस की देन है और इसका कार्यान्वयन भाजपा सरकार में सुस्त रहा है, जिसका मतलब है कि इसे और सख्ती के साथ क्रियान्वित किया जाना चाहिए।"
तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि एनआरसी असम में एक सूची जारी की गई है और 40 लाख लोगों के नाम हटा दिये गए हैं। इनमें से ज्यादातर बंगाली है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह ताज्जुब की बात है कि इनमें से काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास आधार, पासपोर्ट और पहचान पत्र है।
Assam NRC issue: 40 साल रहने वाले 'विदेशी' तुम कब भारत छोड़ोगे?
कुरुक्षेत्र: 40 लाख बांग्लादेशी का हिंदुस्तान में क्या काम?
संपादक की पसंद