इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच करारी टक्कर होनी तय है। कांग्रेस चुनावों से पहले अपने सभी अंदरूनी झगड़े सुलझा लेना चाहती है। इसी क्रम में अब पार्टी आलाकमान का पूरा ध्यान इसी मसले पर है।
भारतीय जनता पार्टी ने गहलोत सरकार का महाघेराव करने की योजना बनाई है। इसके लिए पार्टी 5 लाख कार्यकर्ताओं को जुटाएगी। पार्टी एकजुटता और सामूहिक नेतृत्व पर भी जोर देगी।
एक युवती ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर मोदी, अशोक गहलोत और सोनू सूद से मदद मांगी। जिसके बाद पुलिस और सखी वन स्टाप सेंटर की टीम ने महिला को उसके ससुराल से निकाला। फिर जो कहानी सामने आई उसे सुनकर लोगों के होश ही उड़ गए।
सूबे में ऑर्गेनिक खेती के लिए कुल मिलाकर 1.20 लाख हेक्टेयर इलाके को चिन्हित किया जाएगा और इसके बाद 50 हजार किसानों को 5-5 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
राजस्थान में सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच अदावत खत्म नहीं हुई है। पायलट ने ऐलान किया था कि वो एक नई पार्टी बनाएंगे लेकिन वेणुगोपाल ने इसे अफवाह करार दिया है।
अशोक गहलोत ने कहा कि वह सचिन पायलट को ढाई साल की उम्र से जानते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुई सुलह बैठक के दौरान पायलट ने खुद उन्हें यह बताया था।
गहलोत सरकार के पूर्ववर्ती कार्यकाल में मंत्री रहे भरत सिंह कुंदनपुर कोटा के सांगोद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि जब ‘‘दुकानदार बूढ़ा हो जाता है’’, तो अगली पीढ़ी आगे की सीट ले लेती है जबकि बुजुर्ग दुकानदार नजर रखता है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट पार्टी का दामन छोड़ सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वे 11 जून को अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान कर सकते हैं।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जयपुर में माली महासंगम कार्यक्रम के अवसर पर जनता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद थे। लगातार गहलोत के समर्थन में हो रही नारेबाजी से ओम बिरला भी असहज महसूस करने लगे।
अशोक गहलोत चुनावों से पहले पूरे प्रशासन को अपने हिसाब से सेट करना चाह रहे हैं। प्रदेश में साल के आखिरी में चुनाव प्रस्तावित हैं। उससे पहले सीएम गहलोत लगातार कई बड़े फैसले ले रहे हैं।
पिछले दिनों कांग्रेस आलाकमान ने दोनों नेताओं को बुलाकर बैठक की थी और कहा गया था कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सभी मसलों को हल कर लिया गया है। पार्टी दोनों नेताओं के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। लेकिन पायलट का रुख इस ओर इशारा नहीं कर रहे हैं।
मायावती ने राजस्थान, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना की बीजेपी, कांग्रेस और बीआरएस की सरकार को घेरे में लिया है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों की सरकारों ने जनता की उम्मीदों को पूरा नहीं किया है और जनत के साथ धोखा किया है।
इस साल के अंत में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले सीएम अशोक गहलोत का यह ऐलान बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। इन चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। माना जा रहा है कि गहलोत के इस ऐलान से कांग्रेस बीजेपी से एक कदम आगे हो गई है।
बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सभी मुद्दे सुलझा लिए गए हैं और दोनों नेता आगामी चुनाव में मिलकर चुनाव लड़ेंगे और पार्टी को एकबार फिर से सत्ता में लायेंगे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी ही पार्टी के नेता सचिन पायलट पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है।
अशोक गहलोत भी सचिन पायलट पर आक्रामक होने के बजाय एकजुट होकर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं, जिसे सुलह का रास्ता निकालने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
'इस सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं। मुझे लगता है कि गूगल-पे जिसे जी-पे कहा जाता है, आजकल राजस्थान में जी-पे का मतलब गहलोत-पे हो गया है।
जयपुर के पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि सूटकेस में मौजूद कैश को गिना गया तो यह 2.31 करोड़ रुपये निकला और सोने का वजन एक किलो था।
राजस्था सरकार की योजना सभी देवस्थान मंदिरों पर भगवा ध्वज (झंडे) फहराने की है। यहां यह बताना जरूरी है कि विपक्ष गहलोत सरकार पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगा रहा है।
गहलोत और पायलट के समर्थकों ने गुरुवार को AICC सचिव और राजस्थान सह-प्रभारी अमृता धवन के दौरे से पहले अजमेर में मारपीट की।
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