असम में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से बाहर होने वाले लोग भी मतदान कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने एनआरसी से रिजेक्ट हो चुके अधिकतर लोगों को मतदान का अधिकार दिया है।
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की उसके अनुषंगी संगठनों के साथ यहां बैठक में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किये जाने पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
माकपा ने शनिवार को कहा कि असम में एनआरसी से 19 लाख से अधिक लोगों को बाहर किए जाने से वैध नागरिकों को इसमें शामिल ना किए जाने की आशंका बढ़ गयी है।
असम सरकार ने शनिवार को दावा किया कि कई वास्तविक भारतीय राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची से छूट गये है लेकिन उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) में अपील करने का विकल्प उपलब्ध है।
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बांग्लादेशी मुस्लिमों को बाहर निकालने के लिए राज्य में एनआरसी लागू करने की शनिवार को मांग की।
असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची आने के बाद कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि एनआरसी की मौजूदा स्थिति से राज्य का हर वर्ग नाराज है और देश के वास्तविक नागरिकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी, 19.06 लाख लोगों को लिस्ट में जगह नहीं
असम में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल असम गण परिषद (अगप) ने एनआरसी की अंतिम सूची पर असंतोष जताते हुए शनिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय में इसकी समीक्षा की गुंजाइश है, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है।
ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू) शनिवार को जारी अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर रखे गये नामों के आंकड़े से खुश नहीं है और इसमें सुधार के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करने का निर्णय किया है।
असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गई। इसमें करीब 19.07 लाख आवेदकों को बाहर रखा गया है।
इसे राज्य में अवैध तरीक़े से घुस आए तथाकथित बंगलादेशियों के ख़िलाफ़ असम में हुए छह साल लंबे जनांदोलन के नतीजे के तौर पर भी समझा जा सकता है।
जब मसौदा एनआरसी का पिछले साल 30 जुलाई को प्रकाशन हुआ था, तब उसमें से 40.7 लाख लोगों को सूची से बाहर रखे जाने पर खासा विवाद हुआ था।
असम में विवादित राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को लेकर अब सांप्रदायिक विभाजन का भी खुलासा हुआ है। पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने वाले सूत्रों ने रविवार को बताया कि एनआरसी में नाम दर्ज करवाने के लिए मुसलमानों से अधिक हिंदुओं ने फर्जी दस्तावेज जमा कराए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के मामले में सरकार को झटका देते हुए हुए असम में एनआरसी की प्रक्रिया दोहराने से इंकार कर दिया है।
केंद्र और राज्य सरकार ने एनआरसी में शामिल नागरिकों के नमूने के सत्यापन का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ लगते जिलों में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण लाखों लोगों को गलत रूप से असम एनआरसी में शामिल किया गया।
जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय महासचिव के. सी. त्यागी ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी पहले से चले आ रहे विवादास्पद मुद्दों को लेकर अपने पुराने रुख पर कायम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के लोगों को शुक्रवार को भरोसा दिलाया कि एनआरसी से कोई भी असल नागरिक नहीं छूटेगा और उन्होंने नागरिकता विधेयक को संसद की जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई।
असम NRC मामले में आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इस मामले की सुनवाई दोपहर 2 बजे जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी।
केंद्र सरकार पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि देश को तोड़ने की साजिश हो रही है। मौजूदा सरकार के तहत कई घोटालों और महंगाई के कारण आम लोगों का जीवन तबाह हो रहा है।
ममता बनर्जी ने कहा कि वह काफी भाग्यवान हैं कि वह पश्चिम बंगाल में पैदा हुईं, नहीं तो उन्हें भी घुसपैठिया कहा जाता।
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