सरकार आज से आरंभ हो रहे संसद के बजट सत्र में तीन तलाक विरोधी विधेयक को पारित कराने की पुरजोर कोशिश करेगी, हालांकि विपक्ष से उसे कडे़ विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि आगामी बजट में कर मुक्त आय की सीमा ढाई से बढ़ाकर तीन लाख रुपए की जा सकती है। कुछ विश्लषकों का मानना है कि सरकार वेतन भोगियों को कुछ राहत देने के लिए फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन शुरू कर सकती है।
Budget 2018: आगामी बजट में टैक्स में मिल सकती है छूट, पेट्रोल और डीजल पर कम हो सकता है टैक्स, बजट में युनिवर्सल बेसिक इनकम पर हो सकती है घोषणा, नौकरियां बढ़ाने पर ज्यादा फोकस
एक परंपरा बजट पेश करने के समय को लेकर भी थी, जो कि 2001 में तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने खत्म की थी। Y2K यानि वर्ष 2000 तक देश का आम बजट शाम 5 बजट पेश होता था।
सरकार का मकसद है कि देश के हर गावं के 5 किलोमीटर के दायरे में बैंकिंग सेवा उपलब्ध हो और इसी मकसद की पूर्ति कि लिए बैंकों में पूंजी डाली जा रही है
दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत बुधवार को क्रमश: 72.43 रुपए प्रति लीटर, 75.13 रुपए प्रति लीटर और 75.12 रुपए प्रति लीटर रही।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उनके मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने को लेकर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद योजना तैयार की है।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि पहली बार बैंक से जुड़े लोगों के 65 करोड़ बैंक खातों पर न्यूनतम बैलेंस शेष जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
आइए जानते हैं इस कोर टीम के बारे में और कौन से अहम सदस्य इस काम में वित्त मंत्री को मदद प्रदान कर रहे हैं।
वेतनभोगी कर्मचारी उत्सुकता से आम बजट 2018 का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार उन्हें इनकम टैक्स में कुछ राहत दे सकती है। कानून के अनुसार वेतनभोगी कर्मचारियों को कई कटौती का लाभ मिलता है।
महंगे पेट्रोल-डीजल की आग में जल रही जनता को थोड़ी राहत मिल सकती है। तेल मंत्रालय पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में और कटौती करने पर विचार कर रहा है।
देश का आम बजट (Union Budget) पेश होने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं। 19 जनवरी को बजट दस्तावेजों की छपाई की की विधिवत शुरुआत हो गई। भारतीय बजट परंपरा में इसे हलवा सेरेमनी कहा जाता है।
हलवा सेरेमनी के साथ बजट 2018 की विधिवत शुरुआत हो गई। शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हलवा बांट कर बजट डॉक्यूमेंट्स की विधिवत छपाई का काम शुरू किया।
देश का आम बजट पेश होने में अभी दो सप्ताह से कम का समय बचा है। लेकिन इससे पहले सरकार ने महंगाई से जूझ रहे आम लोगों को बड़ी राहत दे दी है।
पिछले साल यानि 2017 का बजट कई मायनों में बेहद अलग था। पिछली बार न न सिर्फ बजट की तारीखों में बदलाव किया गया, वहीं 2017 से रेल बजट की रवायत भी खत्म कर दी गई।
इस साल 1 फरवरी को जब वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना बजट भाषण पढ़ रहे होंगे तो उस वक्त मध्यम वर्ग की निगाहें और उम्मीदें उन पर टिकी होंगी।
आयकर वसूली के मोर्चे पर सरकार को बड़ी राहत मिली है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ माह में प्रत्यक्ष कर वसूली 18.2 प्रतिशत बढ़कर 6.56 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंकों को अपनी विश्वसनीयता बहाल करनी चाहिए और समाज के लिए काम करना चाहिए क्योंकि करदाता उन्हें चलाने के लिए त्याग कर रहे हैं।
सरकार ने प्रमुख वैश्विक संस्थाओं की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आज कहा कि देश की अर्थव्यवस्था का रुख सकारात्मक है और वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक विकास दर 7.4 प्रतिशत होने के आसार हैं।
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