राहुल गांधी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना एक ऐसा कदम था जो देश में पहले कभी नहीं उठाया गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके जरिये ‘‘उत्तर प्रदेश और गुजरात के नौकरशाहों’’ को केंद्र शासित प्रदेश पर शासन करने के लिए छोड़ दिया गया।
नित्यानंद राय ने कहा कि इन घटनाओं में 98 नागरिक भी मारे गए और उस समय से करीब 5.3 करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए, सबसे बड़ी जिम्मेदारी युवाओं की है। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद स्थिति और खराब हो गई है और वे (केंद्र) न केवल हमारी जमीन और नौकरियां छीन रहे हैं, बल्कि हमारे सम्मान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। वे तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक वे हमारा अस्तित्व खत्म नहीं कर देते।’’
जम्मू एवं कश्मीर में जब अनुच्छेद 370 लागू था तब दूसरे राज्यों के लोग वहां जमीन नहीं खरीद सकते थे। सिर्फ राज्य के लोग ही वहां पर जमीन और अचल संपत्ति खरीद सकते थे। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राज्य के बाहर के लोग भी वहां जमीन खरीद सकते हैं।
केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा लिया था और जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करके दोनों को अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था।
अगस्त 2019 में, सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया। रैली को संबोधित करते हुए, अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए उनके द्वारा की जा रही वकालत का भी बचाव किया।
संघ प्रमुख ने कहा कि पिछले महीने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने देखा कि जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम छात्रों का कहना था कि वे भारत का हिस्सा बने रहना चाहते हैं और अब वे बिना किसी बाधा के भारतीय बने रह सकते हैं।
बता दें कि बीजेपी ने वर्ष 2018 में पीडीपी नीत गठबंधन सरकार से तीन साल के बाद समर्थन वापस ले लिया था। महबूबा ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी क्योंकि उनका उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद-370 को बहाल करना है।
इससे पहले उन्होने पिछले विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन का बचाव करते हुए कहा कि जब तक पार्टियां गठबंधन में थीं तो उन्होंने अनुच्छेद 370 खत्म करने नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की राजनीतिक कार्य संस्कृति को भी बदल कर रख दिया है और आज उनके नेतृत्व में जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण की राजनीति की जगह विकासवाद की राजनीतिक संस्कृति प्रतिष्ठित हुई है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज शाम पहली बार श्रीनगर पहुंचे। वे 2 दिनों तक घाटी में रहकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे।
केंद्र सरकार के हालिया प्रयासों की पृष्ठभूमि के खिलाफ, जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू और कश्मीर में अपने प्रशासन की योजनाओं और रणनीतियों पर इंडिया टीवी से विशेष रूप से बात की।
इंडिया टीवी को दिए एक्सक्लूसिव साक्षात्कार में मनोज सिन्हा ने कहा कि जमीनी स्तर पर अनुच्छेद 370 हटाने का असर दिख रहा है। जम्मू-कश्मीर की जनता बड़ा बदलाव देख रही है। जम्मू-कश्मीर में बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देन है।
भारत ने मुस्लिम देशों के संगठन से कहा कि उसे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए।
5 अगस्त 2019, ये तारीख को अगर भारतीय इतिहास में पढ़ाया जाने लगे तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। इस दिन जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिलाने वाले आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया गया। अब अगर यह समझना है कि Article 370 को कैसे खत्म किया गया? तो पहले समझिए कि इसमें था क्या? क्योंकि, Article 370 को हटाने का रास्ता भी Article 370 में ही था लेकिन बस थोड़ा जटिल रास्ता था।
5 अगस्त 2019, ये तारीख को अगर भारतीय इतिहास में पढ़ाया जाने लगे तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी। इस दिन जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिलाने वाले आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया गया। अब अगर यह समझना है कि Article 370 को कैसे खत्म किया गया? तो पहले समझिए कि इसमें था क्या? क्योंकि, Article 370 को हटाने का रास्ता भी Article 370 में ही था लेकिन बस थोड़ा जटिल रास्ता था।
जम्मू कश्मीर से ऐतिहासिक आर्टिकल 370 हटाए जाने के 5 अगस्त को दो साल पूरे हो गए है। वर्ष 2019 में 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटा दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रवाधानों का हटाया जाना एक ऐतिहासिक घटना थी।
भारत ने आज से ठीक दो साल पहले 5 अगस्त 2019 को जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करते हुए अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटा लिया था।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू और कश्मीर के राजनीतिक नेताओं से मिलने के एक दिन बाद, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद – जिन्होंने पीएम के साथ बैठक में सबसे पुरानी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया – इंडिया टीवी के साथ एक विशेष बातचीत में जम्मू-कश्मीर के नेताओं की पीएम के साथ बातचीत की जानकारी दी।
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