आसियान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तुर्की, समेत कई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ वार्तालाप और द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान कई अहम क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
लाओस में आज समुद्री सीमा विवाद और म्यांमार के संकट पर सबसे बड़ी बैठक होने जा रही है। इसमें भारत की भूमिका सबसे अहम मानी जा रही है। दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी से कई देश परेशान हैं। वहीं म्यांमार में गृहयुद्ध चल रहा है।
दूतावास ने भारतीयों को नौकरी दिलाने का झूठा झांसा देने वालों के खिलाफ आगाह करते हुए एक परामर्श जारी किया है। जयशंकर ने बैठक के दौरान आसियान और पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए लाओस को भारत की ओर से पूर्ण समर्थन भी दिया।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आसियान शिखर सम्मेलन में चीन के समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है। इस दौरान भारत-चीन संबंधों में स्थिरता लाने के लिए सीमा विवाद सुलझाने, पूर्व समझौतों का सम्मान करने और डिसइंगेजमेंट को लेकर सहमति बनाई गई।
विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में कहा कि जयशंकर की लाओस यात्रा इसलिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इस वर्ष भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक दशक पूरा हो रहा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी।
भारत ने नई दिल्ली में आसियान समिट का आयोजन किया। इसके बाद आसियान समूह के देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने को मुख्य मुद्दा बनाया। साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भरोसा जताया कि आसियान समूह के देशों के साथ यह भागीदारी निश्चित ही बढ़ेगी।
भारत-10 देशों के समूह आसियान का व्यापार 2022-23 में बढ़कर 131.58 अरब डॉलर हो गया है। दोनों पक्षों का लक्ष्य 2025 में समीक्षा समाप्त करने का है।
सिंगापुर के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बातचीत की है। वह सिंगापुर के राष्ट्रपति षणमुगारत्नम से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने आसियान देशों के क्षेत्रीय राजदूतों के सम्मेलन की इस दौरान अध्यक्षता भी की। भारत ने सिंगापुर के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में अवसर तलाशा।
आसियान सम्मेलन से पीएम मोदी ने चीन को सख्त संदेश दिया है। चीन द्वारा हाल में जारी विवादित नक्शे को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान के लिए सभी देशों को मिलकर संयुक्त प्रयास करना चाहिए। चीन ने हाल में जारी नक्शे में भारत समेत कई अन्य देशों के हिस्से को अपना दर्शाया है।
दिल्ली में G20 सम्मेलन होने वाला है..देश में होने वाले अब तक के सबसे बड़े आयोजन के बीच पीएम मोदी आज आसियान समिट में शिरकत करने इंडोनेशिया पहुचे हैं.....पीएम मोदी ने वहां आसियान इंडिया शिखर सम्मेलन को संबोधित किया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया के दौरे पर गए हुए हैं। इस दौरान जकार्ता पहुंचे प्रधानमंत्री का प्रवासी भारतीयों ने जमकर स्वागत किया। बता दें कि पीएम मोदी यहां 20वें आशियान-भारत समिट और 18वें ईस्ट एशिया समिट में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर, प्रधान मंत्री 7 सितंबर को होने वाले 20वें आसियान भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए जकार्ता का दौरा करेंगे।
ASEAN सम्मेलन इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में मंगलवार से शुरू हो रहा है। इसमें दक्षिण चीन सागर में चीनी दबदबे और म्यांमार में हो रही हिंसा का मुद्दा छाया रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते इंडोनेशिया में होने वाले आशियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं। यह बैठक इंडोनेशिया में 6-7 सितंबर को होनी है। बता दें कि जी-20 की बैठक भी नई दिल्ली में 7 से 10 दिसंबर के बीच होनी है। भारत के लिए यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण है।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने गुरुवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष जेम्स क्लेवरली से मुलाकात की। इस दौरान उनके समक्ष ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का मामला उठाया।
विदेश मंत्री एक हफ्ते के लिए इंडोनेशिया और थाईलैंड की यात्रा समेत आसियान और बिम्सटेक देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेना पहुंच गए हैं। एस जयशंकर ने सबसे पहले इंडोनेशिया पहुंचकर वहां आसियान महासचिव डॉ. काओ किम होर्न के साथ बैठक की। इस दौरान साइबर और समुद्री सुरक्षा पर भारत का मुख्य फोकस रहा। हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भी।
Indonesia Appeal to India: इंडोनेशिया ने भारत से अपील करते हुए कहा है कि वह आसियान की पॉलिसी का सम्मान करे और इसके पांच सूत्री समझौते का पालन करे।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इसी बीच आसियान सम्मेलन में यूक्रेन के विदेशमंत्री दिमित्री कलेवा ने भारत के विदेशमंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान जंग कैसे खत्म की जाए, इस पर यूक्रेन ने अपनी चिंता भारत के साथ जताई। साथ ही अन्य मुद्दों पर भी विमर्श हुआ।
INDIA-ASEAN Meet: आसियान में शामिल देशों के विदेशमंत्री दो दिन के दौरे पर दिल्ली आए हैं। वे यहां भारत की मेजबानी में आयोजित होने वाले आसियान देशों के सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं।
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