हैदराबाद से सांसद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों को वोटों की मशीन नहीं बनना चाहिए। इतनी बड़ी ताकत में होने के बावजूद उन्होंने कुछ हासिल नहीं किया, जबिक सभी बिरादरियों के नेता हैं। रविवार को नगीना में शोषित वंचित समाज सम्मेलन में आए ओवैसी ने बसपा सपा और भाजपा पर जमकर प्रहार किए।
2014 में प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के सत्ता संभालने के बाद अमूमन सभी राज्यों में मोदी भरोसे ही बीजेपी की नैया पार हुई।
ओवैसी ने कहा कि मेरठ में जाम की समस्या आज तक जिनसे हल नहीं हुई वो गंगा एक्सप्रेसवे बनाने की बात कर रहे हैं। महंगाई आसमान पर है, साबुन से लेकर बनियान तक सब पर GST लगा दी लेकिन गंगा एक्सप्रेएस वे की बात करते हैं। मोदी जी आप कितना लंबी लंबी फेंकते हैं।
महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव पर इंडिया टीवी के साथ विशेष बातचीत में असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि मोदी सरकार मोहल्ले के अंकल की तरह बर्ताव कर रही है। युवाओं को अपने फैसले खुद लेने का अधिकार होना चाहिए। युवाओं को बच्चों की तरह ट्रीट करना बंद करें।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के एक जिलाध्यक्ष का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सिखाया जा रहा है- ओवैसी को पीएम बनाना है, तो मुसलमानों को और ज्यादा बच्चे पैदा करने होंगे। उनका तर्क है कि मुस्लिम अधिक बच्चे पैदा नहीं करेंगे, तो कैसे हमारी कौम भारत पर राज करेगी।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 83 फीसदी मुसलमानों के पास जमीन नहीं है। 1 फीसदी मराठा के पास जमीन नहीं। क्या शरद पवार का दिल मराठा के लिए ही धड़केगा, कहा कि इंसाफ है ये। न कांग्रेस न एनसीपी मुसलमानों की बात नहीं करते, सिर्फ मराठा आरक्षण की बात करते हैं।
संसद के दोनों सदनों (लोकसभा/राज्यसभा) से कृषि कानून वापसी के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि चुनावों को ध्यान में रखकर कानून वापस किए गए हैं। कृषि कानूनों की वापसी से मोदी सरकार को सबक मिला है।
ओवैसी ने कहा, ''भाजपा को जिन्ना और पाकिस्तान से इतना प्यार है कि हम किसानों के लिये गन्ना-गन्ना कर रहे हैं और भाजपा-आरएसएस जिन्ना-जिन्ना कर रही है"
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश दोनों को तय करना चाहिए कि मैं किसका एजेंट हूं।
इससे पहले टिकैत ने हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी का चाचा जान बताकर उन पर निशाना साधा था। उन्होंने ओवैसी पर CAA कानून को निरस्त करने की मांग करने पर पलटवार किया था।
योगी आदित्यनाथ ने सीएए के नाम पर सांप्रदायिक उन्माद भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।
महाराष्ट्र के सोलापुर में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद ए मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी पर जमकर हमला बोला। ओवैसी ने कहा कि क्या शिवसेना सेक्युलर पार्टी है? एनसीपी-कांग्रेस सेक्युलरिज्म के सर्टिफिकेट बांटती है।
बता दें कि यूपी के बाराबंकी में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शोषित वंचित समाज सम्मेलन में कहा था कि बीजेपी सरकार ने जैसे तीनों कृषि बिल कानून वापस लिया है, उसी तरह CAA और NRC कानून को भी वापस लेना चाहिए।
मोहसिन रजा ने कहा, "आपके पुर्वजों ने पाकिस्तान बनाना था, उसे बना लिया, अगर ज्यादा पीड़ा है तो जा सकते हैं, आपको देश में कोई पकड़कर नहीं बैठा है।"
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 'हम 100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हम 1-2 और पार्टियों के साथ बातचीत कर रहे हैं, समय बताएगा कि हम गठबंधन करेंगे या नहीं। चुनाव में क्या होगा ये उसका परिणाम बताएगा।'
ओवैसी ने कहा, "बड़ा प्रचार भाजपा ने किया था कि एक देश के लिए एक चुनाव होना चाहिए, यह भी गलत है, मोदी सरकार वो बड़े बड़े उद्योगपतियों का इस्तेमाल कर रही थी बैसाखी बनाकर, इनको आने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी हार नजर आ गई है।"
ओवैसी ने कहा है कि प्रधानमंत्री कभी भी जन आंदोलन को हराने में कामयाब नहीं हुए हैं, सिर्फ उत्पीड़न किया है। ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी के 'एक देश एक चुनाव' के आइडिया पर भी सवालिया निशान लगा दिया और कहा कि वह भी एक खराब आइडिया है।
ओवैसी ने हैदराबाद के पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार को पत्र सौंपा था। पत्र में कहा गया है कि पुस्तक की सामग्री और आपत्तिजनक बयानों का इस्तेमाल पैगंबर को मानने वाले और इस्लामिक सिद्धांतों का पालन करने वालों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है।
इस पूरे घटनाक्रम में ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि अल जज़ीरा की रिपोर्ट को AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हाथोंहाथ लपक लिया।
ओवैसी ने कहा, "हकीकत यह है कि टू नेशन थ्योरी की सबसे पहले बात करने वाले सावरकर थे, उसके बाद मोहम्मद अली जिन्ना थे। तो भारत के जो मुसलमान हैं उन्होंने भारत को अपना वतन माना और टू नेशन थ्योरी को रिजेक्ट किया। जिन्ना से हमारा कोई ताल्लुक ही नहीं है।"
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