गहलोत-पायलट के बीच जारी खींचतान पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस की स्वार्थ की राजनीति का नुकसान राजस्थान को भी उठाना पड़ रहा है। यहां कुर्सी लूटने व कुर्सी बचाने का खेल चल रहा है।
राजस्थान में एक ही मंच पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे तो अपने-अपने भाषणों में बिना किसी का नाम लिए, एक दूसरे पर निशाने साधे।
PM मोदी ने कहा कि हमारे देश में कुछ लोग ऐसी विकृत विचारधारा के शिकार हो चुके हैं, इतनी नकारात्मकता से भरे हुए हैं कि देश में कुछ भी अच्छा होता हुआ वह देखना ही नहीं चाहते।
इस साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव हैं ऐसे में पीएम मोदी राजस्थान की सियासी पिच पर आज क्या कुछ बोलते हैं वो काफी अहम होगा। आज के कार्यक्रम में रैली भले ही सबसे आखिर में हो लेकिन सबकी नज़र पीएम मोदी के यहां होने वाले भाषण पर होगी।
अशोक गहलोत के बयान पर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि किसी को गलतफहमी न हो कि सरकार को उसने बचाया। सरकार को सोनिया गांधी ने बचाया है। राहुल और सोनिया के चेहरे पर सरकार बची है।
अशोक गहलोत ने कहा था कि राजस्थान में सरकार बचाने के पीछे बीजेपी नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का हाथ है। गहलोत के इस बयान को लेकर सचिन पायलट आज आग बबूला दिखे।
अशोक गहलोत के दावे से राजस्थान की सियासत में हड़कंप मच गया है। गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार 2020 के राजनीतिक संकट से बच गई क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और विधायक कैलाश मेघवाल ने उनकी सरकार को गिराने के ‘षडयंत्र’ का समर्थन नहीं किया।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से जब यह सवाल किया गया कि राजस्थान मॉडल के राहत कैम्प को लेकर कर्नाटक चुनावों में उतरे हैं कितना फीड बैक मिल रहा है? इस पर उन्होंने कहा कि पहले से कांग्रेस को लेकर यहां अच्छी ओपिनियन है।
सीएम गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह कहते हैं कि वह आरोपी नहीं हैं। जब आप आरोपी नहीं हैं तो आप जमानत के लिए उच्च न्यायालय क्यों गए? या तो सिंह को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए, या प्रधानमंत्री को ऐसे भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त करना चाहिए।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि यह बडे़ नेताओं का शगूफा है आपस में कि किस तरह से पायलट को दरकिनार किया जाये।
जोधपुर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का गृह जिला है जहां विस्थापित हिंदुओं के 70 आशियानों पर बुलडोजर चला है। वहीं, अपना घर टूटता हुआ देख महिलाएं रोने लगी, बच्चे चीखने चिल्लाने लगे।
यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ माफियाओं पर बुलडोजर चला रहे हैं... बाहुबलियों को मिट्टी में मिला रहे हैं... लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार हिंदुओं को ही बेघर करने पर तुली है.
Stone Pelting In Rajasthan's Malpura: राजस्थान के टोंक का मालपुरा कस्बा अचानक हिंसा की चपेट में आ गया. बाइक की स्पीड को लेकर शुरू हुआ विवाद इतना गरमाया कि लोग एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए . हाथों में तलवारें, फरसा और लाठी- डंडे लेकर गलियों में घूमने लगे. कई घंटे तक मालपुरा में कोहराम मचा रहा.
श्रीलंका केध्यान केंद्र मंदिर में सुविधाओं को बढ़ाएगा और भारत तथा अन्य स्थानों से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने में मदद करेगा। ’’ अशोक वाटिका श्रीलंका में एक उद्यान है जिसके बारे में माना जाता है कि हिंदू महाकाव्य रामायण के मुताबिक रावण ने यहां सीता को बंदी बना कर रखा था। बगीचे का नाम अशोक के पेड़ के नाम पर रखा गया था।
सचिन पायलट पिछले सप्ताह जयपुर में धरने पर बैठे थे। वह वसुंधरा राजे सरकार के दौरान भ्रष्टाचार में कथित रूप से शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस ने इसे ‘पार्टी विरोधी गतिविधि’ करार दिया।
अशोक गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंप पर हमला बोलते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि अगर आपको कैंप लगाना ही है तो भ्रष्टाचार राहत कैंप लगाओ। इससे महंगाई अपने आप ही कम हो जाएगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी विधायकों के साथ वन-टू-वन संवाद कर रहे हैं ताकि चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी पकड़ को मजबूत कर सके। हालांकि सचिन पायलट का नहीं आना चर्चा का विषय बना हुआ है।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने अतीक अहमद की हत्या पर कहा कि उत्तर प्रदेश में जो हो रहा है, वह आसान रास्ता है। कानून का पालन करना मुश्किल काम है। गहलोत ने रविवार को पत्रकारों से बात करने के दौरान ये बात कही।
वैसे तो अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जंग पिछले कई वर्षों से चल रही है लेकिन 11 अप्रैल को सचिन पायलट ने एक ऐसा दांव चला, जिससे कांग्रेस पार्टी और गहलोत सरकार ही मुश्किल में आ गई। इसे लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया है।
सचिन पायलट के खिलाफ अभी कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। पार्टी आलाकमान नहीं चाहता कि कोई ऐसा फैसला लिया जाए, जिससे उन्हें आगामी विधानसभा कौर लोकसभा चुनावों में नुकसान उठाना पड़े।
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