ऑल्टमैन ने एक्स पर पोस्ट किया, "मुझे ओपनएआई में अपना समय बहुत पसंद आया। यह दुनिया के लिए थोड़ा परिवर्तनकारी था। सबसे ज्यादा मुझे ऐसे प्रतिभाशाली लोगों के साथ काम करना पसंद आया। आगे क्या होगा, इसके बारे में बाद में और कुछ कहूंगा।"
अगर आप इंस्टाग्राम या फिर फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं तो आपका एक्सपीरियंस बदलने वाला है। मेटा ने दोनों प्लेटफॉर्म के लिए दो नए टूल्स लॉन्च किए हैं। खास बात यह है कि दोनों ही टूल्स AI को सपोर्ट करते हैं। इनकी मदद से यूजर्स अपने वीडियो और रील्स को ज्यादा क्रिएटिव बना सकते हैं।
एडोब के 'फ्यूचर वर्कफोर्स स्टडी फॉर इंडिया' के अनुसार, जहां 81 प्रतिशत जेन जेड कर्मचारियों ने अपने काम को बढ़ाने के लिए जेनरेटिव एआई का लाभ उठाया है, वहीं 45 प्रतिशत अपनी नौकरी से संबंधित कठिन कौशल के लिए प्रशिक्षण चाहते हैं, जबकि 40 प्रतिशत सॉफ्ट स्किल के लिए प्रशिक्षण चाहते हैं।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार कृत्रिम बारिश करवाने के विकल्प पर विचार कर रही है लेकिन यह काम इतना आसान भी नहीं है।
सोशल मीडिया में रश्मिका मंदाना का फेक वीडियो वायरल होते ही डीपफेक टेक्नोलॉजी की जमकर चर्चा हो रही है। एक्टर अमिताभ बच्चन ने भी डीपफेक वीडियो को लेकर चिंता जाहिर की है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर ये डीपफेक वीडियो क्या हैं, कैसे बनते हैं और इनकी पहचान कैसे की जा सकती है।
एलन मस्क की कंपनी XAI ने अपना पहला AI टूल Grok लॉन्च कर दिया है। मस्क का यह AI टूल ChatGPT और Google Bard को कड़ी टक्कर देगा। मस्क ने Grok को मार्केट में पहले से मौजूद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स से ज्यादा बेहतर बताया है। कंपनी ने Grok को इस तरह से डिजाइन किया है कि इससे प्रश्न पूछने पर फनी तरीके से रिप्लाई मिलेगा।
AI के बढ़ते प्रभाव के बीच अब यह सवाल आम हो गया है कि क्या यह नई तकनीक लोगों की नौकरियां का जाएगी, और अगर ऐसा है तो कौन से सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
ओपनएआई ने जब से चैटजीपीटी को लॉन्च किया है तब से यह एआई टूल सुर्खियों में बना हुआ है। ओपन एआई इसमें लगातार नए नए अपडेट दे रहा है ताकि यूजर्स एक एक्सपीरियंस को बेहतर किया जा सके। अब कंपनी ने चैटजीपीट में नया फीचर जोड़ा है जिससे यह पहले से ज्यादा ताकतवर हो गया है।
ओपन एआई ने पिछले साल अपना चैटबॉट चैटजीपीटी को लॉन्च किया था। कंपनी इसे लगातार इंप्रूव कर रही है ताकि यूजर्स को एक्सपीरियंस को बेहतर बनाया जा सके। लॉन्च के बाद से ओपनएआई ने इसमें कई नए फीचर्स ऐडऑन किए हैं। हाल ही में ओपनएआई ने इसे लेकर बड़ा अपडेट दिया है जिसके बाद अब आप बोल कर भी इस टूल से इंफॉर्मेशन ले सकते हैं।
अगर आप टेक्नोलॉजी में इंट्रेस्ट रखते हैं तो ओपन एआई का नाम जरूर सुना होगा। कंपनी ने पिछले साल चैटजीपीटी को लॉन्च किया था। अब कंपनी ने एक नया टूल लॉन्च किया है। इस टूल की मदद से आप आसानी से टेक्स्ट की मदद से इमेज को क्रिएट कर पाएंगे।
अगर आप स्मार्टफोन या फिर लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए गुड न्यूज है। गूगल ने अब अपने यूजर्स को बड़ी सुविधा दे दी है। गूगल ने अब यूट्यूब, मैप्स, डॉक्स में AI चैटबॉट बार्ड का सपोर्ट दे दिया है। गूगल ने इस एआई टूल को मार्च में लॉन्च किया था।
पाकिस्तान की सरकार ने अपने बैंकों और नियामकों से कहा है कि वे अपने कामकाज में भारत से जुड़ी IT और AI कंपनियों की सेवाएं लेने से परहेज करने को कहा है।
इस अध्ययन में 867 विभिन्न पेशों से जुड़े ऐसे करीब 19,000 कार्यों का परीक्षण किया गया जो AI से प्रभावित हो सकते हैं। इससे पता चला कि वित्तीय सेवाओं और पूंजी बाजार के अलावा बीमा एवं पेंशन प्रबंधन उद्योग में जनरेटिव एआई का इस्तेमाल सबसे अधिक बढ़ने का अनुमान है।
भारत की आन, बान और शान कहलाने वाले ताजमहल को कैसे बनाया गया था इसकी कल्पना करते हुए AI ने उस दौर की तस्वीरें जारी की हैं। आप भी देखिए।
जोमैटो के ऐप में ग्राहकों को AI बेस्ड इंटरैक्टिव चैटबॉट का ऑप्शन मिलेगा। इस चैटबॉट की मदद से यूजर्स को फूड बुकिंग के लिए ऑर्डर प्लेस्ड करने का एक्सपीरियंस पहले से ज्यादा पर्सनलाइज्ड और सुविधाजनक हो जाएगा। एआई टूल के बाद ऐप ज्यादा इंटरैक्टिव हो गया है।
गूगल की मानें तो इस AI सर्च टूल की मदद से अगर आप किसी बड़े टॉपिक को सर्च करते है तो यह फीचर आपको उस आर्टिकल के महत्वपूर्ण प्वाइंट को शो करेगा। गूगल के इस नए फीचर को गूगल सर्च के एक्सप्लोर ऑन द पेज में जाकर एक्सेस किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरे देशों को केवल बाजार मानने से काम नहीं चलेगा और इससे अंत में उत्पादक देशों को भी नुकसान होगा। आगे बढ़ने का रास्ता यही है कि इस प्रगति में सभी को समान भागीदार बनाया जाए।
अभी तक ट्रांसलेशन के लिए ज्यादातर लोग गूगल ट्रांसलेशन का ही इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब मेटा ने अपना एक AI ट्रांसलेशन टूल लॉन्च किया है। इस टूल की मदद से आप टेक्स्ट के साथ स्पीच को टेक्स्ट में ट्रांसलेट कर सकते हैं।
AI सॉफ्टवेयर मिडजर्नी ने कुछ तस्वीरें जारी की हैं जिसमें यह दिखाया गया है कि आज से 1000 साल बाद इंसान कैसा दिखेगा।
चार में से तीन कामकाजी पेशेवरों का मानना है कि अगर उन्होंने अपना कौशल विकसित नहीं किया तो टेक्नोलॉजी उनकी नौकरियों की जगह ले लेगी।
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