आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ( JKAP) ने श्रीनगर में अब तक की सबसे बड़ी राजनीतिक रैली की है। इस रैली में हजारों की संख्या में भीड़ जुटी। बता दें कि इस पार्टी को साल 2020 में पीडीपी के पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी ने बनाया था, जिसमें पीडीपी के बागी नेता भी शामिल हुए थे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि देश में राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर सियासत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई सियासी मजबूरी इस हद तक की नहीं होनी चाहिए कि अपने ही राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचे।
Jammu And Kashmir: राज्य में भूमि के स्वामित्व, बिक्री और खरीद को नियंत्रित करने वाले चार प्रमुख राज्य कानूनों में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए थे। कानून को संशोधित करने के बाद स्थानीय लोगों के बीच खुशी देखी गई। इस कानून से प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
Amit Shah: वहीं इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 30 सितंबर को राज्य के दौरे पर पहुंचने वाले थे। लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से उनके दौरे में बदलाव कर दिया गया। शाह का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान वे कई अहम घोषणाएं भी कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट को दशहरे की छुट्टी के बाद याचिकाओं पर सुनवाई के लिए फिर से 5 जजों की बेंच बनानी होगी।
Mehbooba Mufti on J&K School: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटाया जाना रास नहीं आ रहा है। तभी वह किसी ना किसी बहाने अक्सर भाजपा और मोदी सरकार पर हमले बोलती रहती हैं। इस बार महबूबा का दर्द भी अजीबोगरीब है।
कांग्रेस ने रविवार को अपने पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद पर पार्टी छोड़ने के बाद अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के कदम पर अपना रुख बदलने का आरोप लगाया और कहा कि इस मुद्दे पर उनके (आजाद) ‘‘झूठ’’ का पर्दाफाश किया जाना चाहिए।
Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाने के बाद घाटी में बदलाव की बयार बह रही है। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और शोपियां में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक-एक मल्टीपर्पज सिनेमा हॉल का उद्घाटन किया।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मैंने कुछ अच्छा काम किया होगा, क्योंकि यह प्रधानमंत्री किसी के लिए आंसू नहीं बहाते हैं।
Ghulam Nabi Azad: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि उन्होंने कभी अनुच्छेद 370 की बहाली की संभावना से इनकार नहीं किया, लेकिन कहा कि यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है और केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही ऐसा तुरंत कर सकते हैं।
गुलाम नबी आजाद ने अपने सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को यकीन दिलाया कि वह जम्मू-कश्मीर की खुशहाली और विकास के लिए काम करेंगे।
Jammu Kashmir: कांग्रेस के पूर्व नेता और जम्मू कश्मीर में अपनी पार्टी बना कर चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले गुलाम नबी आजाद ने कल एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जम्मू कश्मीर में फिर से धारा 370 बहाल करना संभव नहीं है। अब इस पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया आई है।
पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर के लिए एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने रविवार को कहा कि उन्होंने अपने नए राजनीतिक एजेंडे में अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा नहीं किया है, क्योंकि वह झूठे वादे करने में विश्वास नहीं रखते हैं।
Jammu Kashmir News: गुलाम अली के नामांकन को कई मामलों में अहम माना जा रहा है। क्योंकि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से पहले इस समुदाय का विधायी निकायों में बहुत कम प्रतिनिधित्व था।
Abrogation of Article 370 Third Anniversary : कभी पत्थरबाजी के चलते अंधकारमय भविष्य के तरफ धकेले जा रहे युवकों की तस्वीरों की जगह चमक-दमक वाले स्टेडियम में खेल कूद करते युवक-युवतियां नज़र आए।
Article 370: 5 अगस्त को कश्मीर से धारा 370 को हटाए हुए 3 साल हो चुके हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर धारा 370 को हटाए जाने की याद दिला दी है। इसे याद करते हुए उन्होंने भारत के खिलाफ जहर उगल दिया। इमरान खान ने कहा कि कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर चुप रहा।
जिन विवादित मुद्दों को पिछली सरकारों ने छूने तक की हिम्मत नहीं दिखाई, उन्हें मोदी सरकार ने एक झटके में जड़ से खत्म कर दिया। मोदी सरकार जिस बड़ा फैसले को लेकर सबको चौंका दिया इनमें सबसे अहम फैसला था जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना।
अमित शाह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रों और प्रोफेसर्स को संबोधित करते हुए देश की रक्षा नीति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बनने से पहले देश की कोई रक्षा नीति नहीं थी। विदेश नीति को ही रक्षा नीति मानते थे। इस देश पर सालों से हमारे पड़ोसी देशों द्वारा प्रछन्न रूप से हमले होते थे, आतंकवादी भेजे जाते थे।
मोदी सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर को 2 केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।
केंद्रशासित प्रदेश के बाहर के 34 लोगों ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां संपत्तियां खरीदी हैं। ये संपत्तियां जम्मू, रियासी, ऊधमपुर और गांदेरबल जिलों में हैं।
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